मानवता को बचाने व मार्गदर्शन करने वाला पवित्र ग्रंथ है श्रीमद् भगवद गीता: बंडारू दत्तात्रेय

punjabkesari.in Monday, Dec 13, 2021 - 11:58 AM (IST)

कुरुक्षेत्र : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि मानवता के लिए श्रीमदभगवद गीता प्रेरणादायक ग्रंथ है। यह ग्रंथ पूरी मानवता को बचाने व इसका मार्गदर्शन करता है। इसलिए हर व्यक्ति को गीता ज्ञान प्राप्त कर मानवता के उत्थान में अपना योगदान देना चाहिए। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय रविवार को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आयोजित संत सम्मेलन में बोल रहे थे।

इससे पहले राज्यपाल बंडारु दतात्रेय, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, गुरू शरणानंद कासनी महाराज, योग गुरु स्वामी रामदेव, स्वामी अवधेशानंद, हरिचेतनानंद, ईमाम मोह मद ईलयासी, बाबा उपेन्द्र सिंह, आचार्य लोकेश मुनी, साक्षी गोपालदास, स्वामी दयानंद सरस्वती, ज्ञानानेश्वरी, साध्वी देवी प्रिय, संजीव कृष्ण ठाकुर, स्वामी परमानंद, स्वामी स पूर्णानंद, जमनपुर ज्ञानेश्वरी, देवप्रिय, भद्रकाली पीठाध्यक्ष सतपाल महाराज, परमानंद हंस, संपूर्णानंद महाराज, हरिओम परिव्राजक, सांसद रत्नलाल कटारिया, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा ने दीप प्रज्जवलित करने के उपरांत गीता पूजन कर विधिवत रूप से संत स मेलन का शुभारंभ किया। इस स मेलन देश के कई प्रबुद्ध संतों एवं सन्यासियों ने श्रीमद भगवद गीता पर अपने विचार प्रस्तुत कर धर्म नगरी कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान की धारा का प्रवाह किया।

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने सभी संतों का परिचय करवाते हुए कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता राष्ट्र ही नहीं पूरी मानवता का गौरव है। इस धरा से विश्व के कोने-कोन तक पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश पहुंचे। संत सम्मेलन में योग गुरु बाबा राम देव ने कहा कि योग, कर्म व धर्म जीवन का सार है। जिस व्यक्ति ने गीता पढ़ ली समझो उसने योग भी कर लिया। भारतवासी कर्म को ही धर्म मानते हैं इसलिए हम दुनियां के अन्य देशों से काफी आगे हैं। उन्होंने कहा कि कर्म के दम पर व्यक्ति की भी बुलंदी को छू सकता है।

उन्होंने कहा कि योग, कर्म व धर्म के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है जिसके दम पर भारत वर्ष 2045 तक पुनः विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बनेगा। गुरु शरणानंद महाराज ने गीता उपदेश के वृतांत से प्रार भ किया। उन्होंने कहा कि गीता उपदेश दो घनिष्ठ मित्रों के बीच हुई गुफ्तगू है जो पूरा मानवता के लिए प्रेरणादायक है। ईमाम मोह मद ईलयासी ने कहा कि मैंने सच मुच " गीता को नहीं पढ़ा है लेकिन संतों के साथ रहकर गीता के ज्ञान को अवश्य ग्रहण किया है और इस ग्रंथ को समझा है। उन्होंने कहा कि हर धर्म व मजहब की पूजा पद्धति अलग-अलग हो सकती है लेकिन सभी का उद्देश्य ईश्वर की प्राप्ति करना है। इस अवसर पर विधायक सुभाष सुधा ने सभी संत महात्माओं का स्वागत करते हुए कुरुक्षेत्र की धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को निमित बनाकर समस्त मानव जाति के लिए गीता का संदेश प्रतिपादित किया था।

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Content Writer

Manisha rana

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