सिख गुरुओं ने भारत को एकता के सूत्र में पिरोया: गृहमंत्री अमित शाह

punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 09:32 PM (IST)

पंचकूला : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह बुधवार को हरियाणा दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। अपने दौरे की शुरुआत उन्होंने सहकारिता सम्मेलन से की, जहां उन्होंने किसानों और सहकारी क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर बात रखी। कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने छोटे साहिबजादों पर लिखी गई एक कॉफी टेबल बुक का भी लोकार्पण किया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने साहिबजादों की शहादत को याद करते हुए कहा कि उनकी कुर्बानी को स्मरण करने मात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह महीना बलिदान और त्याग की स्मृति का महीना है। बाबा जोरावर सिंह, जिनकी उम्र मात्र 9 वर्ष थी और बाबा फतेह सिंह, जिनकी उम्र सिर्फ 7 वर्ष थी, उन्हें लालच दिए गए, लेकिन उन्होंने अपने धर्म और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और शहादत को स्वीकार किया।

अमित शाह ने कहा कि इतनी कम उम्र में ऐसा साहस और संकल्प असाधारण है। यह संस्कार उन्हें अपनी माता से मिले होंगे। सिख गुरुओं ने भारत को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया है और देश उनके योगदान को कभी भुला नहीं सकता।

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उन्होंने गुरु तेग बहादुर को याद करते हुए कहा कि यदि गुरु तेग बहादुर नहीं होते तो आज हिंदू समाज का अस्तित्व ही संकट में होता। कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, इसी कारण उन्हें ‘हिंद की चादर’ कहा जाता है। अमित शाह ने कहा कि सिख गुरुओं का बलिदान और योगदान भारत की आत्मा का अभिन्न हिस्सा है।

वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादों का बलिदान सम्पूर्ण मानवता के लिए साहस, आस्था और आत्मसम्मान की अमर मिसाल है। बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी ने अत्याचार और प्रलोभन के सामने झुकने के बजाय धर्म और सत्य के मार्ग को चुना, जिससे उन्होंने यह सिद्ध किया कि भारत की आत्मा कभी भय से पराजित नहीं होती।


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Content Writer

Yakeen Kumar

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