अलग-अलग बैंकों में साइबर क्राइम में फंसा हुआ लगभग 125 करोड़ रुपए हम रोक पाए हैं: अमित दहिया

punjabkesari.in Monday, Jul 01, 2024 - 07:13 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): लगातार आधुनिकता की ओर बढ़ रही दुनिया में अपराधी भी हाईटेक हुए हैं। वहीं अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने भी अपने तौर तरीके काफी हद तक बदल लिए हैं। लठ के सहारे चलने वाली हरियाणा पुलिस में लगातार हो रही पढ़े-लिखे नौजवानों की भर्ती अपराधियों के लिए जी का जंजाल बनी हुई हैं। क्योंकि अब आधुनिकता का पूरी तरह से प्रयोग किया जाता है। साइबर अपराध में हो रही बढ़ोतरी को कंट्रोल करने के लिए और भोले भाले लोगों के साथ ठगी करने वाले ऐसे अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे डालने के लिए स्पेशल साइबर पुलिस शाखा बनाई हुई है, जिसके ऑल ओवर इंचार्ज पुलिस अधीक्षक अमित दहिया हैं। किस प्रकार से साइबर पुलिस ऐसे अपराधियों को पकड़ पाती है और आम जनमानस को किस प्रकार से अलर्ट रहना है, इससे संबंधित इनसे लंबी बातचीत हुई, जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:

 

प्रशन:- दिन-ब-दिन नए-नए तरीकों से साइबर अपराध किए जा रहे हैं, पुलिस कितनी अलर्ट है ?

उत्तर:- इसके लिए नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया हुआ है और रोज लगभग हमारे पास 1800 से 2000 साइबर अपराध से जुड़ी कॉल आती हैं, जिसमें से 250 से 300 कॉल्स पैसों की ठगी से संबंधित होती है। मैं सबसे आग्रह करूंगा कि ऐसी घटना घटने पर बैंक में जाने से पहले 1930 पर कॉल करें ताकि हमें सही वक्त पर जानकारी मिले और हम  आपका पैसा तुरन्त ब्लॉक करवा सके। सितंबर तक हरियाणा पुलिस 8 से 10 फ़ीसदी ही पैसा रोक सक रही थी, अब 37-38 फ़ीसदी के आसपास हम पैसा रोक पा रहे हैं। अगर हमें 5-6 घंटे के अंदर कॉल आ जाती है तो हम 60- 70 फ़ीसदी तक पैसा लगभग रोक लेते हैं।

 

प्रशन:- ऐसे मामलों में बैंकों के साथ आपका तालमेल कैसे रहता है ?

उत्तर:- हमने अपनी 112 वाली बिल्डिंग में बैंकों के नोडल अधिकारीगन साइबर टीम के साथ ही बिठा रखे हैं ताकि वह लाइव देख पाए और हमें जानकारी दे पाए कि पैसे कहां से कैसे और कहां गए हैं और हम तुरंत पैसों को ब्लॉक कर सकें। 9 बड़े बैंकों के 14 मैनेजरस हमारी साइबर टीम के साथ बैठे हुए हैं। उनकी मदद से हम तुरंत प्रभाव से पैसा फ्रीज कर सकते हैं।

 

प्रशन:- पंचकूला में एक गरीब व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हुआ था, आपने बड़ी रिकवरी की थी, मामला क्या था ?

उत्तर:- देखिए इसमें बैंक मैनेजर हमारी बहुत मदद साबित होते हैं। यह काफी पुराना मुकदमा है। जिसमें साढे 9 लाख रुपए की ठगी हुई थी और हमने साढे 7 लाख रुपए फ्रीज किए थे। कुछ पैसा हावड़ा से निकल गया था। एचडीएफसी के मैनेजर ने हमें बताया कि हावड़ा के एचडीएफसी मैनेजर ने उन्हें लाइव वीडियो प्रोवाइड की थी। हमने तुरंत यहां के संबंधित एस एच ओ को वहां भेजा और 8-10 घंटे में ही हमने साइबर अपराधी को हावड़ा में पकड़ लिया और उससे कंप्लीट रिकवरी की थी।

 

प्रशन:- जनता सावधान कैसे रहे, कैसे साइबर ठगी से बच पाए, थोड़ा जागरूक करें ?

उत्तर:- देखिए, थोड़ी-थोड़ी लापरवाही से हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है। आजकल नकली वेबसाइट के माध्यम से भी ठगी की जा रही है, जिसमें शेयर मार्केट में पैसा दोगुना इत्यादि करने के लुभावने सपने दिखाए जाते हैं। कुछ फ्रॉड साइट्स भी बनाई हुई है जिसमें झूठे सपने दिखाए जाते हैं। शुरुआत में 20-25 दिन में ही कुछ अमाउंट वापस भी भेजा जाता है, लेकिन जब उनके पास बड़ा अमाउंट पहुंच जाता है तो फिर उनका अकाउंट नंबर, फोन व अन्य संपर्क के साधन बंद हो जाते हैं। उसके बाद हमारे पास पीड़ित पहुंचते हैं और अपनी नुकसान की जानकारी शेयर करते हैं। हम अकाउंट को वेरीफाई करते हैं जो भी हमारी संबंधित कार्रवाई होती है करते हैं। लेकिन कई मामलों में देखा कि काफी देर हो गई होती है।

 

प्रशन:- अभी तक दर्ज एफ आई आर में कितनी  रिकवरी साइबर पुलिस द्वारा की गई है ?

उत्तर:- 1930 पर कॉल के अनुसार जो पैसा फ्रॉड हो चुका है या निकाला जा चुका है या अलग-अलग बैंकों में फंसा हुआ है लगभग 125 करोड रुपए हम रोक पाए हैं।

 

प्रशन:- हरियाणा में साइबर से संबंधित कितने और कहां-कहां थाने हैं ?

उत्तर:- हरियाणा एक पहला ऐसा राज्य है जिसमें सभी जिलों में साइबर थाने मौजूद है। गुड़गांव में चार, फरीदाबाद में तीन, पंचकूला में दो थाने हैं और एक नोडल थाना भी है।

 

प्रशन:- कुछ समय पहले जामताड़ा चर्चा में रहा, मेवात में भी एक बड़ा ऑपरेशन आपने किया। ऐसे मामलों में कितने सिम बंद करवाए जा चुके हैं ?

उत्तर:- जो नंबर हमें विक्टिम बताते हैं हम उन्हें 24 घंटे में बंद कर देते हैं ताकि आगे उस नंबर से किसी भी प्रकार की बैंकिंग ट्रांजैक्शन ना हो पाए। अब तक हमने लगभग 1,15,000 सिम बंद किए हैं। हमने 50 हॉटस्पॉट वेरीफाई किए हैं। हमारी सीआईए और एसएचओ साइबर लगातार ऐसे क्षेत्र में रेड करते हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से पिछले 5 महीनो में हमने 1700 साइबर क्रिमिनल्स को पकड़ा है।

 

प्रशन:- आजकल लोग अधिकतर अपने मोबाइल के माध्यम से लेनदेन करते है, ऐसे में अवेयर कैसे रहे ?

उत्तर:- किसी भी अनजान चीज पर क्लिक बिल्कुल मत करें। कई बार बाद में पता चलता है कि आपके मोबाइल का आपने कंप्लीट एक्सेस किसी ओर को दे दिया है। कई बार फोन पर ओटीपी आ जाती है वह किसी को ना बताएं। क्योंकि जालसाज अलग-अलग तरीकों से सामने वाले को बेवकूफ बनाने की कोशिश करते हैं। व्हाट्सएप सेटिंग्स में एक लोक की ऑप्शन होती है इसके बाद आपको कोई भी किसी भी अनजान ग्रुप में ऐड नहीं कर सकता। लेकिन आमतौर पर वह हम खुला छोड़ देते हैं और हमें कोई भी ग्रुप में जोड़ देता है। जिसमें यह दिखाया जाता है कि लोग बहुत पैसा कमा रहे हैं। इस लालच में लोग फंस जाते हैं। इसके साथ-साथ अनजान व्यक्ति की फोटो डाउनलोड बिल्कुल मत करें क्योंकि वह फोटो ना होकर कोई वायरस भी हो सकता है जो आपके मोबाइल का कंट्रोल दूसरे के हाथ में दे सकता है। इसके साथ-साथ फेसबुक पर अपनी निजी चीज साझा बिल्कुल मत करें। साइबर फ्रॉड्स आपके बारे में बहुत सी जानकारी आपकी फेसबुक के माध्यम से भी बटोरते हैं। फ्री के एप भी डाउनलोड मत करें जो भी काम फोन से करना है बहुत सोच समझकर किया जाना चाहिए क्योंकि यह दो धारी तलवार है। 

 

प्रशन:- हरियाणा में ऐसे कौन-कौन से क्षेत्र में है जहां इस प्रकार के अपराध और अपराधी ज्यादा पाए गए ?

उत्तर:- मैंने आपको बताया कि हमने ऐसे 50 हॉटस्पॉट एरिया चिन्हित किए हुए हैं, जहां से सबसे अधिक कॉल जनरेट हुई, कुछ एटीएम क्षेत्र ऐसे हैं जहां से सबसे अधिक पैसा गया। हमारी सीआईए टीम और साइबर एसएचओ को लगातार रेड्स के लिए दिशा निर्देश दिए जाते हैं। हम ऐसे क्षेत्रों पर पैनी निगाह बनाए रखते हैं।

 

प्रशन:- क्या सीआईए इत्यादि के साथ आपका तालमेल इमरजेंसी रेडस के लिए लगातार बना रहता है ? 

उत्तर:- हरियाणा पुलिस के साथ तो हमारा सहयोग और तालमेल रहता ही है, इसके साथ-साथ हम अन्य प्रदेशों जैसे उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड इत्यादि की पुलिस के साथ भी तालमेल रखते हैं। एसपी टू एसपी हम बात करते हैं। हम आपस में अपनी जानकारी शेयर करते हैं। इस प्रकार से हम लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनने से रोक पा रहे हैं।

 

 


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Content Editor

Nitish Jamwal

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