अवैध खनन को लेकर प्रदेश सरकार ने उठाए ये कदम, नूंह में DSP की हत्या के बाद छिड़ी बहस

punjabkesari.in Tuesday, Jul 19, 2022 - 07:53 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा सरकार ने प्रदेश में अवैध खनन रोकने के लिए समय-समय पर कड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स (डीएलटीएफ) का गठन किया है। यह टास्क फोर्स प्रभावित क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करती है और जमीनी स्तर पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह सक्षम है। हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि अवैध खनन का मतलब केवल खनन सामग्री का अवैध उत्खनन ही नहीं, बल्कि वाहनों द्वारा खनन सामग्री का अवैध परिवहन भी शामिल है। इसी के चलते खान, भूविज्ञान विभाग के साथ-साथ पुलिस द्वारा अवैध रूप से खनन सामग्री ले जाने वाले ऐसे वाहनों को जब्त किया जाता है। प्रवक्ता ने बताया कि खनन विभाग को हाल ही में पुलिस विभाग से 18 पुलिसकर्मी (1 निरीक्षक, 4 उप निरीक्षक, 4 हैड कांस्टेबल एवं 9 कांस्टेबल) प्रतिनियुक्ति पर मिले हैं, जिन्हें अवैध खनन की जांच के लिए तैनात किया गया है। निकट भविष्य में 60 और पुलिसकर्मी शामिल होंगे।

 

2022-23 में अवैध खनन को लेकर दर्ज हुई 138 एफआईआर

प्रवक्ता के मुताबिक वर्ष 2022-23 में अवैध खनन को लेकर 138 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके साथ ही 253 वाहनों को जब्त कर लगभग 1 करोड़ 31 लाख  रुपए से अधिक जुर्माना वसूला गया है। नूंह में वर्ष 2022-23 में अवैध खनन में शामिल 68 वाहनों को जब्त किया गया है और 23 एफआईआर दर्ज की गई हैं। नूंह में अवैध खनन करने वालों से 4 लाख 28 हजार रुपए से अधिक जुर्माना वसूल किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में खनन की नियमित निगरानी के लिए सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही भविष्य में किसी खनिज के खनन ठेका क्षेत्र से खनन सामग्री ले जाने वाले सभी वाहनों को जीपीएस से लैस किया जाएगा। 

 

अवैध खनन की संभावना वाले संवेदनशील क्षेत्रों की होगी पहचान

प्रवक्ता ने कहा कि अवैध खनन को लेकर उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षक को सरकार की ओर से सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि सभी डीसी यह सुनिश्चित करेंगे कि अवैध खनन पर की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स की नियमित बैठक बुलाई जाए। वहीं अवैध खनन की जांच और अवैध खनन की संभावना वाले संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की जाए और अधिकारियों की विशेष टीमें नियमित रूप से संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण करें।

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Content Writer

Vivek Rai

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