शिवालिक क्षेत्र की पहाड़ियों से पांच किमी के दायरे में माइनिंग रोकना जरूरी : विजय बंसल

punjabkesari.in Thursday, Jun 01, 2023 - 01:56 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): शिवालिक क्षेत्र की पहाड़ियों से पांच किमी के दायरे में माइनिंग रोकने के लिए शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष एवं हाईकोर्ट में जनहित याचिका डालकर माइनिंग माफिया पर रोकथाम लगवाने वाले विजय बंसल एडवोकेट ने सीएम मनोहर लाल से मांग की है।उनका कहना है कि निरंतर हो रहे माइनिंग से भूमि कटाव हो रहा है जोकि एक बड़े हादसे को न्यौता है।इसके साथ ही उनका कहना है कि समय रहते पहाड़ियों के 5 किमी दायरे में माइनिंग को ना रोका गया तो बड़ा हादसा हो सकता है।विजय बंसल ने बताया कि माइनिंग माफिया की अवैध माइनिंग के चलते पहले ही शिवालिक की पहाड़ियों में भूमि कटाव हो रहा है,जिसमे गांव शेर गुजरा,थाना,चंडीकोटला में जमीनों में दरारे,सड़क और रिटेनिंग वाल का खिसकना आदि प्रमुख प्रमाण है।

गौरतलब है कि 24 मई, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने चंडीगढ़ में हुई हरियाणा स्टेट कंपेंसेटरी अफोरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी की 6वीं स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में कंपेंसेटरी अफोरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी (कैम्पा) के तहत 239.78 करोड़ रुपए के वार्षिक कार्य योजना को स्वीकृति दी जिसको लेकर विजय बंसल ने कहा कि इन योजनाओं का धरातल पर कोई फायदा नही होने वाला क्योंकि शिवालिक की पहाड़ियों को अवैध माइनिंग से माइनिंग माफिया नष्ट करने के लिए अग्रसर है जिसको लेकर न तो प्रदेश सरकार कोई कदम उठा रही और न ही प्रशासनिक अधिकारी,अपितु माइनिंग माफिया निरंतर माइनिंग साइट्स से जरूरत से ज्यादा माइनिंग करके और अवैध माइनिंग करके जहां तो एक तरफ प्रदेश सरकार को करोड़ो राजस्व का चुना लगा रहा है वही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाकर प्राकृतिक स्रोतों को नष्ट कर रहा है।

हाल ही में सरकार ने वर्ष 2023-24 के दौरान 1,197.73 हेक्टेयर क्षेत्र में कंपेंसेटरी अफोरेस्टेशन, अतिरिक्त कंपेंसेटरी अफोरेस्टेशन और पेनल कंपेंसेटरी अफोरेस्टेशन के लिये 111.58 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। राज्य के उत्तरी भाग में स्थित शिवालिक पहाड़ी क्षेत्र और दक्षिणी भाग में स्थित अरावली पहाड़ी क्षेत्र ढलानदार भू-रचना के कारण भूमि कटाव के लिये बहुत अधिक प्रवर्तनशील और प्रवाहशील हैं।राज्य सरकार ने शिवालिक पहाड़ी क्षेत्र में मिट्टी के बहाव को रोकने के लिये मिट्टी संरक्षण के उपाय किये हैं। इसके लिये 20 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है।इन बजट का कोई फायदा प्राकृतिक स्रोतों को बचाने के लिए नहीं होने वाला क्योंकि माइनिंग माफिया निरंतर प्राकृतिक स्रोतों को नष्ट करने हेतु अग्रसर है।

विजय बंसल का कहना है कि प्रदेश सरकार के संरक्षण में सरेआम जिला पंचकूला में अवैध माइनिंग चल रही है,जिसके नतीजे में पर्यावरण और इलाके को नुकसान हो रहा है परंतु प्रशासन,सरकार आंखे बंद करके बैठी रही है।विजय बंसल एडवोकेट ने अनुसार उन्होंने पहले भी प्रशासन और सरकार को अवैध माइनिंग के चलते सतर्कता बरतने के लिए कहा था,परंतु प्रदेश सरकार के संरक्षण में ही अवैध माइनिंग की गई।इससे पूर्व भी 2004 में विजय बंसल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर अवैध माइनिंग 2009 में बन्द करवाई थी परन्तु भाजपा सरकार ने 2014 में इसे पुनः शुरू करदिया।

इस अवैध माइनिंग में प्रदेश सरकार,पुलिस प्रशासन-माइनिंग विभाग के अधिकारी,खनन माफिया और अन्य लोग इस मामले में दोषी है जिनके विरुद्ध निष्पक्ष जांच होनी चाहिए जिससे किसानों की अस्मिता,कोर्ट के आदेशों,क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को बचाया जा सके व क्षेत्र में भूकम्प आने से बचा जा सके।जिला पंचकूला की पहाड़ियों और नदियों में इन्ही की मिलिभगति से अवैध खनन हो रहा है जिस कारण क्षेत्र में भूमि का कटाव,पानी का स्तर गिरना,वातावरण प्रदूषित और कोर्ट के आदेशों की अवेलहना हो रही है।हालांकि इस इलाके में पीएलपीए 1900 एक्ट की धारा 3,4 व 5 और वन संरक्षण एक्ट 1980,भारतीय वन अधिनियम 1927 लागू है लेकिन फिर भी धड़ले से अवैध माइनिंग की जा रही है।


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Content Writer

Isha

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