तीसरा मोर्चा बनाने की मुहिम को जोरदार झटका, रैली में नहीं आए देवगौड़ा, मुलायम, नितीश और जयंत

punjabkesari.in Saturday, Sep 25, 2021 - 10:23 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के जन्म दिवस के अवसर पर तीसरे मोर्चे का ऐलान महज एक दावा साबित हो गया। चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को देश में तीसरे मोर्चा बनाने की मुहिम को जोरदार झटका लगा है। मंच से बोलने वाले किसी भी नेता ने तीसरे मोर्चे के गठन और देश में इस मोर्चे की जरूरत पर बात नहीं की। नेताओं ने अपने भाषण को केवल किसानों तथा कृषि कानूनों पर फोकस रखा।

जेल से बाहर आने के बाद ओम प्रकाश चौटाला जहां आईएनएलडी को दोबारा खड़ा करने में जुटे हुए थे वहीं देश के विभिन्न राजनीतिक दलों के दिग्गजों के साथ हुई बैठकों में आईएनएलडी द्वारा यही दावा किया जाता रहा है कि जींद में आयोजित होने वाली सम्मान दिवस रैली में तीसरे मोर्चे के गठन का ऐलान किया जाएगा। ओम प्रकाश चौटाला इस मोर्चे के माध्यम से क्षेत्रीय राजनैतिक दलों को एक मंच पर लाना चाहते थे। जींद की रैली में भीड़ ने हरियाणा में भले ही आईएनएलडी को संजीवनी देने का काम किया हो लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में एकजुटता नहीं दिखाई जा सकी।

आईएनएलडी नेताओं के दावे के अनुरूप आज की रैली में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा,उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी तथा किसान नेता राकेश टिकैत शामिल नहीं हुए। मंच से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने क्षेत्रीय दलों को एकजुट होने की अपील की। उन्होंने भी खुद की बजाए चौटाला को देश के सभी राज्यों का दौरा करके क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने के लिए अभियान चलाने का संदेश दिया।

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राकेश टिकैत के आने की सूचना भीड़ इक्कठी करने का फार्मुला
आईएनएलडी नेताओं के दावे के अनुरूप आज की रैली में कई दिग्गजों के अलावा किसान नेता राकेश टिकैत के आने के भी दावे किए गए थे। आईएनएलडी के राष्ट्रीय महासचिव अभय चौटाला ने दावा किया था कि रैली में किसान नेता राकेश टिकैत भी शिरकत करेंगे। राकेश टिकैत के आने की सूचना पर सोशल मीडिया पर चली तो किसान नेताओं ने इसे केवल भीड़ इक्कठी करने का फार्मुला बताया। किसानों ने राकेश टिकैत के आने की सूचना को सिरे सा खारिज कर दिया।

35 साल पुराने देवीलाल के इतिहास को नही दोहरा पाए चौटाला
जींद में आईएनएलडी (इंडियन नेशनल लोकदल) अपने राजनीतिक कैरियर की सबसे अहम रैली थी। 2019 में हुए जींद विधानसभा चुनाव से पहले आईएनएलडी और चौटाला परिवार में हुई टूट के बाद आईएनएलडी हरियाणा में अपने राजनीतिक वजूद की लड़ाई लड़ रही है। विधानसभा चुनाव में आईएनएलडी केवल ऐलनाबाद सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई थी जबकि आईएनएलडी से अलग हुई जेजेपी प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर प्रदेश की मनोहर लाल सरकार के साथ सत्ता में भागीदार बन गई थी। 

आईएनएलडी 35 साल पुराने इतिहास को 25 सितम्बर की जींद रैली से दोहराने के प्रयास में थी। 35 साल पहले चौ. देवीलाल ने 23 मार्च 1986 को जींद की धरती पर समस्त हरियाणा सम्मेलन का आयोजन किया था। समस्त हरियाणा सम्मेलन में उस समय की केंद्र की राजीव गांधी और कांग्रेस सरकार के तमाम विरोधी राजनीतिक दलों के नेता जींद पहुंचे थे। जींद की धरती से ही देश में सत्ता विरोधी महागठबंधन बना था। इसी की तर्ज पर आईएनएलडी तीसरे मोर्चे की नींव रखना चाहती थी। 

आईएनएलडी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के जेल से बाहर आने के बाद सक्रिय थे। ओमप्रकाश चौटाला इन दिनों देश में कांग्रेस और बीजेपी विरोधी तीसरे मोर्चे के गठन की दिशा में सक्रिय थे और दावा किया जा रहा था कि जींद में इस तीसरे मोर्चे की नींव रखेंगे। रैली में कई बड़े नेताओं की गौरहाजिरी से ओम प्रकाश चौटाला की इस मुहिम को तगड़ा झटका लगा है।


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Content Writer

Shivam

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