पीएलपी एक्ट पर हरियाणा सरकार का सुप्रीम कोर्ट ने फिर फटकारा (VIDEO)
punjabkesari.in Saturday, Mar 09, 2019 - 11:12 AM (IST)
फरीदाबाद(अनिल राठी): उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने निर्माण की अनुमति देने के लिए कानून में संशोधन करके अरावली की पहाडिय़ों या वन क्षेत्र को कोई नुक्सान पहुंचाया तो वह खुद मुसीबत में होगी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब हरियाणा सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह न्यायालय को इस बात से संतुष्ट करेंगे कि पंजाब भूमि संरक्षण कानून, 1900 में संशोधन किसी की मदद के लिए नहीं किए गए हैं।
पीठ ने मेहता से कहा, ‘‘हमारा सरोकार अरावली को लेकर है। यदि आपने अरावली या कांत एन्क्लेव के साथ कुछ किया तो फिर आप ही मुसीबत में होंगे। यदि आप वन के साथ कुछ करेंगे तो आप मुसीबत में होंगे। हम आपसे कह रहे हैं।’’
मैं न्यायालय को संतुष्ट करने में सफल होऊंगा कि संशोधन किसी की मदद के लिए नहीं : सॉलिसीटर जनरल
सॉलिसीटर जनरल ने शुक्रवार को सुनवाई दौरान पीठ से कहा कि विधानसभा ने विधेयक पारित किया है लेकिन यह अभी कानून नहीं बना है। उन्होंने कहा कि मीडिया की खबरों में दावा किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा पारित ये संशोधन रीयल एस्टेट डिवैल्पर्स के लिए किए गए हैं जो सही नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें (संशोधनों को) देखा है। इसमें ऐसा नहीं कहा गया है जैसा कि अखबार कह रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला जब सुनवाई के लिए आएगा तो मैं न्यायालय को संतुष्ट करने में सफल होऊंगा कि ये (संशोधन) किसी की मदद के लिए नहीं हैं।’’ मेहता ने कहा कि वह संशोधनों की एक प्रति न्यायालय में पेश करेंगे।
सी.एम. मनोहरलाल ने कहा था-संशोधन समय की मांग
मुख्यमंत्री एम.एल. खट्टर ने कहा था कि पंजाब भूमि संरक्षण (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2019 समय की मांग है और चूंकि यह कानून बहुत ही पुराना है और इस दौरान काफी बदलाव हो चुके हैं।