चीखते रहे फरियादी, मंत्री के कानों तक नहीं पहुंची गूंज, जाने पूरा मामला(VIDEO)

punjabkesari.in Tuesday, Dec 31, 2019 - 05:06 PM (IST)

रेवाड़ी(महेंद्र): कष्ट निवारण समिति की बैठक में अजीब स्थिति देखने को मिली। पारदर्शिता का दावा करने वाली सरकार के एक मंत्री ओमप्रकाश यादव के सामने आरटीए विभाग से संबंधित सबूतों के साथ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए फरियादी 5 मिनट तक अपनी बात सुनने के लिए गुहार लगाता रहा, लेकिन मंच पर बैठे  मंत्री ने फरियादी के हाथ से सबूत लेने के बजाय आरटीए विभाग के सचिव एवं अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप दहिया की बात सुनकर फरियाद को न केवल अनदेखा किया बल्कि उसे परिवहन आयुक्त के पास अपनी शिकायत भेजने का सुझाव भी दे डाला।

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फरियादी ने करीब 1 वर्ष से खड़ी बसों को हो रहे नुकसान का हवाला देते हुए उनके साथ रोड पर उतरी दूसरी सोसायटी की 7 बसों की तर्ज पर राहत की मांग भी की। जिस पर मंत्री ने कार्रवाई के बजाए एडीसी को ही जांच की जिम्मेदारी सौंप दी, ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए होने वाली कष्ट निवारण समिति लोगों का कष्ट निवारण करने के बजाए बोझ ही बनती जा रही है। 

यह कोई एक ही मामला नहीं था, इससे पूर्व तहसीलदार से जुड़ा एक अन्य मामला भी सामने आया, उस पर भी मंत्री ने कार्रवाई करने की बजाय अगली बैठक में रखने का समय दे दिया। इस मामले में फरियादी ने कहा कि जिस समय तहसील में रजिस्ट्री कराई गई थी, उस समय उसे जो चेक मिला था, वह उसके नाम न होकर दूसरे व्यक्ति के नाम था। इस पर भी मंत्री ने कोई संज्ञान नहीं लिया। वैसे भी कष्ट निवारण समिति में अधिकतर अधिकारी गायब ही मिले ऐसे में मंत्री ने सभी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए।

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कष्ट निवारण समिति की बैठक मात्र औपचारिकता बन कर ही रह गई। न तो अधिकतर अधिकारी और ना ही अधिकतर फरियादी मौके पर पहुंच पाए। बैठक से अधिकतर फरियादी असंतुष्ट ही नजर आए। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए आबकारी राज्यमंत्री ओम प्रकाश यादव ने माना कि चूक हुई है, वहीं उन्होंने विधायक ओमप्रकाश गौतम के सवाल पर कहा कि यह जेजेपी पार्टी का आंतरिक मामला है।


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Edited By

vinod kumar

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