अनोखी पहल: प्रेमपुरा के सरपंच ने अपने निजी कोष से 10 गांव के लिए लगाई फ्री एंबुलेंस, जिला प्रशासन ने किया सम्मानित
punjabkesari.in Wednesday, Aug 16, 2023 - 06:20 PM (IST)

कैथल (जयपाल) : यूं तो कैथल जिले के प्रेमपुरा गांव का नाम विदेश में जाने वाले सबसे अधिक व्यक्तियों के गांव के नाम से जाना जाता है परंतु गांव की ग्राम पंचायत ने अब ऐसा काम कर दिखाया है कि उनके विकास कार्यों के चर्चे पूरे प्रदेश में हो रहे हैं जिससे प्रभावित होकर जिला प्रशासन ने इस गांव की ग्राम पंचायत को स्वतंत्रता दिवस पर प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया है।
बता दें कि ग्राम पंचायत प्रेमपुरा की सरपंच परविंदर कौर के पति सतनाम सिंह ने अपने निजी कोष से आसपास के लगभग 10 गांवों के लिए एंबुलेंस की फ्री सेवा शुरू की हुई है, जो ग्रामीण एरिया में आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्ति के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है। इसके साथ की ग्राम पंचायत प्रेमपुरा ग्रामीणों को शहर की तमाम बेहतर सुविधाएं गांव में ही लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। वह चाहे स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं हो या फिर अन्य रोजमर्रा से जुड़ी तमाम मूलभूत सुविधाएं हो। इनके साथ ही बात चाहे गांव में सफाई व्यवस्था की हो, बिजली, पानी या सिवरेज व्यवस्था की हो। इन सभी को बेहतरीन करने ग्राम पंचायत लगातार सार्थक कदम उठा रही है।
इसके साथ ही ग्राम पंचायत ने गांव को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाए रखने के लिए गांव के हर चौक चौराहे पर कूड़ेदान रखे गए है और गांव को हरा भरा रखने के लिए हर सार्वजनिक स्थल पर पेड़ पौधे लगाए हुए हैं। साथ ही पूरे गांव में हर गली और कोने पर सीसीटीवी कैमरे लगा हर गतिविधियों की तीसरी आंख से निगरानी भी की जा रही है। इसके साथ ग्राम पंचायत सरकार और प्रशासन के द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं को गांव में जन जन तक पहुंचा रही है जिस कारण गांव के प्रत्येक जनमानस को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है और ग्रामीणों को भी ग्राम पंचायत के द्वारा किए गए कार्यों को पसंद किया जा रहा है। जिस कारण पंचायत को प्रदेश भर में एक अलग पहचान मिली है जो अन्य ग्राम पंचायत सरपंच व सरपंच प्रतिनिधियों को भी इसी तर्ज पर काम करने की प्रेरणा देती है। इन सभी कार्यों को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर जिले की एकमात्र ग्राम पंचायत प्रेमपुरा सम्मानित किया गया है ताकि इनके कार्यों से जिले की और ग्राम पंचायतें भी सीख ले सकें।
पिता का सपना साकार करने के लिए इंग्लैंड से आकर लड़ा सरपंची का चुनाव: सतनाम
सरपंच प्रतिनिधि सतनाम सिंह ने बताया कि उनके पिता मुख्तियार सिंह सरपंच पद का चुनाव लड़ने के लिए खड़े हुए थे परंतु पंचायती चुनाव से कुछ ही महीने पहले सड़क हादसे में उनके पिता की मौत हो गई। उस समय वह इंग्लैंड में अपना बिजनेस चला रहे थे। उसके बाद अपने पिता का सपना साकार करने के लिए उसने इंग्लैंड से बिजनेस छोड़कर गांव में सरपंच पद का चुनाव लड़ने की ठान ली और ग्रामीणों के सहयोग और कड़ी मशक्कत के बाद वे अपने प्रतिद्वंदी को मात देकर गांव की चौधर अपने नाम करने में कामयाब हुए और अपने पिता द्वारा संजोए गए सपने को पूरा किया।
सतनाम सिंह का कहा है कि उनका भले ही छोटा सा गांव है जिसमें केवल 791 मतदाता है लेकिन अबकी बार यहां का चुनाव बहुत हॉट और रोचक बना हुआ था। आसपास के पूरे एरिया में उनके गांव के चुनाव के चर्चे थे। इसलिए पंचायती चुनाव जितना उनके लिए एक चुनौती से कम नहीं था। सतनाम सिंह ने बताया कि वैसे तो उनके गांव के ज्यादातर लोग विदेश में गए हुए हैं, परंतु उनके द्वारा पिता के सपनों को साकार करने के लिए गए प्रण को सभी गांव वासियों ने सराहा जिस कारण चुनाव में उनके गांव के 100 से अधिक व्यक्तियों ने विदेश से आकर अपनी वोट डाली और उनकी पत्नी अपने प्रतिद्वंद्वी को 175 वोटों के अंतराल से हरा में जीत हासिल की।
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