हरियाणा में DAP की क‍िल्लत, अब पुलिस ने संभाला मोर्चा...जानिए कैसे पहुंचेगी किसानों तक खाद

punjabkesari.in Wednesday, Oct 30, 2024 - 05:30 PM (IST)

चंडीगढ़ः  सरसों की बुवाई शुरू हो गई है और दिवाली के बाद गेहूं की भी होगीखा लेकिन अभी से खाद की किल्लत देखी जा रही है. यह खबर हरियाणा की है जहां डाई-अमोनियम फास्फेट (DAP) की कमी के कारण किसानों में दहशत फैल गई है।  इस प्रमुख खाद के वितरण के दौरान भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को आगे आना पड़ा है। यहां तक कि सोनीपत जिले के गोहाना और महेंद्रगढ़ के नारनौल में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में डीएपी खाद बेची गई।

दरअसल, 26 अक्टूबर को जींद के उचाना में, एक किसान को DAP खरीदने के दौरान चोट लग गई। इसके बाद पुलिस ने खाद खरीदने के लिए स्थानीय सहकारी समिति कार्यालय में बेकाबू भीड़ को नियंत्रित किया। भिवानी जिले के तोशाम थाने में एक सहकारी समिति के कर्मचारियों ने इस प्रक्रिया को अपने हाथ में लिया और किसानों को पर्चियां थमा दी। वहीं, रविवार को सैकड़ों किसान, जिनमें से कई महिलाएं थीं, तोशाम थाने के बाहर लंबी कतारों में खड़े होकर पर्चियों का इंतजार कर रही थीं।

इस मामले को लेकर भिवानी के किसान कार्यकर्ता दयानंद पूनिया ने “इंडियन एक्सप्रेस” को बताया कि रविवार सुबह करीब 12 गांवों के किसानों को सूचना मिली कि पटौदी गांव की प्राथमिक कृषि सहकारी समिति में 1,500 डीएपी की बोरी आ गई है. वहीं, कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी (भिवानी) संजय कुमार ने कहा, “पटौदी में डीएपी से ज्यादा किसान थे. पहले हमने वहां पुलिस को बुलाया, लेकिन वे भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके. हमें लगा कि हाथापाई हो सकती है, इसलिए हमने पुलिस स्टेशन से ही पर्ची जारी करने का फैसला किया।”

 

DAP की कमी से किसान परेशान
किसानों को आमतौर पर सरसों और गेहूं की बुवाई के लिए प्रत्येक एकड़ में 50 किलो डीएपी की एक बोरी की जरूरत होती है. आलू के मामले में यह तीन बोरी तक हो जाती है. सरसों और आलू की बुवाई आमतौर पर अक्टूबर में होती है। उसके बाद नवंबर में गेहूं की बुवाई होती है। ऐसे में डीएपी की कमी को लेकर किसान परेशान हैं. वहीं, मौजूदा कमी के लिए वैश्विक कीमतों में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

हरियाणा में है DAP की कमी
डीएपी की कमी को स्वीकार करते हुए हरियाणा कृषि और किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक राजबीर सिंह ने कहा, "उदाहरण के लिए, हिसार जिले को अब तक 25,000 मीट्रिक टन की मांग के मुकाबले केवल 8,000 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति मिली है। हमें आने वाले दिनों में और अधिक डीएपी की आपूर्ति की उम्मीद है।

 

 


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Content Writer

Isha

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