ये होती है मांः बच्चों का पेट पालने के लिए बन गई कुली, ढो रही बोझ (VIDEO)

punjabkesari.in Sunday, Apr 15, 2018 - 09:50 PM (IST)

अंबाला(अमन कपूर): कुली फिल्म की यह गाना " सारी दुनिया का बोझ हम उठाते हैं" बराड़ा की महिला शशि बाला पर सटीक बैठता है, जो अपना व अपनी तीन बेटियों का पेट पालने के लिए कुली का काम करने के लिए मजबूर हुई। उसका कहना है कि पति की मृत्यु के बाद मेहनत करने के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं बचा था । पहले तो उसने हर जगह दर-दर की ठोकरें खाई और काम मांगने की कोशिश की लेकिन हर जगह से उसे मायूसी ही हाथ लगी।
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अंत में उसने मेहनत करने की ठानी और अपने पति के बैच नंबर 14 पर ही अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करने लग गई। 
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महिला शशि बाला ने बताया कि इस काम में पहले तो उसे शर्म भी महसूस हुई, लेकिन पति की मौत के बाद सारा घर उस पर निर्भर हो गया था। परिवार में तीन छोटी-छोटी बेटियां जब भूख से बिलखती थी तो हार कर उसने कुली का काम शुरु कर दिया। उनका कहना है कि   सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात तो करती है लेकिन उसे इस नारे से कोई लेना-देना नहीं है वह लोगों का रोज बोझ उठाकर उससे मिलने वाले पैसे से अपना ओर अपने बच्चों का पेट पाल रही है।  
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वहीं स्टेशन पर अपना भारी सामान चलाने के लिए यह परिवार जब कोई कुली ढूंढ रहा था तो सामने महिला कुली को खड़ी देखकर उन्हें महसूस हुआ कि क्यों ना इस महिला कुली की मदद की जाए जिसके चलते उन्होंने शशि और इसके साथी से अपना भारी सामान उठाकर रेलवे स्टेशन पर रखवाया। इस परिवार का भी कहना था कि सरकार अगर बेटी बचाओं अभियान को तहे दिल से निभाना चाहती है तो एेसी मददगारों की मदद कर  उन्हें आर्थिक सहायता के साथ-साथ नौकरी प्रदान करें और उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करें ताकि एसी होनहार महिलाओं का कल्याण हो सके।
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वहीं महिला के कुली साथियों का भी कहना है कि सरकार को एेसी महिलाओं की अार्थिक मदद करनी चाहिए।  


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Deepak Paul

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