दीनबंधु छोटूराम पर लिखे पुस्तक संग्रह का उपराष्ट्रपति ने किया विमोचन, बोले- वह नए विचारों वाले आदमी थे

punjabkesari.in Sunday, Sep 19, 2021 - 01:49 PM (IST)

चंडीगढ़/गुरुग्राम (धरणी): उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू आज गुरुग्राम पहुंचे। यहां उन्होंने दीनबंधु चौधरी छोटूराम पर लिखे पुस्तक संग्रह का विमोचन किया। इस दौरान उनके मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़, पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा सहित अन्य मौजूद है।

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इस मौक पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इस आयोजन के लिए दी बधाई। उन्होंने कहा कि हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी को बधाई और सीएम मनोहर लाल को भी बहुत बहुत बधाई कि ये साहित्य आज जनता के बीच जा रहा है। वेंकैया नायडू ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम के लिए मुझे काफी दिन से इंतजार था, लेकिन कोविड और लॅाकडाउन की वजह से थोड़ा लेट आज ये विमोचन हो रहा है। सब कार्यक्रम आजकल वर्चुअल होते हैं, लेकिन इस कार्यक्रम को मैं हरियाणा की धरती से करना चाहता था। हमें सबसे पहले अपनी मातृभाषा और उसके बाद हमारी भारतीय भाषा को सीखना चाहिए। अंग्रेजी या दूसरी भाषा को भी सीखना चाहिए, लेकिन हिंदी सबको सीखनी चाहिए। देश के प्रधानमंत्री से लेकर हमारे मौजूदा चीफ जस्टिस ने भी अपनी मातृभाषा को पहचान दी है। हमारी नई पीढ़ी का हमारे पूर्वजों से परिचय कराना बहुत जरूरी।

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उन्होंने कहा कि राज्यसभा में एक परंपरा थी कि जब भी कागज रखना होता तो कहना पढ़ता था कि sir i want to beg, लेकिन हमने उसको बदलकर कहा कि ये बोला जाए अध्यक्ष महोदय आपकी इजाजत से मैं ये कागज प्रस्तुत कर रहा हूं। चौधरी छोटूराम जमीन से जुड़कर नए विचारों वाले आदमी थे। उन्होंने धर्म के आधार पर देश के बंटवारे का विरोध किया। सरदार पटेल ने कहा था कि अगर आज छोटूराम जिंदा होते तो मुझे पंजाब को लेकर कोई चिंता होती। चौधरी छोटूराम ने भविष्य के कृषि सुधारों की नींव रखी। नई तकनीक कृषि में लाने के लिए उन्होंने शोध स्थल बनवाए। खुद किसान रहते हुए जो समस्या देखी वो ही उनके समाधान की बात कर सकता है। कृषि हमारी संस्कृति हैं और कृषि पिछड़ती है तो हमारी संस्कृति भी पिछड़ती है। हमें जाति और वर्गों से ऊपर उठकर राजनीति करनी होगी। सर छोटूराम भाषण देने से पहले पढ़ते थे फिर बोलते थे। देश के सब बच्चों को चौधरी छोटूराम के विचारों को पढऩा चाहिए।  

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इसके साथ उन्होंने कहा कि किसान और सरकार का संवाद कभी नहीं रूकना चाहिए, लेकिन राजनीति से को भी इससे अलग रखना चाहिए। मैंने खुद एक देश एक मार्केट के लिए आंदोलन किया। पूरी दुनिया खुल चुकी है इसीलिए हमें नए विचारों और नए कदमों के लिए तैयार रहना चाहिए। किसानों के उत्थान के लिए खुला बाजार और इलेक्ट्रॉनिक बाजार जरूरी ताकि किसानों को सही दाम उसकी फसल का मिल सके। आजकल राजनीतिक पार्टियां कहती है हम बिजली फ्री देंगे, पानी देंगे। ऐसा नहीं होता बल्कि इसकी बजाय सही दाम पर आपूर्ति चाहिए। किसान को गांव तक सड़क और 12 घंटे बिना अवरोध के बिजली चाहिए। कोरोना में हर वर्ग को नुकसान हुआ, लेकिन कृषि इकलौता ऐसा सेक्टर है जहां उत्पादन पहले से ज्यादा हुआ। 

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वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एक सुखद संयोग है कि आज अन्नत चतुर्दशी है इस दिन दीनबंधु चौधरी छोटूराम के विचार जनता के बीच जा रहे हैं। चौधरी छोटूराम ने हर वर्ग के लिए काम किया सेना से लेकर कर्मचारी वर्ग के लिए 8 घंटे काम का कानून उनके प्रयासों से पास हुआ। अंग्रेजी शासन में किसानों के हालात कैसे सही हो इसके लिए उन्होंने कानून बनाए। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति खुद एक किसान परिवार से आते हैं अपने वक्त में जय आंध्रा आंदोलन चलाया। आज के इस साहित्य के लिए मैं आप सबको बधाई देता हूं। हम सबको वक्त निकाल कर इस साहित्य को पढऩा चाहिए और उनके विचारों का अनुसरण करना चाहिए। 


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Content Writer

vinod kumar

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