नप चुनावों में EVM के साथ VVPAT का भी हो सकता है इस्तेमाल

punjabkesari.in Monday, May 30, 2022 - 10:36 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): आगामी 19 जून को हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में  कुल  46 नगर निकायों ( 18 नगर परिषदों एवं 28 नगर पालिकाओं) के लिए मतदान करवाया जाएगा। मतदान के तीन दिन बाद  यानी 22 जून को मतगणना होगी। निर्वाचन  आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट और चुनावी घोषणा की नोटिफिकेशन से  यह तो स्पष्ट हो गया है कि गत वर्षो की तर्ज पर आगामी चुनावों में   मतदान  ई.वी.एम. (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से होगा, जिसके लिए  एम-2 मॉडल की  ई.वी.एम प्रयोग में लाई जाएंगी, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं कि उनके साथ  वी.वी.पैट.  का भी  प्रयोग किया जाएगा या नहीं।

इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार   ने राज्य निर्वाचन आयोग  से अपील  की  है कि चूंकि अक्टूबर, 2013 में सुप्रीम  कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारतीय चुनाव आयोग नामक केस  में दिए गए ऐतिहासिक निर्णय में ई.वी.एम. के साथ वी.वी.पैट.   की व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया था, जिसे   गत वर्षो में चरणबद्ध तरीके से भारतीय चुनाव आयोग द्वारा पूरे देश में लोक सभा और सभी विधानसभाओं के चुनावों में लागू भी कर दिया  गया है।  इसलिए हरियाणा  निर्वाचन आयोग को वी.वी.पैट.  के साथ  ई.वी.एम. से आगामी चुनावों में मतदान करवाने की व्यवस्था करनी  चाहिए।

ज्ञात रहे कि  वीवीपैट  प्रणाली में जब  मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए ईवीएम पर अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने का नीला बटन दबाता है  तो उस मतदाता का  वोट दर्ज होने के साथ  ई.वी.एम. के  साथ जुड़ी वी.वी.पैट. (जिसमे एक कागज़ की पर्चियां प्रिंट करने वाला प्रिंटर एवं ड्राप बॉक्स होता है ) में से एक कागज़ की पर्ची सृजित  होती है,  जिसमें मतदाता द्वारा वोट किये गए उम्मीदवार की क्रम संख्या, उसका नाम एवं उसका चुनाव चिन्ह दिखाई देता है । इस कागज़ की पर्ची को प्रिंटर पर मौजूद पारदर्शी  माध्यम से   सात सेकंड  तक देखा जा सकता है  जिसके बाद  यह कागज़ की पर्ची इसके साथ जुड़े ड्राप बॉक्स में स्वत: गिर जाती  है। चूंकि वह पर्ची मतदाता के हाथ में नहीं आती, इसलिए वह उसे मतदान केंद्र के बाहर नहीं ला सकता है.

हेमंत ने आगे बताया कि तीन वर्ष पूर्व अप्रैल-मई, 2019 में  देश में 17वीं लोक सभा के आम चुनावों में पहले  सुप्रीम कोर्ट के तीन जज  बेंच द्वारा दिए गए एक निर्णय के बाद  ईवीएम - वी.वी.पैट द्वारा करवाए गए  मतदान  बाद  मतगणना प्रक्रिया  में   हर लोक सभा क्षेत्र के   अंतर्गत आने वाले  प्रत्येक विधानसभा हलके में से  पांच-पांच पोलिंग स्टेशनों और वहीं हर विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले  पांच पोलिंग  स्टेशनों  में  मतदान के लिए प्रयोग किए गए  ईवीएम में डाले गए  वोटों को   उनके साथ अटैच  किये गए  वी.वी.पैट. में सृजित वोटों की पर्चियों   के साथ  मिलान करना आवश्यक होता है। यह प्रक्रिया मतगणना के अंतिम दौर के बाद  अमल में लाई जाती है। अगर ई.वी.एम. और वी.वी.पेट. में मिलान करने समय दोनों में दर्ज वोटो और  उनकी  पर्चियों में अंतर  आता  है तो  ऐसी परिस्थिति में  ई.वी.एम. की   नहीं बल्कि वीवीपैट की संख्या मान्य होती है। उसे रिकॉर्ड पर लिया जाता है जिसके बाद रिटर्निंग अधिकारी द्वारा पुर्नमतदान आदि के सम्बन्ध में निर्णय लिया जाता है।

उन्होंने बताया कि चूंकि हरियाणा में शहरी निकायों  के चुनाव हरियाणा निर्वाचन आयोग द्वारा करवाए जाते हैं जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा हरियाणा  निर्वाचन नियमावली,  बनाई  गई  है। जिसमें समय-समय पर संशोधन होता रहता है । दिसंबर, 2007 में इनमें मतदान के लिए बैलट पेपर के साथ ही  ईवीएम का उल्लेख किया गया था।  हालांकि वर्ष 2013 में  सुप्रीम कोर्ट द्वारा  ईवीएम की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए वीवीपैट व्यवस्था लागू करने बारे  आज तक उक्त 1994 निर्वाचन नियमावली में इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा उपयुक्त प्रावधान नहीं किया गया है।

 (हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vivek Rai

Recommended News

Related News

static