45 सीटों के लक्ष्य की ओर हम लगातार अग्रसर है: दिग्विजय चौटाला

punjabkesari.in Sunday, Sep 18, 2022 - 06:58 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : पहले चुनाव में ही आश्चर्यजनक 10 सीटें हासिल कर प्रदेश सरकार में हिस्सेदार ''जजपा" लगातार अन्य प्रदेशों चंडीगढ़- पंजाब- राजस्थान- उत्तराखंड- उत्तर प्रदेश में पार्टी विस्तार को लेकर अग्रसर नजर आ रही है। इस मुकाम तक पार्टी को पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव एवं उपमुख्यमंत्री के भाई दिग्विजय चौटाला का रहा। राजनीतिक और संगठनात्मक रूप से बेहद परिपक्व और सूझबूझ रखने वाले इस छोटी सी उम्र में दिग्विजय चौटाला की रणनीति ने प्रदेश के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक विरोधियों को ना केवल धूल चटा दी, बल्कि चाबी को 10 सीटें दिलवाकर सरकार बनाने की चाबी भी जजपा झोली में ही डाल दी।

दिग्विजय की राजनीतिक- रणनीतिक समझ ने 75 पार के नारे को ध्वस्त करते हुए भाजपा को गठबंधन की स्थिति में लाने और उपमुख्यमंत्री पद देने केेेे लिए मजबूर कर दिया। अब पार्टी का स्टैंड केवल हरियाणा तक सीमित ना रहकर राष्ट्रीय लेवल तक पहुंचने का है। इस लड़ाई में उनके लिए बने सबसे बड़े राजनीतिक विरोधी उनके चाचा अभय सिंह चौटाला से समय-समय पर तीखी नोकझोंक देखी जाती रही है।

दिग्विजय चौटाला से कई महत्वपूर्ण विषयों पर एक्सक्लूसिव बातचीत की। जिसमें उन्होंने अपने चाचा को लेकर कई टिप्पणियों के साथ-साथ दुष्यंत को मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित करने, पार्टी को राष्ट्रीय लेवल पर मजबूत करने, प्रदेश में बुजुर्ग पेंशन के लिए आमदनी सीमा को 2 लाख से 10 करने की बात कही। उन्होंने बड़ी भविष्यवाणी करते हुए कहा कि हुड्डा प्रदेश कांग्रेस से सभी नेताओं को बाहर करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं, सभी को एग्जिट कर कांग्रेस को खाली करने के बाद वह खुद भी कांग्रेस को छोड़ जाएंगे। उन्होंने प्रदेश में ताकत बढ़ा रही आम आदमी पार्टी को कमजोर नही समझने की बात कहते हुए कहा कि इसी गलती के कारण पंजाब में बड़ा नुकसान हुआ है। कई महत्वपूर्ण विषयों पर बेहद सकारात्मक जवाब दिग्विजय ने दिए। कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है :-

प्रश्न : चुनाव आयोग द्वारा पंचायत चुनाव को और स्थगित करने की बात पर आप का क्या रुख है ?
उत्तर :
चुनाव आयोग के सामने किसी का बस नहीं चलता। लेकिन पंचायती चुनाव समय पर होने चाहिए थे। धीमी प्रक्रिया से सभी का नुकसान है। बहुत से लोग अपनी तैयारी करके इंतजार में बैठे हैं। लेकिन एक बात कलियर है कि जब तक चाबी एडमिनिस्ट्रेटिव लोगों के हाथ में रहेगी तो इस तरह की गड़बड़ होती रहेंगी। जनता की अदालत में 5 साल के बाद प्रतिनिधि ने जाना होता है, ना कि अधिकारियों ने। इन लोगों को नौकरी लेने के बाद रिटायर ही होना होता है। जनता में जवाबदेही प्रतिनिधि की होती है।

प्रश्न : पंचायती चुनावों की तरह जिला परिषद इत्यादि का चुनाव कितनी अहमियत रखते हैं ?
उत्तर : 
गांव की गलियों- नालियों, पानी- बिजली समेत छोटी से बड़ी समस्याओं का निदान इन्हीं के पास होता है। पंचायत के हर विकास के फैसले भी इन्हीं के हाथ में होते हैं। इसलिए धीमी प्रक्रिया बहुत नुकसानदायक है। चुनाव आयोग को जल्द से जल्द चुनाव करवाने चाहिए। जनप्रतिनिधि चुनकर आएं अपने क्षेत्र का काम करवाएं और हम जैसे लोग या चुने हुए लोग उनकी मांगों को पूरा करें। अगर हम गांव में जाएं लेकिन गांव में कोई सरपंच या जिला परिषद न हो तो नुकसान होना लाजमी है।

प्रश्न : पंजाब यूनिवर्सिटी में इनसो की भूमिका को लेकर क्या तैयारियां हैं ?
उत्तर : 
इस बार हम अध्यक्ष पद पर लड़ेंगे। हम पूरी तरह से तैयार हैं और लड़ेंगे ही नहीं बल्कि जीतेंगे। क्योंकि कोरोना काल के दौरान हमारे साथी वॉलिंटियर्स ने बहुत मदद की और इसका फायदा हमें जरूर मिलेगा।

प्रश्न : किन किन पदों के लिए उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं और आपकी सोच डायरेक्ट या इनडायरेक्ट चुनाव की है ?
उत्तर : 
हमारी सोच तो डायरेक्ट चुनाव की है और पंजाब में डायरेक्ट चुनाव ही होते हैं। हम यह चुनाव अच्छी तरह से लड़ेंगे। पहले हम केवल एक बार ही अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़े थे, इस बार अध्यक्ष पद के लिए भी हमारे उम्मीदवार मैदान में दिखेंगे।

प्रश्न : राजस्थान के जयपुर से दस्तक के बाद पड़ोसी राज्य पंजाब- हिमाचल में इनसो की स्थिति कितनी मजबूत मानते हैं ?
उत्तर : 
हमने राजस्थान से अच्छी शुरुआत करते हुए 12-13 कॉलेज जीते हैं। अब हमने इन सभी कॉलेजों में दौरे के लिए कार्यक्रम बनाए हुए हैं। जल्द वहां नई कार्यकारिणी भी लागू करेंगे। मैं जल्द ही पूरे राजस्थान का दौरा करने जा रहा हूं। पश्चिम उत्तर प्रदेश से हम जल्द शुरुआत करते हुए अगला स्थापना दिवस हम उत्तर प्रदेश में मनाएंगे। हमारी सोच फैलाव की है।

प्रश्न : पड़ोसी राज्य हिमाचल में क्या भूमिका रहेगी ?
 उत्तर : भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश से हैं जो पीछे हरियाणा में आए दौरे के दौरान उन्होंने हिमाचल में जेजेपी की जिम्मेदारी बारे चर्चा भी की थी।

प्रश्न : संगठन को एक रखने और इसके विस्तार करने की चुनौती के बीच आज किन किन राज्यों में इनसो संगठन मजबूती से खड़ा है ?
उत्तर : 
हम राजस्थान में लगातार अपनी स्थिति को मजबूत कर रहे हैं और हरियाणा में हमारा संगठन तैयार है। चंडीगढ़ यूटी में भी हम सक्रिय तौर पर हैं। दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए भी हमारी पूरी तैयारी है। यह क्षेत्र पूरे होने के बाद हम अगले राज्यों की ओर रुख करेंगे।

प्रश्न : सरकार के इस 3 साल को किस रूप में देखते हैं ?
उत्तर :
 मैं उन लोगों में से हूं जो और अच्छा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। मेरा संगठन भी कभी संतुष्ट होकर और आगे करने की चाहत रखता है। जो हुआ वह बहुत अच्छा हुआ है। कोरोना काल के बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बहुत अच्छा काम किया है। लेकिन और भी इससे अच्छा अगले 2 साल में हो सकता है।

प्रश्न : अगले 2 साल में और क्या अच्छा होने की उम्मीद करें ?
उत्तर : 
जो फैसले अभी तक लिए गए हैं उनकी इंप्लीमेंटेशन के बाद बहुत बड़े बदलाव दिखेंगे। बहुत सौभाग्यवान फैसले लिए गए हैं। 75 फ़ीसदी कानून जल्द लागू हो, पेंशन में बढ़ोतरी हो, महिला सशक्तिकरण के लिए काम हो, अन्नदाता किसान की फसल अधिक दाम में मजबूती से बिके, किसान की उन्नति की ओर और अधिक कार्य हो। हमें हरियाणा के कमरे वर्ग को मजबूत करना होगा।

प्रश्न : प्रदेश का युवा आपकी और दुष्यंत की ओर उम्मीद भरी नजर से देख रहा है। एचपीएससी एचएसएससी में किस प्रकार के सुधार की संभावनाओं को देखते हैं ?
उत्तर : 
बहुत सी चीजें दुष्यंत कर रहे हैं। रोजगार देने की दृष्टि से ही 75 फ़ीसदी का कानून दुष्यंत द्वारा लाने के लिए काम किया गया। उसकी इंप्लीमेंट के बाद सड़क पर रोजगार के लिए नौजवान घूमता नहीं दिखेगा। और अच्छी नौकरी की चाहत हर किसी की होती है। लेकिन उसके रोजमर्रा के जीवन में बहुत सुधार इस फैसले के इंप्लीमेंट के बाद आएगा। हम कोर्ट की ओर देख रहे हैं। फैसला रिजर्व है और जल्द आने वाला है। बोर्ड की खामियों की बात करें तो इस प्रकार की धांधली सामने आने पर बहुत अधिक पीड़ा होती है। लेकिन हम केवल 10 सीटें लेकर आए हैं। यह बदलाव 45 सीटें आने के बाद ही संभव होगा और हम लगातार अपने उस लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

प्रश्न : 'पीपीपी' में आमदनी के आधार पर कटी वृद्धावस्था पेंशन को लेकर आपका क्या स्टैंड है ?
उत्तर : 
2012 में यह खेल भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खेला।बेशक आज वह इसे स्वीकार नहीं कर रहे। लेकिन जनता के मंदिर में उन्हें स्वीकार करना होगा। उनके द्वारा किए गए इस गलत काम का नुकसान हरियाणा की जनता को हो रहा है। हमें 2 लाख की सीमा को बढ़ाना होगा और हमारी चाहत तो इसे 2 की जगह 5 नहीं बल्कि 10 लाख तक की भी कर देने की है।क्योंकि इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता। इधर-उधर फालतू की योजनाओं की बजाए बुजुर्गों को यह सम्मान दिया जाए तो ज्यादा बेहतर है और इससे सरकार की अच्छी नियत भी दिखाई देगी।

प्रश्न : इस सकारात्मक सोच के साथ सरकार से आपकी क्या अपील है ?
उत्तर : 
सीमित सीटों से सीमित दायरे में ही काम संभव है। जब जनता का पूर्ण रूप से आशीर्वाद दुष्यंत को मिलेगा तो हम सभी उन लक्ष्यों को हासिल कर लेंगे जिस और हमारी निगाह है।

प्रश्न : पूर्ण आशीर्वाद की बात पर अपना रुख स्पष्ट करें ?
उत्तर : 
45 सीटें होती तो यह बहुत छोटी सी बात थी। चौ0 देवी लाल वाली कलम और सरकारी कागज होता हम 5100 लिख देते और कोई रोकने वाला नहीं होता। हम गठबंधन में हैं और इस धर्म के नाते दोनों दलों की सीमाएं हैं।

प्रश्न : कई जगह तो दुष्यंत भावी मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं सामने आई है, इस बारे में क्या कहना चाहेंगे ?
उत्तर :
हम 25 सितंबर के कार्यक्रम के बाद लोगों के बीच में जाना शुरु करेंगे। गांव-गांव, खेत खलियान, गली-गली जनता से संपर्क कर आगामी रणनीति पर काम करेंगे। अगले 2 साल हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हमने अपनी तैयारी और मिशन के हिसाब से अपनी पार्टी को और अधिक मजबूती प्रदान करने पर काम करना है।

प्रश्न : चौ. देवी लाल जयंती को मनाने की तैयारियां जेजेपी किस प्रकार से कर रही है ?
उत्तर :
 हम बड़ी शान से इस कार्यक्रम को मनाएंगे।हरियाणा में मात्र दो ही स्थान ऐसे थे जहां उनका स्टेचू नहीं था, हमारी पार्टी उन दोनों स्थानों पर स्टैचू लगाने जा रही है। कैथल और दादरी में बड़े कार्यक्रम किए जाएंगे। महेंद्रगढ़ के सिरमोट के एक गांव की नीट टॉपर एक बहन ने दुष्यंत द्वारा बधाई देते वक्त उनके गांव में लाइब्रेरी की मांग की थी, दुष्यंत उसी दिन कुछ लाइब्रेरी का इनॉग्रेशन भी करेंगे और साथ ही 108 मॉडल स्टेट ऑफ द आर्ट लाइब्रेरी बनाने का अगले 75 दिन में संकल्प भी लेंगे।

प्रश्न : लगातार आपके चाचा और आपकी टिप्पणियां लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है ?
उत्तर :
 मैं केवल यही कहूंगा कि विनम्रता दिखाएं। पेड़ को झुकना चाहिए और यह बात मैं बार-बार कहता हूं कि यह उनकी पार्टी के लिए बेहद नुकसानदायक है। चौ0 ओम प्रकाश चौटाला इस उम्र में भी बच्चों बुजुर्गों से बड़े प्यार से मिलते हैं और सभी को गले लगाते हैं और अभय जी कहते हैं मैं देख लूंगा, इलाज हो जाएगा और दो-तीन दिन पहले कह रहे थे कि लोग इनको जूते मारेंगे। मैं केवल यही कहूंगा कि प्रजातंत्र प्रणाली में यह सब चीजें नहीं चलती। उन्होंने 80- 90 के दशक की राजनीति की है। चौटाला साहब की राजनीति को इससे बहुत बदनामी सहनी होगी। अभय जी को समझना होगा कि विनम्रता में जाए। सभी को गले लगाएं। तभी बात बन सकती है। वह तो अब बेचारे केवल 5000 से जीते हैं। किसान आंदोलन का इतना बड़ा मॉडल बनाकर 15000 की जीत से 5000 पर आ गए। इसलिए इस बारे क्या कहूं और क्या ना कहूं।

प्रश्न :  कई बार चर्चाएं सुनते हैं कि जल्द इनेलो और जेजेपी एक हो सकती है ?
उत्तर : अपनी पार्टी की कोई रैली या कार्यक्रम में हमारे लोगों को बुलाने के लिए यह एक शगुफा है कि तुम आओ, चर्चाएं चल रही हैं और ऐसा माहौल क्रिएट करो कि दोनों परिवार एक हो जाएं। हालांकि हमने कभी मना नहीं किया कि परिवार एक ना हो। हमारी हमेशा सकारात्मक सोच रही है। लेकिन अभय जी को सुनने से कभी नहीं लगता कि वह परिवार को एक करना चाहते हैं। बेचारों का तो पेट का दर्द भी अब बदल गया। पहले कहते थे कि इनको मैंने निकाल दिया, इनको मैंने एग्जिट कर दिया, बाहर कर दिया। लेकिन अब कह रहे हैं कि यह छोड़कर क्यों चले गए। मैं हैरान हूं कि यह अपनी बात पर ही नहीं टिक पाए। अपनी बात को समझें और माने। अभय सिंह जी परिपक्वता से लैस नहीं है। जिसने पूरी इनेलो और चौटाला साहब की मेहनत पर पानी फेर दिया है।

प्रश्न : सोशल मीडिया पर अभय चौटाला का बयान कि दिग्विजय अपने दादा से माफी मांगे, इस पर क्या कहेंगे ?
उत्तर :
 मैं माफी मांग लूंगा। यह बताएं कि कहां मांगनी है। लेकिन मैं कहता हूं कि वह भी पहले अपने बड़े भाई से माफी मांगे। मैं खुले दिल से कह रहा हूं कि चाचा जी और दादा जी से माफी मांगने के लिए तैयार हूं। वह हमारे बड़े हैं और मैंने जिस परिवार में जन्म लिया और सीख ली, उसमें बड़ों का आदर करना हमने सीखा है। निसंदेह चाहे गलती हो या ना हो, मैं माफी मांग लूंगा। लेकिन जिस बड़े भाई ने इस परिवार को अपने खून पसीने से सींचा और इतना बड़ा बनाया, क्या उनमें अपने बड़े भाई को फेस करने की हिम्मत है। उन्हें उनसे भी माफी मांगनी चाहिए। कहने और करने में एक बहुत बड़ा अंतर होता है।

​​​​​​​प्रश्न : केजरीवाल के हिसार दौरे के बाद "आप" की हरियाणा में आपकी क्या स्थिति मानते हैं ?
उत्तर :
 राजनीति में कभी किसी को कम नहीं आँकना चाहिए। सभी पार्टियां महत्वपूर्ण होती हैं। उन्होंने दो जगह सरकार बनाई है। लेकिन कई मुद्दे हैं जैसे एसवाईएल पर वह क्या जवाब देंगे और हरियाणा में उनका नेता कौन है, अभी तक कोई भी प्रदेश लेवल का ऐसा नेता नजर नहीं आया जो 36 बिरादरी का हो। ऐसी काबिलियत किसी में नहीं दिख रही। भविष्य में कौन नेता बन कर आएगा या खुद केजरीवाल आते हैं, यह समय सुनिश्चित करेगा। इन्हें कम आंकने के कारण ही पंजाब में बड़ा नुकसान हुआ है।

​​​​​​​प्रश्न : पिछले 3 साल में हुड्डा और कांग्रेस को कहां खड़े देखते हैं ?
उत्तर :
 मैं पहले से ही कह रहा हूँ कि हुड्डा सभी को निकालकर बाद में स्वयं कांग्रेस को त्याग देंगे। जिस किसी का भी दबाव हुड्डा पर है उसका आदेश क्लियर है सभी को एग्जिट करवाएं फिर खुद भी छोड़े। 2024 तक हुड्डा भी कांग्रेस को छोड़ चुके होंगे। पहले सभी को भगाएंगे फिर कांग्रेस को बिल्कुल खाली करके चले जाएंगे।

​​​​​​​प्रश्न : आज नौकरी के लिए भाग रहे युवाओं के लिए आपका क्या आश्वासन है ?
उत्तर :
 हम लगातार काम कर रहे हैं। थोड़ा धैर्य रखें। कानून लागू होना एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा। दुष्यंत के प्रयासों से मारुति की बड़ी फैक्ट्री का आना संभव हुआ। सोहना में एक बड़ी जैपनीज कंपनी का कारखाना लग रहा है। बरवाला में भी बड़ी कंपनियां आने के प्रयास में हैं। हम सभी संभव प्रयास करने में लगे हुए हैं। हमारी पार्टी के सदस्य सुबह से फील्ड में जनता के बीच रहते हैं और आपके लिए प्रयास करते रहते हैं। आप हम पर विश्वास रखिए। हम और मजबूत होंगे और आपके विश्वास को जमीनी हकीकत पर लाएंगे।


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Content Writer

Manisha rana

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