अतीत के झरोखे से: जब बंसी लाल ने कहा-मुझे अंदाजा है प्रैस की ताकत का

punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 11:36 AM (IST)

अंबाला (रीटा/सुमन): हरियाणा के 4 बार मुख्यमंत्री व केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री रहे बंसी लाल की पहचान अडिय़ल व ईमानदार नेता की रही है। कांग्रेस छोडऩे के बाद उन्होंने हरियाणा विकास पार्टी बनाई और भाजपा के साथ मिलकर 1996 में  कांग्रेस के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे। चुनाव से पूर्व अंबाला में उन्होंने करीब आधा दर्जन प्रैस कान्फ्रैंस की जिसके चलते वह कई पत्रकारों को नाम से भी पहचानने लगे थे। एक पत्रकार वार्ता दौरान पत्रकारों ने उनसे कहा कि अब तो पत्रकार आपको बहुत अच्छे लग रहे हैं लेकिन सत्ता में आते ही आप अक्सर उन्हें भूल जाते हो। बंसी लाल ने अपने दोनों कानों को हाथ लगाते हुए कहा कि 1987 में मुझे अखबार की ताकत का पता चल गया था, इस बार मुख्यमंत्री बना तो पत्रकारों के मान-सम्मान का पूरा ख्याल रखंूगा।

बंसी लाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद पत्रकारों के नजदीक माने जाने वाले यहां के आला पुलिस अधिकारी का तबादला कर दिया गया। पुलिस अधिकारी ने कुछ पत्रकारों से आग्रह किया कि वे मुख्यमंत्री से मिलकर उनका तबादला रुकवा दें। पत्रकारों को लगा यह तो मामूली सा काम है तो उन्होंने अंबाला से एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार की अगुवाई में बंसी लाल से मिलने के लिए उनके प्रैस सलाहकार राजीव जैन से बात की जिस पर उन्होंने दोपहर एक बजे से पहले कोठी पहुंचने को कहा लेकिन पत्रकार चंडीगढ़ 2 बजे तक पहुंचे इस बीच मुख्यमंत्री आराम करने चले गए।  सब उनके उठने का इंतजार करते रहे। करीब पौने 5 बजे उठने के बाद वह कोठी के लॉन में सैर करने लगे और पत्रकारों के इंतजार करने की जानकारी मिलने पर करीब साढ़े 5 बजे मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने आते ही पूछा कि कैसे आए हो तो एक पत्रकार ने कहा कि चौधरी साहब आपने अंबाला के फलां पुलिस अफसर का तबादला कर दिया है, वह मीडिया फ्रैंडली है इसलिए उसका तबदला रद्द कर दो तो मुख्यमंत्री ने कड़क कर कहा उसकी शिकायतें आई हैं,उसका तबादला तो करूंगा ही और इतना कह वह चले गए। उनके इस रवैए से पत्रकार हक्का-बक्का रह गए।

1999 में भाजपा के समर्थन वापस लेने से बंसी लाल की सरकार गिर गई। उसी साल अक्तूूबर में बंसी लाल अंबाला के किंगफिशर रिजोर्ट में रुके। पत्रकारों को उनके एक निजी सचिव ने वहां पहुंचने के लिए फोन किए लेकिन ज्यादातर पत्रकारों ने नाराजगी के चलते आने से मना कर दिया। कुछ को बंसी लाल ने खुद फोन किया और आखिरकार पत्रकार वहां पहुंच गए। बंसी लाल ने उनसे नाराजगी की वजह पूछी तो उन्हें उनसे किए गए सलूक की याद कारवाई। एक पत्रकार ने कहा कि हम दो घंटे से आपके उठने इंतजार कर रहे थे और आप उठ कर आधा घंटा सैर करते रहे। इस पर बंसी लाल ने जवाब दिया कि पत्रकार की तो छोड़ो, सैर करते समय प्रधानमंत्री का फोन भी आ जाए तो में सैर बीच में नहीं छोड़ता। बंसी लाल के इस जवाब से पत्रकार एक बार फिर हक्का-बक्का रह रह गए लेकिन कुछ पत्रकारों ने उनकी साफगोई और दबंगपन की तारीफ भी की।


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Isha

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