जानिए फतेहाबाद के बैक-वुडी गांव को क्यों कहा जाता है छोटा फिनलैंड?
punjabkesari.in Sunday, Jul 09, 2023 - 05:46 PM (IST)

फतेहाबाद( रमेश भट्ट): जिले के बनगांव का बैक-वुडी गांव को जैवलिन थ्रो सीखने वालों के लिए छोटा फिनलैंड माना जाता है। इस गांव की आबादी महज 5 हजार है। एथलेटिक्स सर्किट पर गांव से भाला फेंक पदकों में वृद्धि के कारण ही इस गांव को हरियाणा का फिनलैंड कहा जाता है। वहीं हाल ही में कुवैत में आयोजित चौथी यूथ एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप बनगांव की बेटी दीपिका ने 50.15 मीटर भाला फेंक कर रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।
इस गांव की दर्जनों लड़कियां जैवलिन थ्रो खिलाड़ी है
बता दें कि शहर से मात्र कुछ ही दुरी पर बसे गांव बनगांव जिसे विश्व का दूसरा मिनी फिनलैंड कहा जाता है। इस गांव में दो दर्जन से ज्यादा लड़कियां जैवलिन थ्रो की खिलाड़ी है। जिन्होंने अब तक इसी खेल में दर्जनों पदक हासिल किए है। इस गांव की आबादी महज 5 हजार है, एथलेटिक्स सर्किट पर गांव से भाला फेंक पदकों में वृद्धि के कारण ही इस गांव को हरियाणा का फिनलैंड कहा जाता है।
बनगांव के खेल स्टेडियम में खिलाड़ियों को जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंग देने वाले कोच हनुमान भाम्भू ने बताया की कुवैत में आयोजित चौथी यूथ एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप बनगांव की बेटी दीपिका ने 50.15 मीटर भाला फेंक कर रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। एशियन चैंपियनशिप का आयोजन 13 से 16 अक्टूबर तक किया गया। यूथ एशियन रजत पदक दीपिका के कोच हनुमान भाम्भू ने बताया कि दीपिका ने यूथ नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप 17 सितंबर से 19 सितंबर तक आयोजित हुई भोपाल मध्यप्रदेश में 51.84 मीटर की थ्रो के साथ नया नेशनल रिकॉर्ड बनाकर भारतीय यूथ एशिया टीम में स्थान पक्का किया था। वहीं जैवलिन थ्रो की खिलाड़ी दीपिका ने कहा की इस खेल का उन्हें काफी शौक रहा है और उनके कोच ने बड़ी ही मेहनत से उन्हें नेशनल प्लेयर बनाया है। दीपिका ने कहा की उनका मकसद ओलम्पिक में गोल्ड मेडल लाकर देश व प्रदेश का नाम रोशन करना है।
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