क्या उप मुख्यमंत्री के रुप में नया रिकॉर्ड कायम कर पाएंगे दुष्यंत चौटाला!

punjabkesari.in Saturday, May 14, 2022 - 12:07 PM (IST)

चंडीगढ़ : हरियाणा की 90 विधानसभा और 10 संसदीय सीटों वाले इस प्रदेश का राजनीतिक इतिहास बड़ा दिलचस्प है। करीब साढ़े 55 सालों के सियासी इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो बहुत से रोचक किस्से और रिकॉर्ड अपनी ही एक रोमांचक कहानी बयां करते हैं। ऐसा ही एक रिकॉर्ड रूपी तथ्य ये भी है कि इसी हरियाणा के सियासी इतिहास में अब तक 5 नेता ही 6 बार उपमुख्यमंत्री बने हैं लेकिन वर्तमान उप मुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला से पहले जितने भी उप मुख्यमंत्री रहे वे सभी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

ऐसे में सबसे छोटी उम्र में सांसद व बाद में उप मुख्यमंत्री बनने वाले दुष्यंत चौटाला यदि उप मुख्यमंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा कर लेते हैं तो यह हरियाणा के इतिहास में उनका तीसरा बड़ा रिकॉर्ड होगा। हालांकि दुष्यंत चौटाला ने अब तक करीब अढ़ाई साल का कार्यकाल पूरा कर लिया और अभी वे सत्ता में सहयोगी के रूप में हैं लेकिन यह आने वाला समय ही तय करेगा कि क्या दुष्यंत चौटाला बतौर उप मुख्यमंत्री अपना ये कार्यकाल पूरा कर लेंगे और यदि उन्होंने वाकई अपना कार्यकाल पूरा कर लिया तो एक और रिकॉर्ड उनके नाम हो जाएगा। चूंकि इससे पूर्व दो रिकॉर्ड दुष्यंत चौटाला के नाम हैं। इनमें मात्र 26 वर्ष की आयु में सांसद बनने का तो दूसरा 31 साल में राज्य में उप मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड शामिल है।

गौरतलब है कि पिछले करीब साढ़े 55 सालों के इस सियासी सफर के तहत जहां राजनीति में आया राम-गया राम का 'नामकरण' पूरे देश भर में उदाहरण के रूप में हरियाणा ने दिया तो वहीं इस प्रदेश ने अपने इस सियासी इतिहास की 'किताब' में कई नए अध्याए भी जोड़े हैं। प्रदेश में उप मुख्यमंत्री बनने वालों का भी यहां एक अलग रिकॉर्ड है। यही नहीं एक उप मुख्यमंत्री तो ऐसे भी रहे जो मुख्यमंत्री भी बने और बाद में उप मुख्यमंत्री भी। ये कोई और नहीं बल्कि बनारसी दास गुप्ता हैं जो दो बार उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इन्होंने प्रदेश में बतौर मुख्यमंत्री भी सत्ता की कमान संभाली थी लेकिन कार्यकाल न तो ये मुख्यमंत्री के तौर पर पूरा कर पाए और न ही उप मुख्यमंत्री बन कर अपनी टर्म पूरी कर पाए।

उप मुख्यमंत्रियों का ये रहा है कार्यकाल
सियासी इतिहास के अनुसार हरियाणा में झज्जर के विधायक चांदराम पहले उप मुख्यमंत्री बने। इन्होंने 24 मार्च 1967 को यह पदभार ग्रहण किया मगर 2 नवम्बर 1967 यानी 223 दिन तक ही उप मुख्यमंत्री रहे। इसी प्रकार रोहतक से विधायक डा. मंगलसेन दूसरे उप मुख्यमंत्री बने और उन्होंने 21 जून 1977 को कार्यभार संभाला और वे इस पद पर 2 साल 7 दिन तक रहे और उनका कार्यकाल भी 28 जून 1979 तक ही रहा। भिवानी से विधायक रहे बनारसी दास गुप्ता ने तीसरे उप मुख्यमंत्री के रूप में 20 जून 1987 से 2 दिसम्बर 1989, 2 साल 165 दिन तक कार्य किया। वे दो बार उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं मगर दोनों बार उनका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ। इसी प्रकार कालका से विधायक एवं स्व. चौ. भजन लाल के ज्येष्ठ पुत्र चंद्रमोहन ने 15 मार्च 2005 को बतौर उप मुख्यमंत्री कमान संभाली मगर उनका कार्यकाल भी पूरा नहीं हो पाया और उन्हें 7 दिसम्बर 2008 को ही यह पद छोड़ना पड़ गया। उचाना कलां से विधायक बने दुष्यंत चौटाला वर्तमान में हरियाणा के छठे ऐसे उप मुख्यमंत्री हैं और जिन्होंने 27 अक्तूबर 2019 को शपथ ग्रहण की और अब तक वे करीब अढ़ाई साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। अब देखना ये होगा कि क्या दुष्यंत चौटाला बतौर उपमुख्यमंत्री अपना ये कार्यकाल पूरा करके रिकॉर्ड कायम करते हैं?

अब तक चांद राम का सबसे कम व चंद्रमोहन का सबसे लंबा रहा है कार्यकाल
हरियाणा में अब तक बने उप मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल का लेखा-जोखा देखा जाए तो हरियाणा के पहले उप मुख्यमंत्री चांदराम का कार्यकाल सबसे कम समय का रहा है जबकि राज्य के 5वें उप मुख्यमंत्री बने चंद्रमोहन का कार्यकाल सबसे लंबा रहा है। चांद राम उप मुख्यमंत्री के पद पर मात्र 223 दिन रह पाए जबकि स्व. चौ. भजन लाल के बेटे चंद्रमोहन 3 साल 267 दिन तक इस पद पर रहे। खास बात ये है कि अब तक राज्य में 6 उप मुख्यमंत्रियों में से 2 उप मुख्यमंत्री चांद राम व चंद्रमोहन कांग्रेस पार्टी से संबंधित थे जबकि डा. मंगलसेन जनता पार्टी में रहते हुए उप मुख्यमंत्री बने थे। इसी प्रकार बनारसी दास गुप्ता जनता दल की सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे जबकि वर्तमान उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपनी खुद की पार्टी जजपा का प्रतिनिधित्व करते हैं।

दुष्यंत का एक ये भी है रिकॉर्ड
हरियाणा की राजनीति में बेशक उप मुख्यमंत्रियों द्वारा कार्यकाल पूरा न करने का एक अब तक का रिकॉर्ड है मगर दुष्यंत चौटाला यदि कार्यकाल पूरा करते हैं तो न केवल उनका यह तीसरा रिकॉर्ड बनेगा अपितु उप मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल को लेकर बना रिकॉर्ड भी टूट सकता है। अब तक के बने उप मुख्यमंत्रियों में से दुष्यंत चौटाला का रिकॉर्ड ये भी है कि वे सबसे छोटी उम्र यानी 31 साल की आयु में ही उप मुख्यमंत्री बन गए जबकि सबसे पहले उप मुख्यमंत्री बनने वाले चांदराम की आयु उस वक्त 44 साल की थी जब वे राव बीरेंद्र सिंह की सरकार में उप मुख्यमंत्री बने थे। चौ. देवीलाल की सरकार में उप मुख्यमंत्री बने डा. मंगलसेन की उम्र उस समय 50 साल की थी। इसी प्रकार चौ. देवीलाल की ही सरकार में पहली बार उप मुख्यमंत्री बने बनारसी दास गुप्ता की आयु 70 व दूसरी बार उप मुख्यमंत्री बने तब 72 साल थी। चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में 40 वर्षीय चंद्रमोहन को उप मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला जबकि दुष्यंत चौटाला ने महज 31 साल की आयु में ही मनोहर लाल खट्टर की पार्ट-2 सरकार में उप मुख्यमंत्री बनने का न केवल यह सौभाग्य हासिल किया अपितु ये भी एक रिकॉर्ड ही है। इसके अलावा जब वे हिसार से सांसद बने थे तब उनकी आयु केवल 26 साल की थी। इसके अलावा दुष्यंत चौटाला के नाम उप मुख्यमंत्री के तौर पर एक रिकॉर्ड यह भी है कि बतौर उप मुख्यमंत्री वे सबसे अधिक 9 विभागों के प्रभारी हैं।

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Content Writer

Manisha rana

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