रेडियोग्राफर के बिना धूल फांक रही एक्स-रे मशीन, मरीजों को हो रही परेशानी
punjabkesari.in Friday, Apr 21, 2023 - 12:40 PM (IST)

पलवल (गुरुदत्त गर्ग) : नागरिक अस्पताल में लाखों रुपये की डिजिटल एक्स-रे मशीन धूल फांकती हुई नजर आ रही है। अस्पताल में रेडियोग्राफर ना होने के कारण मरीजों को मजबूरन बाहर से एक्स-रे करवाने पड़ रहे हैं। वहीं नागरिक अस्पताल पलवल में कार्यरत डिप्टी सिविल सर्जन डॉ सुरेश कुमार की माने तो इस बारे में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिख अवगत करा दिया है। जैसे ही अस्पताल में रेडियोग्राफर की व्यवस्था हो जाएगी। अस्पताल में एक्स-रे की सुविधा शुरू हो जाएगी। सड़क दुर्घटनाओं व लड़ाई झगडों में घायल होकर जिला अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों का अधिकांशतः एक्स-रे कराए बिना इलाज शुरू नहीं हो सकता है। ऐसे में मरीजों को बाहर से एक्स-रे कराना पड़ रहा है या फिर दूसरे अस्पतालों के रुख करना पड़ रहा है।
10 दिनों से एक्सरे लैब में लटका ताला
प्रदेश सरकार द्वारा भले ही लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लाख दावे किए जाते हों। लेकिन पलवल के नागरिक अस्पताल में रेडियोग्राफर ना होने के चलते मरीजों को मजबूरन बाहर से एक्स-रे करवाने पड़ रहे हैं। मरीजों का कहना है कि अस्पताल में भले ही एक्स-रे की बेहतरीन डिजिटल मशीन हो। लेकिन पिछले 10 दिनों से यहां कोई एक्स-रे करने वाला नहीं है। जिसके चलते उन्हें मजबूरन बाहर से एक्स-रे करवाना पड़ रहा है, बाहर से वह 200 से 250 रुपये खर्च कर एक्स-रे करवाने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पलवल के नागरिक अस्पताल में रेडियोग्राफर की तैनाती की जाए। जिससे की अस्पताल में आने वाले मरीजों को एक्स-रे करवाने के लिए बाहर न जाना पड़े। रेडियोग्राफर ना होने के चलते एक्स-रे लैब पर पिछले 10 दिनों से ताला लटका हुआ है।
10 दिन पहले ही रिडियोग्राफर का हुआ ट्रांसफर
वहीं पलवल के नागरिक अस्पताल में कार्यरत डिप्टी सिविल सर्जन डॉ सुरेश कुमार की माने तो अस्पताल में तैनात रेडियोग्राफर सतीश कुमार का एक माह पहले ट्रांसफर का ऑर्डर जारी हुआ था। जिसे सरकारी आदेश के अनुपालन में 10 दिन पहले रिलीव किया गया है। अब अस्पताल में रेडियोग्राफर ना होने के चलते यहां एक्स-रे नहीं हो पा रहे हैं। अस्पताल में रेडियोग्राफर की तैनाती के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है। जैसे ही अस्पताल में रेडियोग्राफर की तैनाती हो जाएगी, अस्पताल में एक्स-रे शुरू कर दिया जाएगा।
बिना एक्सरे कैसे हो उपचार
जिला अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ का कहना है कि उनके पास प्रतिदिन कम से कम 150 से 200 लोगों की ओपीडी होती है। जिसमें से 50 से 60 लोगों का एक्स-रे रिकमेंड किया जाता है। क्योंकि हड्डी रोग में जब तक एक्सरे नहीं देखा जाता तब तक रोग की गंभीरता और रोग के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसे में बिना एक्सरे मरीजों का इलाज शुरू नहीं हो पाता और ना ही वे मरीजों को वार्ड में भर्ती कर सकते हैं। कुछ जो लोग बाहर से एक्सरे कराकर ले आते हैं केवल उन्हीं लोगों का इलाज हो पा रहा है।
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