शहीद कैप्टन पवन के पिता ने किया बड़ा खुलासा, बेटे पर फेंके गए थे पत्थर

punjabkesari.in Thursday, Mar 03, 2016 - 12:52 PM (IST)

जींद: जम्मू-कश्मीर के पंपोर में एक सरकारी बहुमंजिला इमारत में से आतंकवादियों को खदेड़ते हुए 20 फरवरी को हरियाणा के जींद जिले के बधाना गांव निवासी कैप्टन पवन कुमार शहीद हो गए थे। उन दिनों हरियाणा में आरक्षण को लेकर जाट आंदोलन चल रहा था। शहीद कैप्टन पवन का फेसबुक पर आखिरी पोस्ट था ‘किसी को रिजर्वेशन चाहिए तो किसी को आजादी, भाई। हमें कुछ नहीं चाहिए, भाई। हमें तो चाहिए बस अपनी रजाई।’

कैप्टन पवन के पिता राजबीर ने उनके बारे में बताया कि सैनिक जिन लोगों की रक्षा करते हुए शहीद होते हैं, वही लोग सैनिकों पर पत्थर फेंकते हैं। राजबीर ने बताया कि शहीद होने से 4 दिन पहले श्रीनगर इलाके में स्थानीय लोगों द्वारा किए गए पथराव में पवन कुमार के 2 दांत टूट गए थे। इस पर अधिकारियों ने पवन को छुट्टी पर जाने के लिए कहा था लेकिन शहीद ने जाने से मना कर दिया और मोर्चा संभाले रखा।

पिता राजबीर ने बताया कि कैप्टन पवन को मात्र पांच महीनों में ही 4 बार आतंकियों के विरुद्ध आॅपरेशन करने का मौका मिला और अपने चौथे आॅपरेशन में पवन ने देश के लिए कुर्बान हो गया। 4 मार्च को जींद के राजकीय पीजी कॉलेज के मैदान में शहीद कैप्टन पवन कुमार की तेरहवीं की रस्म है। सूत्रों के अनुसार इस दौरान कई राजनीतिक हस्तियों के शामिल हो सकती हैं। कैप्टन पवन का जन्म आर्मी डे (15 जनवरी 1993) के ही दिन हुआ था।

तीन साल पहले वे सेना में शामिल हुए। दो ऑपरेशन में उन्होंने तीन आतंकियों को ढेर किया था। कैप्टन पवन को महज दो साल पहले 14 दिसंबर, 2013 में 7 डोगरा रेजीमेंट में कमीशन मिला था। उसके बाद पवन ने बतौर पैरा कमांडो 10 पैरा रेजीमेंट ज्वाइन की। आपको बता दें कि पवन ने जेएनयू से पढ़ाई की है और वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं।


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