यमुना में घटते जलस्तर ने बढ़ाई चिंता, UP की पानी सप्लाई बंद

punjabkesari.in Monday, Jan 01, 2018 - 03:56 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): पिछले 6 माह से यमुना नदी में जलस्तर लगातार कम चल रहा है। हालांकि अभी ऐसी नौबत नहीं आई कि दिल्ली या हरियाणा को हो रही जलापूर्ति रोकनी पड़े। यह बात अलग है कि जलापूर्ति हरियाणा को काफी कम हो रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के चलते दिल्ली की सप्लाई पूरी करने के लिए हरियाणा भाखड़ा नहर की नरवाना ब्रांच से मुनक नहर द्वारा अपने हिस्से में से पानी दे रहा है। बैराज पर मात्र 1428 क्यूसिक पानी रिकार्ड किया गया जिसके चलते उत्तर प्रदेश की सप्लाई फिलहाल रोक दी गई है।

उल्लेखनीय है कि यमुना नदी पर बने हथनीकुंड बैराज में जलस्तर लगातार घटने से जहां एक ओर पश्चिमी यमुना नहर पर बनी 4 जगहों पर 8 हाईडल यूनिटों में बिजली उत्पादन ठप्प पड़ा है। इन्हें चालू रखने के लिए करीब 5600 क्यूसिक जलस्तर की जरूरत है। हथनीकुंड बैराज पर तैनात अधिकारी के मुताबिक यहां 1428 क्यूसिक जलस्तर था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इसमें से जंगली जानवरों के लिए 352 क्यूसिक यमुना नदी में और 866 क्यूसिक पानी पश्चिमी यमुना नहर में छोड़ा गया। पूर्वी यमुना नहर में यू.पी. का पानी कतई बंद है।

फरवरी में 1166 क्यूसिक दर्ज हुआ था न्यूनतम जलस्तर
इसी साल 20 फरवरी, 2017 को हथनीकुंड बैराज में न्यूनतम जलस्तर 1166 क्यूसिक दर्ज किया गया था। उस समय भी हालात चिंताजनक थे और यू.पी. की सप्लाई बंद करने के बाद 1166 क्यूसिक में से पश्चिमी यमुना नहर में 814 क्यूसिक पानी छोड़ा गया था।

ऐसे बढ़ता है यमुना नदी में जलस्तर
पहाड़ों पर या कैचमैंट एरिया में बारिश होने या फिर पहाड़ों पर गर्मी पड़ने से बर्फ पिघलने पर जलस्तर बढ़ता है। बर्फ पिघलने पर जलस्तर 20 या 30 हजार क्यूसिक तक ही सीमित रहता है लेकिन अगर बारिश नहीं हो और गर्मी भी न पड़े व पहाड़ों पर तेज हवाएं चलें, तब भी बर्फ पिघलती है और जलस्तर 5 हजार क्यूसिक को भी पार कर जाता है।


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