छोटी पीजीआई में फोर्थ क्लास कर्मचारी ऑपरेट करते हैं मशीनों को
punjabkesari.in Tuesday, Nov 17, 2015 - 06:17 PM (IST)
कैथल,( रमन गुप्ता): सामान्य अस्पताल को जिले में छोटी पीजीआई के नाम से जाना जाता है। जिलेभर से यहां पर इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों को डॉक्टरों की जानकारी नहीं है। अस्पताल में रोजाना 1200 के करीब मरीजों की ओपीडी होती है। वो अपना इलाज करवाते हैं और चले जाते हैं। मरीजों का इलाज करने वालों की हकीकत कुछ ओर ही है कि यहां पर मरीजों की जांच और मशीनों की ऑपरेटिंग अधिकतर वार्डों में फोर्थ क्लास करते हैं।
फोर्थ क्लास कर्मचारियों को सामान्य अस्पताल में जो जिम्मेदारी दी गई है वो अपनी जिम्मेदारी को करके ऐसे कामों में लगे रहते हैं। सफाई व्यवस्था का बुरा हाल बना हुआ है। गंदगी की बदबू से मरीजों के ओर ज्यादा बीमार होने की स्थिति बने हुए है। मरीज इस बारे में आवाज भी नहीं उठा सकते, क्योंकि उन्हें अपना इलाज करवाना होता है। ऐसा जिन मरीजों का पता चलता है वो अपने स्वास्थ्य की जांच अन्य जगहों से कराते हैं। कोई भी डाक्टर समय पर नहीं आता। मरीजों को घंटो लाइन में इन्तजार करना पड़ता है। अस्पताल में बेड भी पूरे नहीं हैं। कई बार कैदी वार्डों में मरीज भर्ती कर दिए जाते हैं। कई बार बेड न होने पर मरीजों को जमीन पर ही लेट कर इलाज करवाना पड़ता है!
8 माह से बंद है अल्ट्रासाउंड
फरवरी माह में अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर की बदली दूसरे स्थान पर हो गई। इसके बाद अब तक अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू नहीं हुई। अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को भटकते रहना पड़ता है। मशीन बंद पड़ी हुई हैं। अस्पताल की ओर से पिछले एक माह से प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केंद्रों के साथ समझौता किया गया है।
एक्स-रे ऑपरेटर करने वाले विभाग में सभी सीट पूरी हैं। वहां पर कार्य में निपुण एक व्यक्ति सभी कामों को कर रहा है। उस ऑपरेटर का अस्पताल के किसी भी रिकॉर्ड में नाम नहीं है। बताया गया कि उसे एक्स-रे विभाग के अधिकारी ने अपने सुविधा के लिए रखा हुआ है। पता करने पर किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई। मरीजों के काम निपटाने में व्यस्त रहे।
ईसीजी करने के लिए टेक्नीशियन की नियुक्ति की जानी होती है। अस्पताल में पद रिक्त पड़ा है। ईसीजी के लिए स्थान भी उचित नहीं है। जिस कमरे को रास्ते के रूप में प्रयोग किया जाता है वहां पर मरीजों का ईसीजी किया जाता है। पद खाली होने पर मरीजों के ईसीजी को क्लास फॉर तिलक राज कर रहे हैं। तिलक राज ने बताया कि ईसीजी करने की जिम्मेदारी दी है। तभी वो अपनी कार्य को कर रहा है।
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट आर पी गोयल कहते हें कि अस्पताल में 32 डाक्टर हैं, वैसे कई पद खाली पड़े हैं। सरकार अगर भर्ती करे तो सुविधा जाएगी। फोर्थ क्लास ट्रैंड हैं पिछले 15 -16 साल से काम कर रहा है। टेस्ट करने वाले स्टाफ की कमी है। यह काम सरकार का है। इस बारे में वे कुछ नहीं कह सकते!
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