गिव मी ट्रीज ट्रस्‍ट के हरियाली क्रांति आभियान के तहत लगे 2 करोड़ 30 लाख पेड़

punjabkesari.in Monday, Jun 05, 2023 - 08:34 PM (IST)

 गुडगांव ब्यूरो : आज विश्व पर्यावरण दिवस है। इस कड़ी में आज एक कहानी है गिव मी ट्रीज ट्रस्‍ट की।  यह एक गैर सरकारी संगठन है । गैर सरकारी संगठन ने पेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए देशव्यापी हरियाली क्रांति अभियान चलाया है। 43 साल पूर्व देश के मशहूर पर्यावरण कर्मी पीपल बाबा ने इसे गिव मी ट्रीज क्‍लब के रूप मे स्थापित किया था। इस एनजीओ के माध्यम से देश के 20 राज्यों के अंतर्गत आने वाले 230 जिलों में अब तक 2 करोड़ 30 लाख  पेड़ लगाए जा चुके हैं, जिनमें से सवा करोड़ पीपल के पेड़ हैं। इनमें गुरुग्राम और फरीदाबाद भी शामिल हैं । 

 

गुरुग्राम में सबसे बड़ी पीपल और बर्गद पेड़ों की नर्सरी है, जो सेक्टर 80 में  है। डासना जेल, तिहाड़, और गुड़गाव जेल में 2014 से जितने भी हरियाली के कार्यक्रम हुए हैं, उनमें GMTT अहम भागीदार रहा है। ट्रस्‍ट के संस्थापक पीपल बाबा कहते हैं कि पर्यावरण संवर्धन के लिए देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। जैसे लोग डॉक्‍टर, इंजीनियर शिक्षक बनते हैं, वैसे देश में ट्री प्लांटर भी बनाए जाएं। इसके लिए अहम प्रशिक्षण की जरूरत है, इसीलिए गिव मी ट्रीज ट्रस्‍ट ने नेचर एजुकेशन के लिए एक समर्पित टीम का गठन किया है। अजीत- पौधरोपण, इश्तियाक- बायोडायवर्सिटी , चौहान-पानी और मिट्टी , विनीत- जनरल सेशन और  जगदीप -कम्पोस्ट के सेशन लेते हैं। काम करने के बाद पक्षी मधुमक्खी, तितली की तादाद बढ़ी है। बायो डायवर्सिटी की जानकारी बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। फरीदाबाद के सेक्टर 26 में मुख्य पार्क में हरियाली बढ़ाने का कार्य किया गया है और अलग- अलग सेक्टर में नीम के पेड़ लगाए गए हैं। 

 

ट्रस्‍ट के द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हरियाली के विकास के लिए 1982 से कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में - गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, मेरठ, नॉएडा, ग्रेटर नॉएडा में बृहद हरित पट्टियां बनाई जा रही हैं। GMTT ने हरियाली शिक्षा के लिए बाकायदा एक ईको क्लब का गठन किया है, जिसमे ट्रेंड टीचर को लोगों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। वे लोगो को नेचर वाक के लिए पर्यावरण केंद्रों पर आमंत्रित करते हैं। एनवॉयरनमेंट एजुकेशन के तहत जैव विविधता (कितने मधुमक्खी आईं, कितनी तितलियाँ आईं, फल फूल नेक्टर पालन , नर्सरी बनाना, कम्पोस्ट तैयार करना आदि बताया जाता है। अगर आपके स्कूल  पर्यावरण संरक्षण हेतु हरियाली शिक्षा  कार्यक्रम चलाना है तो आप टीम से संपर्क कर सकते हैं। इसके ट्रेंड टीचर वहां जाकर निःशुल्क हरियाली शिक्षा के सत्र आयोजित करेंगे।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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