कई बार फ़ैल होने के बाद भी अपनी स्किल्स पर काम कर दुर्वेश यादव ने बनाया अपना नाम

punjabkesari.in Monday, Jan 09, 2023 - 07:57 PM (IST)

गुड़गांव,  (ब्यूरो): आज के समय में हमारा समाज हाई स्कोर और टॉप करने के पीछे की रेस में लगे हुआ है. आज के समय में हर पेरेंट्स अपने बच्चे से यहीं उम्मीद लगाता हैं कि उनके बच्चे के स्कोर 98, 99 से कम न हो और यहीं प्रेशर युवाओं में भी देखने को मिलता हैं. युवा हाई स्कोर के पीछे भागते हैं और इस रेस में वो अपने अंदर के स्किल्स को भूल जाते हैं कि वो किस काम में बेहतर हैं और अपना बेहतर परिणाम दें सकतें हैं. 

 

समाज की धरना बेहतर जीवन देती हैं सरकारी नौकरी 

देश में हर साल लाखों की तादाद में बच्चे सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा देते हैं लेकिन उन लाखों बच्चों में से कुछ सो बच्चे ही सफल होते हैं और नौकरी पा लेते हैं. हमारे समाज में सरकारी नौकरी एक ऐसी धारणा हैं जिसको पाने के लिए लोग दिन रात एक कर देते हैं क्योंकि सभी का मानना हैं कि एक बार सरकारी नौकरी लग गयी तो उन्हें ज़िन्दगी भर आराम की नौकरी और सरकारी सेवा का लाभ मिलता रहेगा. लेकिन कई ऐसे भी युवा हैं जो आज की युवा के उदाहरण हैं कि सरकारी नौकरी से हट कर उन्होंने अपने स्किल्स को पहचाना और उसे ही अपना जूनून बनाया जिसके बाद आज वो अपना एक नाम बना चुके हैं. हम आपको एक ऐसे ही युवा उधमी, पीआर, और लेखक के बारे में बताएँगे जो कई बार फ़ैल होने के बाद भी हार नहीं माने और एक नए पहचान के साथ आगे बढ़े

 

कई सरकारी परीक्षा में फ़ैल हुए थे दुर्वेश यादव 

जीं हाँ हम दुर्वेश यादव की बात कर रहें हैं जो राइजिंग स्टार डिजिटल मीडिया के मालिक है इसके साथ- साथ एक लेखक भी हैं. दुर्वेश यादव अपने शुरूआती दिनों के प्रयास और विफलताओं के बारे में बताते हैं कि वो भी एक भरतीय समाज की सोच की तरह सरकारी नौकरी की ही तैयारी कर रहे थे. कई बार प्रयास करने के बाद जब वो परीक्षा में सफल नहीं हो पायें तो उन्होंने अपने स्किल्स को लेकर एक पहचान बनाना शुरू किया. दुर्वेश यादव आज उस मुकाम पर हैं जो वो सरकारी नौकरी पाने के बाद भी नहीं हासिल कर पाते. दुर्वेश एक बड़े उधमी के साथ साथ बहुत ही कम उम्र में लेखक बनकर नाम बनाने वाले युवा में से एक हैं. दुर्वेश यादव की राइजिंग स्टार डिजिटल मीडिया कंपनी एक ब्रांड बन गयी है जो पब्लिक रिलेशन और ऑनलाइन मार्केटिंग सेवा देने के लिए जानी जाती हैं. 

 

सरकारी नौकरी की रेस की बजाय अपने स्किल्स को जूनून बनाना चाहिए- दुर्वेश यादव  

दुर्वेश यादव खुद कहते है कि अगर आप ज्यादातर उधमी के जीवन के बारे में जानने जाएँगे तो पाएँगे कि उन्होंने हमेशा ही अपने स्किल्स को जूनून बनाया और इस कामयाबी तक पहुंचे. इसीलिए एक युवा उधमी होने के नाते युवाओं के लिए इंसिपिरेशन के तौर पर उभरे दुर्वेश यादव कहते हैं कि युवाओं को किसी सरकारी नौकरी की रेस में भागने की जगह अपने स्किल्स को अपना जूनून बनाना चाहिए.


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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