विदेशों में शिक्षा दिलाने के नाम पर छात्रों को लूट रहे कई संस्थान : जगत पटेल

punjabkesari.in Wednesday, May 04, 2022 - 08:57 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो: विदेशों में पढऩे का सपना देखने वाले छात्रों को काफी भटकना पड़ता है। फिर चाहे एजुकेशन लोन हो, या फिर वीजा से संबंधित दिक्कतें। एजुकेशन लोन के साथ अक्सर छात्र वीजा और दूसरी फॉर्मैलिटीज में उलझ कर रह जाते हैं और पीछे रह जाते हैं।  विदेश में शिक्षा का लालच देकर भी कई संस्थान छात्रों को लूटने का काम करते हैं या गलत संस्थान पर विश्वास करने की वजह से छात्र अक्सर अपने करियर से समझौता कर बैठते हैं। ओवरसीज एजुकेशन सेंटर के फाउंडर जगत पटेल कहते हैं कि विदेश में पढ़ाई का सपना देखने वालों को एक सही मार्गदर्शन मिलना काफी जरूरी है। ताकि वो गलत यूनिवर्सिटी और कोर्स चुनकर अपनी करियर के साथ खिलवाड़ ना कर बैठें।

वीजा इश्यू का सॉल्यूशन जरूरी

जगत पटेल कहते हैं कि जो स्टूडेंट्स एजुकेशन लोन लेकर विदेश में पढ़ाई के लिए जाते हैं उनके लिए तो यह और भी अहम है। सबसे बड़ा हर्डल जो सामने आता है वो है वीजा और उससे संबंधित फॉर्मैलिटीज का। जिस पर सबसे ज्यादा समय खराब होता है। ऐसे में हम यहां ऐसे स्टूडेंट्स की इसी तरह की समस्याओं का समधान करते हैं। जगत पटेल कहते हैं कि अब स्टूडेंट्स को एक ऐसे प्लेफॉर्म की जरुरत है, जहां उनके वीजा और उससे संबंधित सभी काम पूरे हो सकें। ओवरसीज एजुकेशन सेंटर के फाउंडर जगत पटेल कहते कि बीते 15 सालों में 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को यूनाइटेड किंग्डम, ऑस्ट्रेलिया, यूएसए कनाडा ऑडियो और न्यूजीलैंड सहित दुनियाभर की यूनिवर्सिटीज एवं कॉलेजेस में भेज चुके हैं।

लोन अमाउंट

जगत पटेल कहते हैं कि एजुकेशन लोन आमतौर पर कोर्स फीस और विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने से जुड़े अन्य खर्चों को कवर करते हैं जैसे कि रहने का खर्च, एग्जाम फीस, स्टडी मटीरियल, ट्रैवल एक्सपेंडिचर और इंश्योरेंस। आप 20 लाख से लेकर अधिकतम 1.5 करोड़ रुपए तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं। अधिकतर लेंडर लोन अमाउंट में शामिल खर्चों का उल्लेख करते हैं और छात्रों को यह सुनिश्चित करने के लिए मेहनती होना चाहिए कि इनमें से अधिकांश खर्च भी बीमा पॉलिसी में शामिल हैं। यह एक विदेशी शिक्षा के वित्तीय बोझ को बहुत कम करता है।

मार्जिन मनी एवं टेन्योर

स्टूडेंट्स को विदेशी शिक्षा के लिए वित्तीय आवश्यकता, या मार्जिन मनी के एक निश्चित हिस्से का फसइनेंस करना चाहिए और बाकी के लिए एजुकेशन लोन का लाभ उठाना चाहिए। कुछ लेंडर्स को छात्र को इस तरह की मार्जिन मनी का योगदान करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। अन्य को मार्जिन को साल-दर-साल आधार पर लाने की आवश्यकता होती है। अधिकांश लेंडर 1 से 15 वर्ष की अवधि के लिए एजुकेशन लोन देते हैं।

ब्याज दर

जगत पटेल के अनुसार फॉरेन एजुकेशन लोन पर ब्याज दरें लोन टेन्योर और टिकट के आकार पर निर्भर करती हैं। लेंडर रेट का पता लगाने के लिए उनकी शिक्षा के बाद छात्रों की चुकौती क्षमता, योग्यता-योग्यता और नौकरी की संभावनाओं पर भी विचार करते हैं। ब्याज की गणना साधारण ब्याज का उपयोग करके की जाती है और अधिकांश लेंडर एक अस्थायी ब्याज दर प्रदान करते हैं जो कि उनकी अपनी आधार उधार दर और एक प्रसार है। ब्याज दर 6.6 फीसदी से 24 फीसदी के बीच है।

कॉलेटरल

फॉरेन एजुकेशन लोन या तो सुरक्षित या असुरक्षित हो सकता है। यदि कोई छात्र एक सुरक्षित लोन लेता है, तो व्यक्ति द्वारा चुकौती में चूक करने की स्थिति में सुरक्षा के रूप में एक ठोस कॉलेटरल देना होता है। कुछ लेंडर्स थर्ड पार्टी गारंटी और कॉलेटरल के बीच एक ऑप्शन देते हैं। हालांकि, कई लेंडर लोन 7.5 लाख रुपए से अधिक होने पर कॉलेटरल पर जोर देते हैं। जबकि सेफ लोन लेंडर के साथ बेहतर शर्तों पर बातचीत करने या यहां तक कि एक हाई लोन अमाउंट प्राप्त करने में मदद करते हैं।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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