नूंह कोर्ट ने पोक्सो केस में आरोपी को दी 20 साल की सजा, लगाया 20 हजार का जुर्माना
punjabkesari.in Friday, Dec 19, 2025 - 07:52 PM (IST)
नूंह, (ब्यूरो): करीब साढ़े तीन वर्ष पुराने पोक्सो केस में जिला एवं सत्र न्यायालय की पोक्सो अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. आशु संजीव तिंजन ने दोषी सकील को आईपीसी की अलग-अलग धाराओं तथा पोक्सो एक्ट 2012 की धारा 6 में बुधवार को दोषी ठहराया था। जिसके बाद उसे शुक्रवार को सजा सुनाई गई।
अदालत ने आईपीसी की धारा 366 (अपहरण) के तहत पांच वर्ष की कठोर कारावास एवं 5,000 रुपये जुर्माना, जुर्माना अदा न करने पर एक माह की साधारण कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं, पोक्सो अधिनियम 2012 की धारा 6 के अंतर्गत उसे 20 वर्ष की कठोर कारावास एवं 20,000 रुपये जुर्माना, जुर्माना न देने की स्थिति में तीन माह की साधारण कारावास की सजा दी गई। इसके अतिरिक्त, आईपीसी की धारा 323 के तहत तीन माह की कठोर कारावास, धारा 341 के तहत 15 दिन की कठोर कारावास तथा धारा 506 के तहत दो वर्ष की कठोर कारावास की सजा भी सुनाई गई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
बता दें कि फिरोजपुर झिरका के अगोन गांव निवासी सकील के खिलाफ वर्ष 2022 में फिरोजपुर झिरका थाने में एक नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिस पर अदालत ने उसे दोषी पाया और शुक्रवार को सजा सुनाई। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि जांच, पूछताछ या विचारण के दौरान आरोपी द्वारा पहले से बिताई गई हिरासत अवधि को धारा 428 सीआरपीसी / 468 बीएनएसएस के प्रावधानों के अनुसार कुल सजा अवधि में समायोजित किया जाएगा। अदालत द्वारा जारी वारंट के तहत अधीक्षक, जिला कारागार नूंह को निर्देश दिए गए हैं कि आरोपी सकील को जेल हिरासत में लेकर कानून के अनुसार सजा को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जुर्माने की राशि अभी तक जमा नहीं कराई गई है। पब्लिक प्रोसिक्यूटर विजय सहरावत ने बताया कि यह फैसला नाबालिगों के विरुद्ध अपराधों पर सख्त रुख अपनाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।