उद्योगपतियों की समस्याएं जल्द दूर होंगी : कैप्टन अभिमन्यु

punjabkesari.in Monday, Dec 14, 2015 - 08:20 PM (IST)

 गुड़गांव (अनिल मनचंदा):  प्रदेश के वित्त एवं उद्दोग मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की माने तो प्रदेश सरकार उद्योगो के प्रति बढ़िया और कारगर नीतिया बना रही है। जल्द ही उद्योगपतियों की मांगों पर भी विचार कर सिंगल विंडो सिस्टम जैसी सुविधाये प्रदेश भर में शुरू होंगी। इससे उद्योगपतियों को परेशानी का सामना नही करना पडेग़ा ।

हरियाणा में उद्योगो की मजबूती और प्रदेश में उद्योगपतियों को होने वाली परेशानियों के मद्देनज़र गुडगांव के निजी होटल में औद्योगिक संगठन एसोचेम की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें चीफ गेस्ट के तौर पर कैप्टन अभिमन्यु ने शिरकत की और प्रदेश सरकार की उद्योगो को बढ़ावा देने की नीतियोंं की सराहना की। 

 बता दें कि हरियाणा में आकर्षित कुल निवेश में गुडगांव की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है। जिसके चलते गुडगांव हरियाणा को निवेशरूपी ताकत देने में सबसे महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप् में स्थापित हो गया है। एसोचैम द्वारा अर्थ व्यवस्था के मामले में कराए गए सर्वे में गुडगांव प्रगति के पथ पर है और फरीदाबाद कमजोर स्थिति में है। एसोचेम की माने तो गुडगांव को विकसित करने में बिल्डरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है,जबकि प्रदेश सरकार ने इस और ध्यान नहीं दिया है। गुडगांव में इंफ्रास्टेक्चर की कमी है,जिस कारण गुडगांव में छोटे व मंझले उघोग या पलायन का संकट मंडरा रहा है ।

इस महत्वपूर्ण मामले में सेक्टर 18 उद्योग विहार एसोसिएशन के अध्यक्ष कर्नल राज सिंगला की मानें तो सरकार का सेमी और छोटे उद्योगों की तरफ ध्यान ही नहीं है। सरकार सिर्फ बड़े औद्योगिक घरानों को ही ध्यान में रख नीतियां बना रही है जिससे लघु उद्योग बंदी या हरियाणा से पलायन को मजबूर हो रहे हैं,लेकिन सरकारी उदासीनता और हावी अफसरशाही के चलते गुडगांव के उद्योग विहार में तकरीबन चालीस प्रतिशत उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच चुके हैं। समस्या और विकराल होती जा रही है, लेकिन न तो केंद्र में कोई सुनने को तैयार है और न ही प्रदेश में। 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए विदेश यात्रा कर चुके हैं और एनआरआई निवेशकों को लुभाने का भरसक प्रयास कर रहे है। एनआरआई निवेशक अपने उद्योग हरियाणा में लगा कर पछता रहे है। ऐसे ही एक विदेशी निवेशक की मानें तो गुडगांव में अफसरशाही इतनी हावी है कि निवेशकों को भारी परेशानी का सामना गुडगांव में करना पड़ता है। उनका कहना है कि सरकारी नीतियों में बड़े सुधार की जरुरत है। 

निवेशकों की माने अगर यही हालत रहे तो हरियाणा को और ख़ास कर गुडगाँव को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। वित् मंत्री की मानें तो जल्द हो प्रदेश में एनआरआई सम्मलेन होने जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा निवेश हरियाणा में हो सकेगा। 

गुडगांव उभरते भारत का भले ही प्रतीक माना जाता हो,लेकिन यह इंफ्राटेक्चर की कमी आने वाले दिनों में उघोगपतियों के लिए भी समस्या का कारण बनती जा रही है। इस लिए सरकार को गुडगांव की तरह सम्भावना पूर्ण भविष्य वाला एक और शहर बनाने की और कदम बढाने होगे, जिससे राजस्व बढाया जा सके और गुडगांव के साथ-साथ प्रदेश का विकास भी हो सके।


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