सुरजीवन हेल्थ रिजॉर्ट के कब्जे को लेकर नूंह में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के गंभीर आरोप

punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 07:37 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : सुरजीवन हेल्थ रिजॉर्ट के कब्जे को लेकर नूंह में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के गंभीर आरोप सामने आए हैं। दिवंगत अलका श्रीवास्तव के कानूनी उत्तराधिकारियों, उनके बच्चों प्रवर श्रीवास्तव और सनोवर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि सुरजीवन हेल्थ रिजॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक देवेंद्र कमल श्रीवास्तव, रोहिणी गंभीर, देवयानी स्वरूप और सुदर्शन गंभीर ने धोखेबाजों की भूमिका निभाई है, जिन्होंने कथित तौर पर जाली लीज डीड तैयार करके और कब्जा रोकने के लिए झूठे मुकदमे दायर करके, पहले से ही कानूनी रूप से बेची गई संपत्ति को हड़पने की साजिश रची। फिलहाल एसडीएम ने जांच के आदेश दिए रिपोर्ट में एसडीएम ने दस्तावेजों में की गई जालसाजी को सही पाया है।

 

फ़ोरेंसिक जांच में लीज़ पर फर्जी मिले दिवंगत अलका श्रीवास्तव के हस्ताक्षर

अदालती दस्तावेजों के अनुसार, उत्तराधिकारियों ने सभी आवश्यक जांच-पड़ताल पूरी करने के बाद जनवरी 2025 में अपनी जमीन बेच दी। राजस्व जाँचों से पुष्टि हुई कि कोई विवाद नहीं था, भुगतान बैंकिंग माध्यमों से किए गए थे, और संपत्ति का विधिवत रूप से जनवरी 2025 को वास्तविक खरीदारों के नाम पर म्यूटेशन कर दिया गया था। फिर भी, कुछ ही हफ़्तों में, इन अभियुक्तों ने कानूनी उत्तराधिकारियों को मुकदमेबाजी में घसीट लिया, जिसमें देवेंद्र कमल श्रीवास्तव ने कथित जाली लीज़ डीड के आधार पर ज़मीन पर कब्ज़ा करने का दावा किया। विवाद के केंद्र में अगस्त 2022 का एक लीज़ एक्सटेंशन डीट है। यह दस्तावेज़ अभियुक्तों द्वारा मूल लीज़ अवधि से आगे किरायेदारी के अधिकारों का दावा करने के लिए अदालत में पेश किया गया था। फ़ोरेंसिक विशेषज्ञों ने तब से यह निर्धारित किया है कि इस लीज़ पर दिवंगत अलका श्रीवास्तव के हस्ताक्षर जाली थे। अप्रैल और मई 2025 में दो स्वतंत्र विशेषज्ञ रिपोर्टों ने निष्कर्ष निकाला कि लीज़ डीड ''खुलेआम जालसाजीÑÑ का परिणाम थी, जो अभियुक्तों द्वारा जानबूझकर गढ़ी गई थी।

 

दिवंगत अलका 2023 में अपने पति डी के श्रीवास्तव को विरासत से किया था वंचित

दिवंगत अलका श्रीवास्तव ने 2023 में एक पंजीकृत वसीयतनामा निष्पादित किया था जिसमें स्पष्ट रूप से अपने पति डी के श्रीवास्तव को विरासत से वंचित किया गया था। पूर्व की कार्यवाहियों और अपनी पंजीकृत वसीयत में रोहिणी गंभीर के साथ उनके अवैध संबंधों का हवाला देते हुए, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत नई दिल्ली के पटियाला हाउस न्यायालय में घरेलू हिंसा का मामला भी दायर किया था। देवेंद्र कमल श्रीवास्तव के खिलाफ अंबाला कैंट के पराव में धोखाधड़ी का एक और मामला लंबित है। मई 2025 में देवेंद्र कमल श्रीवास्तव, रोहिणी गंभीर, देवयानी स्वरूप और सुदर्शन गंभीर के खिलाफ जालसाजी, साजिश और विश्वासघात के आरोप में दर्ज एक औपचारिक पुलिस शिकायत के बावजूद, चार महीने बाद भी कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। 2023 के एक दीवानी मुकदमे में, देवेंद्र कमल श्रीवास्तव ने स्वीकार किया कि उनकी पत्नी, अलका श्रीवास्तव, मालिक थीं और उनके पास केवल एक किरायेदार के रूप में कब्ज़ा था। फिर भी 2025 में, उनकी मृत्यु और उनकी पंजीकृत वसीयत के निष्पादन के बाद, जिसमें उन्हें स्पष्ट रूप से उत्तराधिकार से वंचित कर दिया गया था। प्रवर और सनोवर का कहना है कि वे न केवल अपनी माँ की विरासत की रक्षा के लिए, बल्कि एक आपराधिक साजिश से सही स्वामित्व की रक्षा के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। फर्जी दस्तावेजों को बनाना और अदालत में उनका उपयोग करना एक गंभीर अपराध है, कोई छोटा विवाद नहीं है, और जहां पुलिस को बिना देरी किए कार्रवाई करनी चाहिए।  

 

वर्जन-

आधिकारिक रिकॉर्ड में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई आधार नहीं दिखाया गया है। मैंने राजस्व रिकॉर्ड की जाँच की है और मुझे याचिकाकर्ता के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है। डीके श्रीवास्तव ने अदालत से संपत्ति के कब्जे पर स्थगन आदेश ले लिया है। जितेंद्र गर्ग एसडीएम तावडूर स्थगन आदेश ले लिया है। जितेंद्र गर्ग एसडीएम तावडू


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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