शिवम ठाकुर के नेतृत्व में SGADF इंडिया ने इंडो–नेपाल इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में रचा इतिहास, 165 पदकों के साथ बना ‘ओवरऑल चैम्पियन’
punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 07:38 PM (IST)
गुड़गांव, ब्यूरो : भारत के उभरते युवा खिलाड़ियों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अगर अवसर और मार्गदर्शन सही मिले, तो प्रतिभा किसी सीमा की मोहताज नहीं होती। स्कूल गेम्स एंड एक्टिविटी डेवलपमेंट फाउंडेशन (SGADF) के नेतृत्व में भारत की टीम ने इंडो–नेपाल इंटरनेशनल चैम्पियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 165 पदक (142 स्वर्ण और 23 रजत) जीतकर ‘ओवरऑल चैम्पियन’ का खिताब अपने नाम किया। यह प्रतियोगिता 4 से 8 नवंबर 2025 तक पोखरा के ऐतिहासिक रंगशाला स्टेडियम में आयोजित हुई, जिसमें नेपाल स्पोर्ट्स काउंसिल का पूर्ण सहयोग और ज़ीरो7, खेलोग्राम (KheloGram) तथा शिवम ठाकुर फाउंडेशन का प्रायोजन रहा। भारत के 185 युवा एथलीटों ने फुटबॉल, हैंडबॉल, वॉलीबॉल, कुश्ती, जूडो, कराटे, बॉक्सिंग, एथलेटिक्स, शूटिंग और पारंपरिक खेल सिलंबम में शानदार प्रदर्शन करते हुए दर्शकों और निर्णायकों को प्रभावित किया।
“यह जीत हर उस युवा के सपनों की जीत है”— शिवम ठाकुर
SGADF इंडिया के संस्थापक और भारतीय टीम के सक्रिय पिस्टल शूटर शिवम ठाकुर ने इस अवसर पर कहा, “यह जीत केवल पदकों की नहीं, बल्कि उन सपनों की जीत है जिन्हें किसी समय सीमित साधनों ने रोक दिया था। SGADF का मिशन है कि कोई भी प्रतिभाशाली खिलाड़ी अवसर या संसाधनों के अभाव में पीछे न रह जाए। यह हमारे खिलाड़ियों के साहस, अनुशासन और विश्वास की जीत है।” उन्होंने आगे कहा कि इस चैम्पियनशिप की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि सभी पदक विजेता एथलीट अब दुबई, मलेशिया और थाईलैंड में आयोजित होने वाली एसजीएडीएफ एशियन चैम्पियनशिप के लिए 40% प्रायोजन सहायता के साथ क्वालीफाई कर चुके हैं।
खेल के माध्यम से मानवाधिकार और समान अवसर की दिशा में SGADF की पहल
SGADF का विश्वास है कि खेल किसी विशेष वर्ग या क्षेत्र का अधिकार नहीं, बल्कि हर बच्चे का जन्मसिद्ध मानवाधिकार है। संयुक्त राष्ट्र और यूनेस्को द्वारा खेल को मानवाधिकार और समग्र विकास के साधन के रूप में मान्यता दी गई है। इसी भावना के साथ SGADF भारत में ऐसे बच्चों और युवाओं को अवसर दे रहा है जो आर्थिक या सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं, परंतु खेल में असाधारण क्षमता रखते हैं।
फाउंडेशन का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) जैसे —
स्वास्थ्य और कल्याण (SDG 3), गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (SDG 4) और असमानता में कमी (SDG 10) को खेल के माध्यम से सशक्त बनाना है।
एथलीटों के लिए उपलब्ध विशेष लाभ और अवसर
इस ऐतिहासिक चैम्पियनशिप के विजेता खिलाड़ियों को SGADF द्वारा निम्नलिखित विशेष सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं —
अंतरराष्ट्रीय क्वालिफिकेशन: सभी पदक विजेता आगामी एशियन चैम्पियनशिप के लिए सीधे क्वालीफाई कर चुके हैं।
वित्तीय सहायता: SGADF इन खिलाड़ियों को आगामी एशियन और वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भाग लेने हेतु 40% प्रायोजन (Sponsorship) प्रदान करेगा।
स्पोर्ट्स कोटा जॉब्स: SGADF, IOC द्वारा मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं TAFISA, IAKS और ICSSPE का सदस्य है। इसके प्रमाणपत्र भारत सरकार द्वारा मान्य स्पोर्ट्स कोटा नौकरियों में स्वीकार किए जाते हैं।
शैक्षणिक प्रवेश और छात्रवृत्ति: SGADF के प्रमाणपत्रों का उपयोग कर अब तक 258 से अधिक खिलाड़ियों ने भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में प्रवेश और सरकारी छात्रवृत्ति प्राप्त की है।
अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन: नेपाल स्पोर्ट्स काउंसिल ने SGADF खिलाड़ियों को ‘इंटरनेशनल स्पोर्ट्स डिप्लोमा’ प्रदान किया है, जो उनके प्रोफाइल को वैश्विक स्तर पर मान्यता देगा।
प्रतियोगिता के दौरान SGADF टीम ने सभी खिलाड़ियों को आवश्यक ‘Form-1’ प्रमाणपत्र भी वितरित किए, जिससे उन्हें अपने आगामी अंतरराष्ट्रीय लाभों का दावा करने में सुविधा होगी।
SGADF इंडिया —खेल के माध्यम से बदलाव की नई परिभाषा
स्कूल गेम्स एंड एक्टिविटी डेवलपमेंट फाउंडेशन (SGADF) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारत के जमीनी स्तर के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराने के लिए कार्यरत है।
SGADF की सदस्यता TAFISA, IAKS और ICSSPE जैसी IOC मान्यता प्राप्त वैश्विक संस्थाओं के साथ है।
फाउंडेशन पारदर्शिता, समान अवसर और उत्कृष्टता पर आधारित खेल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
SGADF इंडिया का विजन स्पष्ट है —
“हर बच्चे तक खेल पहुँचाना, हर प्रतिभा को पहचान देना, और हर खिलाड़ी को मंच प्रदान करना।”
शिवम ठाकुर—खिलाड़ी से राष्ट्र निर्माता तक का सफर
शिवम ठाकुर, SGADF के संस्थापक और भारतीय टीम के सक्रिय काउंटी पिस्टल शूटर, न केवल एक खिलाड़ी हैं, बल्कि एक विचारधारा हैं एक ऐसी सोच जो यह मानती है कि खेल सिर्फ पदक जीतने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज निर्माण, अनुशासन और समानता की भावना को बढ़ावा देने का रास्ता है। उन्होंने कहा,“भारत के हर गांव और स्कूल में खेल को शिक्षा का हिस्सा बनाना जरूरी है। SGADF का लक्ष्य है कि हम प्रतिभा को केवल पहचानें नहीं, बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने की जिम्मेदारी निभाएं।”
SGADF आने वाले महीनों में भारत के विभिन्न राज्यों में नेशनल यूथ स्पोर्ट्स फेस्टिवल्स और एशियन सेलेक्शन ट्रायल्स आयोजित करेगा, जिनके माध्यम से खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार किया जाएगा। फाउंडेशन का दीर्घकालिक उद्देश्य है भारत को न केवल खेल उपलब्धियों में बल्कि खेल नीति और एथलीट अधिकारों में भी अग्रणी राष्ट्र बनाना।