साइबर सिटी मे बेखौफ चल रहा शराब और शबाब का धंधा

punjabkesari.in Monday, Dec 18, 2017 - 12:03 PM (IST)

गुडग़ांव(ब्यूरो):विकास और आधुनिकता में लकदक डूबी साइबर सिटी शाम ढ़लते ही जिस्मफरोशी और जरायम का अड्डा बन जाती है। जबकि शहर के कई ऐसे स्थान है जहां सड़कों पर दिनभर ग्राहकों से मोलभाव चलता रहता है। गुडग़ांव का इफको चौक मेट्रो से लेकर, सिकंदरपुर मेट्रो के नीचे हाईवे पर शाम ढलते ही देह-व्यापार की मंडी गुलजार हो जाती है। यहां पर भारतीय ही नहीं, दर्जन भर अफ्रीकन देशों की लड़कियां और गोरी मैम भी ग्राहकों से पैसों के लेनदेन पर बात करते मिल जाती है। नए साल के आगमन के साथ ही इनके कारोबार में जबरदस्त उछाल आया ही है। कारण यह है कि कि गुडग़ांव उद्योग और साफ्टवेयर का हब ही नहीं रहा बल्कि यहां सैकड़ों पब, बार, नाइट क्लब और होटलों की तादाद देशी-विदेशी लोगों को अपने तरफ खींचती रही है। 

हाईवेज के बीच में बने डिवाईडर और उनपर लगे पेड़-पौधों की आड़ लेकर ये देशी-विदेशी युवतियां अपने ग्राहकों के इंतजार में देर रात तक खड़ी रहती हैं। पुलिस पिकेट मौजूद होने के बाद भी ये बेखौफ अपने धंधे को अंजाम देती हैं। यहां पर मौजूद दर्जनों पब और बार सहित नाइट क्लबों में जहां देर रात तक शराब पीने वालें शौकीनों का जमावड़ा लगा रहता है। वहीं ये पब और बार सहित क्लब इनके धंधे को और भी रफ्तार देता है। इसी तरह इफको चौक के आसपास भी इसतरह के धंधे में लिप्त महिलाएं रातभर मौजूद रहती है। हद तो यह कि ओल्ड गुडग़ांव के  सदर बाजार के पास नागरिक अस्पताल से सोहना चौक जाने वाली सड़क पर दिनभर जिस्मफरोशी का धंधा करने वाली महिलाओं के साथ ग्राहकों का मोलभाव चलता रहता है।

स्थानीय निवासियों ने जब कभी पुलिस को सूचित किया अथवा 100 नंबर पर फोन करके अपनी आपत्ति दर्ज कराई तो पुलिस एक रश्मी कार्रवाई कर इन्हें छोड़ देती है। अगले दिन फिर से ये बेखौफ होकर अपने धंधे में लग जाती हैं। शहर में पांच सितारा होटलों से लेकर छोटे होटल और लॉज तक की अतिरिक्त आय का साधन देहव्यापार बन चुका है। हाईप्रोफाइल कॉल गर्ल्स को ऑनलाइन साधनों का प्रयोग करके ग्राहकों के समक्ष रखा जाता है और इसके लिए बकायदा होटलों की रेटिंग तय कर दी गई है। इस धंधे में होटलों का नाम नहीं लिया जाता बल्कि उन्हे कोडवर्ड, पासवर्ड के आधार पर पहचाना जाता है।

शहर में शाम ढलने के बाद जैसे-जैसे अंधेरा होता है, शहर के तमाम नामचीन होटल अय्याशी के अड्डे बन जाते हैं। नए साल पर मौज-मस्ती और मदहोशी के इस धंधे को लेकर अनुमान किया जा रहा है कि सौ करोड़ से अधिक का धंधा होने वाला है। कारण कि यहां पर पुराने और नए गुडग़ांव को मिलाकर तकरीबन 285 पब और बार है जिसमें ठंढ के साथ ही अब शौकीनों की भीड़ बढ़ती जा रही है। इसके अलावा सरकार से मान्यता प्राप्त आहाता,वाइन शॉप के अड्डों की संख्या सैकड़ों में हैं। 

सोच सिंगापुर बनाने की, बन रहा मलेशिया 
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली को छोड़ दें तो आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से गुडग़ांव ऐसा शहर है जहां सर्वाधिक विदेशियों की संख्या है। इतना ही नहीं, यहां पर मौजूद हाईटेक होटलों में विदेशियों का आगमन भी बड़े पैमाने पर होता है। गत बीस सालों में विकसित किए गए शहर को आधुनिकता और टेक्नॉलाजी के मामले में सिंगापुर बनाने का लक्ष्य था लेकिन आधुनिकता और विकास की विकृत अवधारणा इसे मलेशिया बनाती जा रही है। चूंकि पांच सितारा होटलों की रेपुटेशन और हाईप्रोफाइल कस्टमर को देखते हुए प्रशासन इसके अंदर झांकने की हिमाकत नहीं करता। नेपाल से लेकर नाइजीरिया और अफ्रीकन देशों की लड़कियां भी लगी हुई है। जबकि यूरोपीय देशों की लड़कियां भी मुनाफे के कारोबार में पीछे नहीं है।


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