पुलिस की 40 कंपनियां करनाल में मौजूद, किसी तरह की हिंसा नहीं होने दी जाएगी : विज

punjabkesari.in Wednesday, Sep 08, 2021 - 05:28 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): विशेषज्ञों की चेतावनियों से हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट दिख रहा है। विभाग ने प्रदेश में तीसरे सिरो सर्वे को लेकर युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है। यह सर्वे पिछले दोनों सर्वो से कई तरह सेे भिन्न होगा। इसमें विशेष तौर पर उम्र की तीन कैटेगरी शामिल की जाएंगी। जिसमें 6 से 9 साल की उम्र के बच्चों के 3600 सैंपल, 10 से 17 साल की उम्र के 11,000 सैंपल तथा 18 से ऊपर की उम्र के 22000 सैंपल लिए जाएंगे।

इस सर्वे में ग्रामीण अंचल और शहरी क्षेत्रों के सैंपल 60 40 के अनुपात से शामिल किए जाएंगे। इन सर्वेे रिपोर्ट के बाद विभाग द्वारा की गई वैक्सीनेशन और तीसरी लहर की घातकता की संभावनाओंं को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। इस महत्वपूर्ण विषय पर पंजाब केसरी ने प्रदेश के गृह, स्वास्थ्य एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज से विशेष चर्चा की। हाल ही में हरियाणा आंदोलनकारी तथाकथित किसानों के लिए भी युद्ध का मैदान बना है। उस विषय पर भी अनिल विज ने दो टूक जवाब दिए। उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:-

 

प्रशन:- सिरो सर्वे को लेकर आप काफी गंभीर हैं।इसकी जरूरत को समझाएं ?
उत्तर:-
पहली बार के सिरो सर्वे में 8 फ़ीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी। दूसरी बार में 14.3 लोगों में एंटीबॉडी पाई गई। एंटीबॉडी दो प्रकार से बनती है। एक जिन्हें कोविड हुआ हो, दूसरा जिन्होंने वैक्सीनेशन ली हो उनमें बनती है। तीसरा सिरो सर्वे दोनों को मद्देनजर रखकर किया जाएगा। इससे हमें पता चलेगा कि फर्स्ट डोज लेने के बाद नेचुरल एंटीबॉडी किसकी बनी है और दूसरी डोज लेने के बाद किसकी बनी है। कौवाशील्ड और को-वैक्सीन लगवाने के बाद कितनी- कितनी एंटीबॉडी बनी, इसका भी पता चल जाएगा। हिंदुस्तान का पहला इतने बड़े सैंपल साइज वाला यह सिरो सर्वे होगा। जिसमें 6 साल से अधिक उम्र के बच्चोंं को भी कवर किया जाएगा। गांव-शहर दोनों के सैंपल लिए जाएंगे। मेडिकल स्टाफ के 2200 सदस्य इस सर्वे को करेंगे। इससे हमेंं पता चलेगा कि प्रदेश में कितने लोगों में कोरोना के प्रति प्रोटेक्शन पैदा हो चुकी है। उसके बाद हमें आगे की प्लानिंग करनी है। इस सर्वे से हम देखना चाहते हैं कि कहीं हम अंधेरे में तो लाठियां नहीं मार रहे। हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं या नहीं। इस सर्वे में हमें यह सब पता चल जाएगा।

 

प्रशन:- तीसरे सिरो सर्वे की जरूरत आखिर क्यों समझी गई और इसमें पिछले सिरो सर्वे से क्या भिन्नता रहेगी ?
उत्तर:-
पिछले सिरो सर्वे के दौरान वैक्सीनेशन प्रदेश में शुरू नहीं हो पाई थी। उस दौरान एलिजा टेस्ट किया गया। इस सर्वे में स्पाइक प्रोटीन टेस्ट भी होगा। इस सर्वे की किट्स अलग हैं। मशीन भी अलग हैं। इसके सप्लायर्स बहुत कम हैं। शुरू में तो हमारे विभाग के टेक्निकल लोगों ने इसे करने को लेकर हाथ खड़े कर दिए थे और यह सर्वे मेडिकल कॉलेज पीजीआई से करवाने की बात कही थी। लेकिन मैंने मोटिवेट किया और कहा कि पहले हमारे पास एक भी लैब मौजूद नहीं थी। जबकि आज हर जिले में लैब मौजूद हैं। हमारी टीम ने हर मौके पर बेहतर करके दिखाया है। यह सर्वे भी विभाग द्वारा होना चाहिए।इसके बाद विभाग ने तैयारियां की और प्रिपेयर हुए। शॉर्ट टर्म टेंडर लगवा कर नई किट्स खरीदी गई। इस सर्वे में वैक्सीनेशन का रिजल्ट भी आएगा। इसलिए यह पिछले सर्वो से अलग है।

 

प्रशन:- क्या वैक्सीन की सप्लाई पर्याप्त हो रही है और वैक्सीनेशन की स्थिति क्या है ?
उत्तर:-
अभी तक हमारे पास वैक्सीन की सप्लाई 25-30-40 लाख तक आ रही थी। इस महीने हमें 70 लाख वैक्सीन की सप्लाई की उम्मीद है। हम पूरी आबादी को कवर करना चाहते हैं। इसके लिए हमारे पास दो टारगेट हैं। हमारे पास 2021 की जनगणना के हिसाब से लगभग 2 करोड़ 85 लाख की आबादी है। जिसमें से एक करोड़ नब्बे लाख 18 साल से ऊपर उम्र की है और इनमें से एक करोड़ 25 लाख  को हम वैक्सीन लगा चुके हैं। हम सितंबर तक प्रदेश की पूरी आबादी को कवर करना चाहते हैं। अब हमारा ध्यान दूसरी डोज वाले लोगों की तरफ भी लगातार है। जो कि हमारा आंकड़ा लगभग अब 50-50 या 60-40 फ़ीसदी भी आ रहा है। हमें दूसरी डोज के लिए एजीबिल लोगों को जल्द कवर करना है।

 

प्रशन:- इस सिरो सर्वे में सैंपल साइज क्या रखा गया है ?
उत्तर:-
हमने इस बार 36500 सैंपल साइज लिया है। यह पर कैपिटा के हिसाब से दूसरे प्रदेशों से सबसे बड़ा सैंपल साइज है। मैं इस हफ्ते में सभी जिलों के सिविल सर्जन, उपायुक्तों से वीसी करके रिव्यू भी करूंगा। इस सर्वे रिपोर्ट के बाद तीसरी लहर की तैयारियां भी हमें करनी है। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी राजीव अरोड़ा अभी हाल ही में तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूह, पलवल, रेवाड़ी में रिव्यू करके आए हैं और हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं। 

 

प्रशन:- इस सिरो सर्वे में किस किस उम्र के सैंपल लिए गए हैं ?
उत्तर:-
इस सर्वे में तीन कैटेगरी बनाई गई हैं। जिसमें 6 से 9 साल के लगभग 3600 सैंपल, 10 से 17 साल के लगभग 11000 सैंपल और 18 से ऊपर की उम्र के 22000 सैंपल लिए गए हैं। कुल लगभग 36500 सैंपल साइज रहेगा। ग्रामीण क्षेत्र से 60 और शहरी क्षेत्र से 40 फ़ीसदी सैंपल इकट्ठे किए जाने हैं।

 

प्रशन:- इस सर्वे का आधार क्या रहेगा ?
उत्तर:-
सर्वे करने के लिए जब विभाग जाएगा तो वह पूछेगा कि आपको कोविड हुआ है या नहीं ? आपने वैक्सीन लगवाई है या नहीं ? लगवाई है तो एक डोज लगवाई है या दोनों ? कौन सी वैक्सीन लगवाई है कोवाशिल्ड या को-वैक्सीन ? इन बातों से हमारा सारा डाटा तैयार हो जाएगा।

 

प्रशन:- नेचुरल बॉडी में एंटीबॉडीज का मतलब समझाएं, यह क्या है ?
उत्तर:-
जिस व्यक्ति को कोरोना हुआ और चला गया। लेकिन उसे नहीं पता चला। उनमें तैयार एंटीबॉडीज से यही माना जाएगा कि उन्हें कोरोना हुआ था। वह नेचुरल बॉडीज में तैयार एंटीबॉडीज मानी जाएगी।

 

प्रशन:- कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन का भारी संकट झेलना पड़ा था। इस बार विभाग कितना तैयार है ? 
उत्तर:-
प्रधानमंत्री केयर फंड द्वारा हमें मिले 42 पीएसए प्लांट में से 38 डिलीवर हो चुके हैं और 30 के करीब लग चुके हैं। इसी महीने सारे प्लांट ऑपरेशन कर दिए जाएंगे। ऑक्सीजन की कमी इस बार नहीं आएगी। हमने इसके लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है। इसके साथ हम ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य साधनों का भी पर्याप्त इंतजाम किया है।हरियाणा में पहले की तरह ऑक्सीजन के प्रोडक्शन पर्याप्त मात्रा में चल रही है। साथ ही साथ सभी प्राइवेट अस्पतालों को उनकी जरूरत के हिसाब से प्लांट लगाए जाने के सख्त निर्देश दिए हैं। अगर कोई  निजी सेक्टर ऐसा नहीं करता तो उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाएगा। मुख्य बात यह है कि पहले भी दूसरी लहर के दौरान अगर ऑक्सीजन सप्लाई हमें पानीपत-हिसार से लगातार होती रहती तो हमारे यहां पहले भी शॉर्टेज नहीं थी। कुछ समय बाद हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो ऑक्सीजन के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाएगा। हमें ऑक्सीजन के लिए कहीं बाहर गाड़ियां-जहाज नहीं उड़ाने पड़ेंगे। 5000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हमारे पास आज मौजूद हैं। जो कि पहले 1000 से भी कम थे। आज पीएचसी-सीएचसी लेवल पर भी तैयारियां हैं। हमने डी-टाइप सिलेंडर भी इकट्ठे किए हैं। ताकि इन्हें भी जरूरत पड़ने पर भरकर रखा जा सके। यह एक बफर स्टॉक है। पहली और दूसरी लहर में हमने बहुत कुछ सीखा। उसी अनुभव का आज हम इस्तेमाल कर रहे हैं।

 

प्रशन:- विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर का ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा। क्या उन्हें वैक्सीनेशन का सुरक्षा कवच प्रदान नहीं किया जाना चाहिए ?
उत्तर:-
केंद्र सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार 18 साल से ऊपर की आबादी को ही वैक्सीनेशन लगाई जानी है। हमने केंद्र सरकार को बाकी आबादी के लिए भी प्रोटोकोल बनाने के लिए लिखा है। 18 साल से कम उम्र वालों को भी यह सुरक्षा कवच दिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार का भी इस तरफ ध्यान है। 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को यह कवच देने के बाद अक्टूबर-नवंबर तक इस पॉलिसी के भी आने की उम्मीद है।

 

प्रशन:- सरकार द्वारा स्कूल खोलने के आदेश जारी किए गए हैं। लेकिन शत प्रतिशत अध्यापक वैक्सीनेट नहीं हो पाए। क्या इस कदम को सुरक्षित मानते हैं ?
उत्तर:-
सबसे फास्ट वैक्सीनेशन स्कूल टीचर्स के लिए की गई। सभी जिला सिविल सर्जन ने जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठकर कैंप भी लगाए। हमारी लगातार कोशिश रही है कि हर एजुकेशनल इंस्टिट्यूट चाहे स्कूल हों, कॉलेज हों, यूनिवर्सिटी हो, इनसे जुड़े सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को वैक्सीनेशन की प्राथमिकता मिले। इसी कारण से करीब आज 1 माह से अधिक स्कूल खोले हो गए हैं, लेकिन पॉजिटिव केस लगातार एक माह से 15 से भी कम आ रहे हैं।

 

प्रशन:- कुछ लोग दूसरे प्रदेशों के यहां काम करते हैं। उनके लिए वैक्सीनेशन की पॉलिसी क्या है ?
उत्तर:-
हमने यह आदेश पहले से जारी किए हुए हैं कि चाहे व्यक्ति कहीं का भी हो, चाहे थोड़े दिन के लिए यहां काम कर रहा हो, उसे वैक्सीन लगाई जाए। क्योंकि बिना वैक्सीनेशन वाला व्यक्ति भविष्य में प्रदेश के लिए बड़ी चिंता का कारण बन सकता है।

 

प्रशन:- प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग स्टाफ की कमी झेल रहा है। इस समस्या को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ?
उत्तर:
- स्टाफ कभी भी किसी भी प्रदेश में शत-प्रतिशत कभी भी नहीं होता। हमारा भी ओंन गोइंग प्रोसेस है।जहां हमारा रेगुलर स्टाफ उपलब्ध नहीं है वहां हम आउटसोर्सिंग पॉलिसी से कॉन्ट्रैक्ट पर स्टाफ को लेकर सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। साथ-साथ ट्रेनिंग भी रहती है। हमने विभाग में स्टाफ की कमी कभी नहीं आने दी।

 

प्रशन:- दूसरी लहर के दौरान कई दवाइयों की कमी बड़ा संकट का कारण बनी। क्या विभाग तैयार है ?
उत्तर:-
पिछली बार बहुत सी मेडिसिन की कमी देखने को मिली। रेमडेसीविर-एंफोटरइसिन मेडिसिन के लिए दिक्कतों का सामना हुआ। इस बार हमारे स्टॉक में एक लाख से अधिक यह मेडिसिन मौजूद हैं। अगर यह मेडिसिन इस्तेमाल नहीं हुई तो आप लोग ही प्रशन करेंगे कि इन मेडिसन पर सरकार के करोड़ों रुपए खराब हो गए। लेकिन उसके बावजूद हम प्रदेश की जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अपने स्टॉक में कमी नहीं आने दे रहे।

 

प्रशन:- त्योहारी सीजन के चलते क्या गाइडलाइन जारी की गई हैं ?
उत्तर:-
त्योहारी सीजन के कारण एक्टिव केस बढ़ने की आशंका के चलते लोगों से अपील की गई है कि हर साल तो त्योहार आप सामाजिक तौर पर मनाते ही हो लेकिन इस बार त्यौहार अपने घर पर मनाओ।सामूहिक तौर पर यह सीजन न मनाया जाए। क्योंकि तीसरी लहर को रोकने में जनता बड़ी भूमिका अदा कर सकती है। अगर लोगों ने यह त्योहारी सीजन पहले की तरह मनाया तो इससे इंफेक्शन बढ़ने का खतरा है।

 

प्रशन:- करनाल में किसानों के जमावड़े और जिद्द को लेकर आपके गृह विभाग की तैयारियां क्या है ?
उत्तर:-
हमने वहां पर्याप्त व्यवस्था की हुई है। पुलिस की लगभग 40 कंपनियां करनाल में मौजूद हैं। एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर मिस्टर विर्क इस मोर्चे को संभाल रहे हैं। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और हमें उम्मीद है कि सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से होगा।

 

प्रशन:- इस समस्या का समाधान आप क्या मानते हैं ?
 उत्तर:-
प्रजातंत्र का महत्वपूर्ण भाग संवाद है। दो दौर की मीटिंग हो चुकी है और समाधान वार्ता से ही निकलेगा।


प्रशन:- किसान नेताओं द्वारा लाठी भाले लेकर आने के आह्वान के चलते विभाग की तैयारी को पर्याप्त मानते हैं ?
उत्तर:-
हमारी पुलिस पूरी तरह से तैयार है। किसी तरह की हिंसा नहीं होगी और ना ही होने दी जाएगी।

 

प्रशन:- किसान नेता एसडीएम पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। आपका क्या मानना है ?
उत्तर:-
आंदोलनों में बहुत सी मांगे की जाती हैं। क्या करना है या क्या नहीं करना है। वह हमने सोचना है।

 

 


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Content Writer

Isha

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