जीएसटी में 49 और वैट कलेक्शन में लगभग 19 फीसदी का इजाफा: अनुराग रस्तोगी

punjabkesari.in Friday, Nov 26, 2021 - 10:36 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): प्रदेश के खजाने को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला विभाग आबकारी एवं कराधान पिछले 2 साल से लगातार कोरोना की मार झेल रहा था, जिस कारण विभाग की कलेक्शन काफी प्रभावित हुई थी। इसके साथ साथ कोरोना की मार से प्रभावित आमजन को रिलीफ देने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा किस प्रकार के कदम उठाए गए? 

इस प्रकार के कई महत्वपूर्ण विषयों पर पंजाब केसरी ने इन दोनों विभागों के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी से बातचीत की। जिसमें उन्होंने बताया कि बीती कोरोना की दो लहरों का आबकारी एवं कराधान विभाग के लिए भी अन्य विभागों की तरह निसंदेह पिछला साल मुश्किलों से भरा रहा। इस दौरान रेवेन्यू पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा। इस साल अब आकर कुछ स्थिति नॉर्मल बन पाई है। इस समय की टैक्स कलेक्शन काफी अच्छी चल रही है और एक्साइज के कलेक्शन की स्थिति भी ठीक है। जीएसटी और वैट दोनों में ही पिछले साल की तुलना करें तो स्थिति काफी बेहतर है। पिछले साल अब तक 9770 करोड़ के कलेक्शन थी। जो कि इस साल 14530 करोड़ के करीब हो चुकी है। पिछले साल की तुलना में 49 फीसदी के लगभग ज्यादा है और एक्साइज में भी पिछले साल लगभग 4200 करोड़ की अब तक की रिकवरी हुई थी। इस बार 5000 करोड़ के करीब रेवेन्यू प्राप्त हो चुका है। यह स्थिति काफी अच्छी है। साल के अंत तक इनमें और अच्छी इंप्रूवमेंट होगी।

उन्होंने बताया कि धान की खरीद 15 तारीख को बंद हो गई थी। हमने इस बार लगभग सवा 55 लाख टन की खरीद की है जो कि लगभग पिछले साल के ही बराबर है। पिछले साल से लगभग सवा लाख टन कम है। कुल धान का 98 फ़ीसदी मिलर्स को डिस्पैच किया जा चुका है। जो कि मिलिंग करके सरकार को वापिस देंगे। पिछले साल और इस साल लगभग खरीद बराबर हुई है। उससे पिछले साल से अगर तुलना करें तो यह देखकर समझ में आता है कि आसपास के प्रदेशों से धान आ रही थी। लेकिन पिछले साल और इस साल में जो सवा लाख टन का अंतर आया है वह इस कारण से लगता है कि बाहर के किसान जो पोर्टल के मुताबिक रजिस्टर्ड करके पिछले साल लाए थे हमने इस बार उस की परमिशन नहीं दी। इस कारण से यह अंतर माना जा सकता है और डिस्पैच हुई धान में से 98 फीसदी की पेमेंट हम किसानों को कर चुके हैं।

रस्तोगी ने बताया कि हम पहले दिन से ही धान द्वारा चावल निकाल कर राइस मिलों की कार्यवाही पर रिपोर्टिंग शुरू कर देंगे। जिसे लेकर मैं सभी जिलों के डीएफएससी की एक मीटिंग ले चुका हूं। रिपोर्टिंग फॉर्मेट में हर रविवार को मुझे पूरी सूचना दी जाएगी। मैं महीने में कम से कम एक मीटिंग अवश्य लूंगा। मैंने 18 तारीख को एक मीटिंग ले ली है और 6 दिसंबर को अगली मीटिंग की तारीख निश्चित कर दी है। हम रिव्यू करेंगे। जिस भी मिलर्स से हमें टाइम पर राइस नहीं मिलेगा उसके खिलाफ जो भी कार्यवाही हमें करनी होगी तभी कर लेंगे। बजाय इसके कि हम तीन-चार महीने बैठे रहे और तब पता चले कि उसके पास तो धान उपलब्ध ही नहीं है। 

साथ ही उन्होंने बताया कि 2 साल पहले राशन डिपो धारकों का कमीशन बढ़ाया गया था। अब हम  डिपो धारकों  की आमदनी को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वाकांक्षी कदम उठाने जा रहे हैं जिसमें बड़ी-बड़ी कंपनियों जैसे डाबर, हिंदुस्तान लीवर, मैरिको, कोका कोला इत्यादि के प्रोडक्ट को हम जोडऩे की कोशिश में है। कॉन्फेड के माध्यम से सस्ते रेट पर डिपो होल्डर को देंगे और जिसे वह मार्केट रेट से थोड़ा सस्ता गांव में बेचेंगे। जिससे गांव वालों और डिपो होल्डर दोनों को फायदा होगा। आने वाले समय में हम कुछ डिपो होल्डर को सीएससी का काम भी करवाने के प्रयास में हैं। जिससे सीएससी का प्रॉफिट और कमीशन दोनों मिलाकर अच्छा जीवन बिता सकें।


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Content Writer

Shivam

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