5100 नौजवान खून से राष्ट्रपति के नाम लिखेंगे पत्र , कृषि कानूनों को रद्द करने की करेंगे मांग
punjabkesari.in Tuesday, Feb 23, 2021 - 09:44 AM (IST)
जींद (ब्यूरो): मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए जींद जिले के 5100 नौजवान खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखेंगे। इसके लिए मुहिम जल्द शुरू की जा रही है। राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखने की इस मुहिम की अगुवाई करने वाले भारतीय नौजवान सभा जींद के प्रधान बबलू मिर्चपुर ने सोमवार को बताया कि 5100 नौजवान अपने खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखेंगे। पत्र में राष्ट्रपति से मांग की जाएगी कि नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। नए कृषि कानून किसी भी तरह से किसान, मजदूर और छोटे व्यापारी के हित में नहीं हैं। ये कानून केवल चंद बड़े पंूजीपतियों की मदद के लिए बनाए गए हैं।
इन कानूनों के लागू होने के बाद किसान अपने ही खेतों में अडानी और अंबानी जैसे कार्पोरेट घरानों के मजदूर बनकर रह जाएंगे। किसान को अडानी और अंबानी के खेतों में इस तरह की मजदूरी किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है। किसान और किसानी का अस्तित्व बचाने के लिए नौजवान अपना खून देने के लिए भी तैयार हैं। 5100 युवाओं के खून से लिखे पत्र राष्ट्रपति को यही बताने का काम करेंगे। बबलू मिर्चपुर ने कहा कि उनका संगठन पिछले 87 दिनों से दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में हर तरह से सहयोग कर रहा है। उनकी टीम अब तक बॉर्डर पर 2000 किं्वटल आटा, चावल, तेल, दाल समेत दूसरी खाद्य सामग्री भेज चुका है। उनके संगठन से जुड़े युवाओं ने जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते, घर नहीं जाएंगे, जैसी इबारत के पोस्टर खून से लिखने शुरू कर दिए हैं।
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