प्रदूषण पर प्रशासन के दावे हवा-हवाई, मरीजों को करना पड़ रहा परेशानियों का सामना

punjabkesari.in Monday, Nov 08, 2021 - 08:35 AM (IST)

फरीदाबाद : प्रदूषण को लेकर प्रशासन के तमाम दावे हवा होते नजर आ रहे हैं। दिनोंदिन हवा प्रदूषित होती जा रही है। शहर में दिवाली बाद खराब हुई हवा की गुणवत्ता ने सिविक एजेंसियों के दावे की पोल खोल दी है। दिवाली से पहले प्रदूषण की रोकथाम के लिए संबंधित सरकारी संस्थानों द्वारा कई दावे किए जा रहे थे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर आदेश पर डीजी सेट और तंदूर भट्टियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। निगम आदि से सड़क पर उड़ रही धूल को दबाने के लिए पानी के छिड़काव करने को कहा गया था। पुलिस को आतिशबाजी की रोकथाम के लिए शख्ती बरतने को कहा गया था। लेकिन यह दावे और आदेश दिवाली के दूसरे दिन ही हवा हो गई। 

आलम यह है कि दिवाली के बाद से शहर में दिनों-दिन प्रदूषण स्तर बढ़ ही रहा है। इससे जिले की करीब 24 लाख आबादी की जान सांसत में आ गई है। उनमें सांस संबंधित समस्या, आंखों में जलन, आंखों से पानी आना, आंखों में खुजली समेत चर्म रोगों बढऩे की संभावना बढ़ रही है। उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारी स्मिता कनोडिया के अनुसार औद्योगिक नगरी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए पिछले महीने से ही जिला प्रशासन, नगर निगम, फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण, फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड, पुलिस विभाग आदि से प्रयास तेज करने की मांग की गई थी। इस बाबत उन्हें पत्र भी लिखा गया था।

सीपीसीबी के आदेश के बाद जिला प्रशासन की ओर से सभी विभागों की कार्य योजना भी तय कर दी गई थी। बावजूद शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। यह चिंतनिय है। शहर में जहां-तहां सड़क निर्माण कार्य समेत और भी विकास कार्य किए जा रहे हैं। इसके अलावा सड़क किनारे धूल जमे हैं। सीपीसीबी की ओर से सड़क किनारे जमे धूल को उठाने के साथ उसे दबाने के लिए पानी का छिड़काव करने का आदेश पिछले महीने ही दिया गया था। बावजूद शहर में नगर निगम द्वारा कहीं पानी का छिड़काव नहीं किया जाता।

इससे सड़कों पर सरपट दौड़ रही वाहनों से उड़ रही धूल हवा में घुल रहा है और इससे हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। प्रदूषण की रोकथाम के लिए सीपीसीबी की ओर से शहर में डीजी सेट व तंदूर भट्टी को जलाने में पूर्णत: प्रतिबंध लगा है। बावजूद शहर में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां इसे खुलेआम जलाए जा रहे हैं। इससे निकल रहा धुंआ शहर की बिगड़ी आबोहवा को और खराब कर रहा है। रेलवे रोड, ओल्ड फरीदाबाद समेत कई क्षेत्रों में ढ़ाबा संचालक सुबह के समय तंदूर भट्टी जलाते हैं। इससे सुबह आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर काफी खराब हो जाता है।

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Content Writer

Manisha rana

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