भाजपा-जजपा गठबंधन में सब ठीक नहीं!

punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2020 - 11:20 AM (IST)

करनाल (शर्मा): हरियाणा में गठबंधन के साथ दूसरी पारी खेल रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल के लिए विपक्ष से अधिक उनके अपने ही विधायक चुनौती बनते जा रहे हैं। विधायकों द्वारा नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोले जाने के मुद्दे पर जहां भाजपा व जजपा में असंतोष की स्थिति है वहीं मुख्यमंत्री तथा उप-मुख्यमंत्री इस पूरे मुद्दे पर शांत हैं।

मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल दौरान जहां गुरुग्राम के पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल ने पूरे कार्यकाल में सी.एम. के खिलाफ मोर्चा खोले रखा वहीं एक समय ऐसा भी आया था जब एक दर्जन से अधिक विधायकों ने गुट बनाकर सुधारक मोर्चा बनाते हुए सी.एम. के खिलाफ लॉङ्क्षबग शुरू कर दी थी। हालांकि उस समय जिन-जिन विधायकों ने सी.एम. के खिलाफ मोर्चा खोला था उनमें से ज्यादातर को इस चुनाव में घर बिठा दिया गया। अब फिर से प्रदेश में वैसी ही स्थिति बनती जा रही है। सरकार को सत्ता में आए 3 माह भी पूरे नहीं हुए हैं और विधायक मुखर हो चुके हैं। विज और मुख्यमंत्री के बीच सी.आई.डी. विवाद के अलावा विधायकों के विवाद भी चल रहे हैं।

सत्ता में बैठने से चूके कुंडू बने सबसे बड़ी मुसीबत
हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की महम विधानसभा से इस बार निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू चुनाव जीते हैं। वह पहले भाजपा के प्रबल दावेदार थे लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो भाजपा से बागी होकर चुनाव मैदान में कूद गए और जनता ने उन्हें विधानसभा पहुंचा दिया। भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तथा पार्टी से बाहर होने वाले कुंडू ने भाजपा को समर्थन का ऐलान कर दिया तथा भाजपा ने भी उनका 6 साल वाला निलंबन 6 माह से भी कम समय में वापस ले लिया।

जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर मनोहर पार्ट टू में मंत्री बनने का सपना देख बलराज कुंडू मनीष ग्रोवर पर खुलेआम भ्रष्टाचार और जाट आंदोलन को भड़काने के आरोप लगा चुके हैं। चुनाव हारने के बाद कृष्ण बेदी की तरह मनीष ग्रोवर भी दोबारा सी.एम.ओ. में एंट्री के लिए लॉङ्क्षबग कर रहे थे लेकिन कुंडू के आरोपों ने उनका रास्ता रोक दिया है। रोहतक पी.जी.आई. में फैले भ्रष्टाचार को उजागर करके भी कुंडू सुॢखयों में हैं। कार्रवाई न होने की सूरत में वह समर्थन वापसी के संकेत दे चुके हैं। इस पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री तथा भाजपा हाईकमान न तो कुंडू के विरोध में बोल रही है और न ही मनीष ग्रोवर का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में महम के विधायक सरकार के गले की फांस बन सकते हैं।


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Isha

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