अंत्योदय परिवार उत्थान  योजना बैंक बिना वजह से मामलों को न लटकाएँ: वी उमाशंकर

punjabkesari.in Sunday, May 08, 2022 - 11:03 AM (IST)

चंडीगढ़( चन्द्रशेखर धरणी): मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान  योजना की हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  वी उमाशंकर ने पूरे हरियाणा के जिलाधीश,एडीसी,मिशन डायरेक्टर -मनदीप बराड़,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग स्टेट लेबल बैंकर्स कमेटी,कई बैंकों के उच्चाधिकारियों व अन्य अधिकारियों से मीटिंग ली।

वी उमाशंकर ने कहा कि प्रदेश में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को विकास की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिल के काफी करीब है। मेलों में प्राप्त आवेदनों के निस्तारण के लिए बैंकों से ऋण स्वीकृत कराया जाए। जो बैंक बिना किसी मजबूत आधार के आवेदनों को रिजेक्ट कर रहे हैं ऐसा नहीं होना चाहिए। सभी जिलों के उपायुक्त तथा अतिरिक्त उपायुक्त रिजेक्ट हुए केसों का फालोअप तैयार कर उन्हें स्वीकृत कराएं।

 इस अवसर पर वी उमाशंकर ने कहां की हरियाणा के मुख्यमंत्री तथा सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है। विभिन्न बैंकों के द्वारा आने वाली दिक्कतों को देखते हुए उमाशंकर ने बैंक अधिकारियों को बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा की यह कोई साधारण लोन मेला नहीं है। विभिन्न बैंकों की कार्यप्रणाली को लेकर यह इनपुट मिल रहा है कि वह इसे मैकेनिकल बना रहे हैं। उन्होंने बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर बैंक बिना वजह से मामलों को लटकाएँगे तथा काम में देरी करेंगे तो मुख्यमंत्री हरियाणा इस मामले में वित्त मंत्री भारत सरकार को लिख सकते हैं। इसके अलावा जब वित्त मंत्री के पास यह मामला जाएगा तो वित्त मंत्री विभिन्न बैंकों के सीएमडी या एमडी को इस मामले में जवाबदेही कर सकते हैं। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से बैंक प्रबंधकों को यह समझाने की कोशिश की कि बिना वजह से कामों में उपयोग देरी की जा रही है या लोन देने में गुरेज की जा रही है उसको लेकर सरकार किसी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।

   उमाशंकर ने सभी जिलों के उपायुक्तों तथा अतिरिक्त उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वह मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी इस योजना को व्यक्तिगत रुप से मॉनिटर करें तथा कहीं भी कोई दिक्कत आती है तो तुरंत सूचित करे। उमाशंकर ने मीटिंग के अंदर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के थ्रू मौजूद अधिकारियों को भी दिशा निर्देश दिए कि 15 दिनों की समय अवधि में वह निर्धारित समय में अपना लक्ष्य पूरा करें। अगर अधिकारियों की तरफ से कोई लापरवाही की जाती है तो इस मामले में सरकार सेवानिवृत्ति की 55 साल की आयु के तहत अयोग्य व्यक्तियों को सेवानिवृत्ति भी प्रदान कर सकती हैं।

 उमाशंकर ने कहा कि हरियाणा सरकार का प्रमुख लक्ष्य है कि हरियाणा के अंदर किसी भी व्यक्ति को गरीबी रेखा से नीचे रहने देना। गरीब व्यक्ति के उत्थान तथा अंत्योदय के अंतर्गत लक्ष्य हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का है। अत्यंत गरीब परिवारों के जीवन उत्थान व सालाना आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रदेशभर में दो चरणों में खंड स्तर पर मेलों का आयोजन किया जा चुका है। इन मेलों में परिवार पहचान पत्र के आधार पर गरीब परिवारों को बुलाया गया था। इन परिवारों की सालाना आमदनी बढ़ाने के लिए एक लाख 80 हजार रुपये तक पहुंचाने के लिए उनकी जरूरत व इच्छानुसार पशु पालन, सिलाई-कढाई, करियाणा/गारमेंट स्टोर, नाई की दुकान आदि के आवेदन करवाए गए थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वीकृत ऋण संबंधी केस लंबित न रहें। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना को जिला प्रशासन के सभी अधिकारी और बैंक प्रबंधक गंभीरता से चलाएं। इसमें कोताही करने वाले अधिकारी के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

वी. उमाशंकर ने कहा कि यह योजना मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल है और इसे कामयाब बनाना हर एक अधिकारी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि किसी बैंक में इस योजना के लाभपात्र का लोन नहीं स्वीकृत किया जा रहा है तो उस बैंक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। प्रशासन के सभी खाते उस बैंक में बंद कर दिए जाएंगे। इसके अलावा बैंक प्रबंधक के खिलाफ उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा। प्रधान सचिव वी. उमाशंकर ने कहा कि किसी विभाग में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना का एक भी आवेदन 15 दिनों से अधिक लंबित रहा तो उसके अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

 

 


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Content Writer

Isha

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