मुझे नहीं लगता ओपी चौटाला के लौटने से कोई फर्क प्रदेश की राजनीति पर पड़ेगा: अशोक अरोड़ा

punjabkesari.in Sunday, Jul 25, 2021 - 07:42 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हाल ही में चौधरी ओम प्रकाश चौटाला द्वारा इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा पर पायलट होने की टिप्पणी की गई थी। पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान मौजूदा कांग्रेसी नेता पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने चौटाला के इस कटाक्ष पर बड़ी सहजता से जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि ओमप्रकाश चौटाला एक बुजुर्ग नेता हैं और मैंने लंबे समय तक उनके साथ काम किया। मैं उनकी इज्जत करता हूं। मैंने लंबे समय तक एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के लिए वफादारी और ईमानदारी से काम किया है। मेरी वर्किंग के बारे में ओमप्रकाश चौटाला अच्छी तरह जानते हैं। 

उन्होंने कहा कि आज मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं और जो भी जिम्मेदारी कांग्रेस मुझे सौंपती है, उसे भी ईमानदारी से निभाने का काम करता हूं। रही पायलट बनने की बात तो मैंने ओमप्रकाश चौटाला की भी गाड़ी बहुत चलाई है। अभय चौटाला भी जब मेरे साथ बैठते थे, तो मैं वह गाड़ी भी चलाता था। गाड़ी चलाना मेरा शौक है। हुड्डा साहब के साथ बैठने पर भी मैं गाड़ी चलाता हूं। राहुल गांधी कुरुक्षेत्र में आए तो उनकी गाड़ी भी मैंने चलाई थी। यह शौक है। उन्होंने कहा कि वह बुजुर्ग व्यक्ति जिनके साथ मैंने लंबे समय तक काम किया। 

अरोड़ा ने कहा कि सामाजिक और पारिवारिक तौर पर वह वापस आए हैं। इसकी मुझे बेहद खुशी है। लेकिन राजनीतिक तौर पर हर पार्टी का एक एजेंडा होता है और पहले भी इनेलो ओमप्रकाश चौटाला की देखरेख में काम कर रही थी। चाहे वह जेल में भी थे। मुझे नहीं लगता कि उनके लौटने से कोई विशेष फर्क प्रदेश की राजनीति पर पड़ेगा। इसके साथ उन्होंने कहा कि एचसीएस की परीक्षाओं के लिए लॉ की डिग्री की जरूरत नहीं है। जबकि हरियाणा की नगर पालिकाओं के कार्यकारी अधिकारी की परीक्षाओं के लॉ ग्रेजुएट होना अनिवार्य किया जा रहा है। एचसीएस व अन्य पेपरों के लिए केवल सिंपल ग्रेज्युएशन का क्राईटेरिया है।

इस मौके पर अरोड़ा ने हाल ही में कांग्रेस के अंतर कलह पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता सोनिया गांधी-राहुल व प्रियंका ने पिछले काफी दिनों से पंजाब के प्रभारी हरीश रावत से बात की और मुख्यमंत्री व कई नेताओं से मिलकर पंजाब कांग्रेस में एक अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने का निर्णय किया। कहीं-न-कहीं सहमति बनने के बाद ही इस प्रकार के निर्णय लिए जाते हैं। आने वाले विधानसभा चुनावों में निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी फिर से सरकार बनाने जा रही है। 

पार्टी ने नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष पद के लिए नियुक्त किया है। जोकि एक जागरूक नेता हैं और लोगों की आवाज उठाते रहे हैं। मेरा मानना है कि कैप्टन और सिद्धू मिलकर पंजाब में एक अच्छी सरकार चलाएंगे। वहीं हरियाणा की अंतरकलह में भी उन्होंने बयान देते हुए कहा कि प्रजातंत्र में हर पार्टी में वैचारिक मतभेद होते हैं। लेकिन कांग्रेस हमेशा एक है। जब-जब विपक्ष की भूमिका निभाने की बात आई तो पूरी कांग्रेस ने एकजुटता दिखाकर सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। लंबे समय से कोरोना काल की मार झेल रहे प्रदेश निवासी अभी उबर भी नहीं पाए थे कि प्रदेश सरकार ने महंगाई की मार जनता पर डाली। पेट्रोल- डीजल के दाम बढ़ने से किसान का खर्च बढ़ गया।

ट्रांसपोर्टेशन बढ़ने से हर चीज पर असर पड़ा। उस समय कांग्रेस ने एकजुट होकर जनता की आवाज उठाने का काम किया। संसद में जब विपक्ष के नेताओं, जजों, अखबारों से जुड़े लोगों, चुनाव आयोग से जुड़े लोगों के फोन टेप किए जाने की आवाज उठी तो इस रोष में हमारी कांग्रेस पार्टी के सभी लोगों ने इकट्ठे होकर चंडीगढ़ में गवर्नर को सरकार के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। देश के प्रजातंत्र को बचाना है। आज देश की आजादी पर हमला हो रहा है। कांग्रेस पार्टी लगातार बढ़ रही महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी के खिलाफ सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।

अशोक अरोड़ा ने इस मौके पर किसान आंदोलन पर भी चर्चा की और कहा कि मैंने अपने जीवन में इतना शांतिप्रिय और इतना लंबा आंदोलन कभी नहीं देखा। किसान अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए तीनों कानूनों को रद्द करवाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन सरकार उन पर लाठियां भांज रही है। खाई खोद रही है। गड्ढे खोद रही है। वाटर कैनन का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन किसान हर जुल्म सहता हुआ आंदोलनरत है। सरकार ने आंदोलन को तोड़ने के लिए कभी इन्हें आतंकवादी, खालिस्तानी बताया। कभी विदेशी फंडिंग के आरोप लगाए। कभी एसवाईएल का मुद्दा उठाया। लेकिन सभी किसान एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहे हैं । गुणीप्रकाश जैसे कुछ कमजोर कड़ियों को तोड़कर सरकार ने अपने साथ मिलाया है। षड्यंत्र रच कर इस आंदोलन को तोड़ने की कोशिशों में लगे हुए हैं। लेकिन मेरा मानना है कि किसानों का यह आंदोलन एक-आध नेता के बयान से टूटने वाला नहीं है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ भी अशोक अरोड़ा ने कटाक्ष किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा जनता को बहकाने का काम कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि हमारा प्रदेश आज महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में नंबर वन है। कई बार हुए सर्वों की रिपोर्ट को यह जुठला रहे हैं।पहले पंजाब में नशे के बढ़ते प्रचलन पर हम चिंतित थे। परंतु सरकार की कमजोरी और युवाओं की बेरोजगारी के चलते आज हमारे प्रदेश के युवा भी नशे की तरफ बढ़ रहे हैं। यह बहुत दुखद बात है। हरियाणा सरकार पर देश के युवाओं को रोजगार देने की बजाय रोजगार पर तरह-तरह की शर्ते लगा रही है। प्राइवेट नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75 फ़ीसदी आरक्षण का बिल बनाना एक मात्र ढकोसला है। क्योंकि कोरोना कॉल के बाद तो प्राइवेट कंपनियां छटनी कर रही हैं। आज छोटे-छोटे शहरों में 25-25000 युवा बेरोजगार हैं। वेटर, दुकान पर काम करने वाले, बैंड, डीजे, होटल वाले लोग बेरोजगार हो गए हैं। उनके जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय सरकार ने उन पर महंगाई की चोट की है। शर्तें लगाकर सरकार अपने आदमियों को नौकरियों पर एडजेस्ट कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विकास के नाम पर नई-नई योजनाएं बना रही है। लेकिन लंबे इंतजार के बाद 4 दिन पहले हुई बरसात में प्रदेश का कोई शहर ऐसा नहीं बचा, जिसने इनके विकास की पोल न खोली हो। करनाल विधानसभा तो खुद मुख्यमंत्री की है। करनाल की सड़कों, दुकानों, मकानों तक में पानी भर गया। बरसात से पहले नालों की सफाई हमेशा होती रही है। इन्होंने तो वह तक नहीं करवाई। नाले भरे पड़े हैं। सफाई न होने के कारण पानी निकासी नहीं हुई और शहर तालाब में तब्दील हो गए। यह सरकार की विफलता है विकास केवल कागजों में हो रहा है।


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Content Writer

vinod kumar

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