सिविल अस्पताल में नौकरी लगवाने को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा- जॉइनिंग लेटर पर फर्जी मेडिकल ऑफिसर के साइन
punjabkesari.in Wednesday, May 17, 2023 - 12:22 PM (IST)

यमुनानगर (सुमित) : स्वास्थ्य विभाग में ग्रुप डी के पदों पर सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लोगों से लाखों रुपए ठग फर्जी जॉइनिंग लेटर देने का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं जॉइनिंग लेटर पर फर्जी मेडिकल ऑफिसर के साइन तक किए गए है। नौकरी ना मिलने पर सभी अपने परिजनों के साथ आज यमुनानगर के मुकंद लाल नागरिक अस्पताल पहुंचे और इस मामले में सिविल सर्जन डॉ मंजीत सिंह से मुलाकात की। इस मामले की जांच पुलिस कर रही है।
सिविल सर्जन डॉ मनजीत सिंह का कहना है कि कुछ लोग आज उनसे मिले हैं और उन्होंने बताया है कि अस्पताल की ही कोई स्टाफ नर्स और उनके साथ किसी और ने मिलकर नौकरी देने के नाम पर उनसे पैसे लिए हैं। फिलहाल उन्होंने इस बारे में मुझे मौखिक रूप से आज बताया है। अगर किसी ने भी ऐसा किया है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। लिखित शिकायत मिलती है तो उस कर्मचारी के खिलाफ डिपार्टमेंटल इंक्वायरी भी की जाएगी। सिविल सर्जन का कहना है कि फिलहाल उस कर्मचारी से पूछे जाने पर उसने इस बारे में कुछ भी जानकारी ना होने की बात की है और पैसे लेने की बात से साफ इनकार किया।
युवकों के परिजनों ने लगाए ये आरोप
युवकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला नर्स द्वारा उनसे पैसे लिए गए। इसके बाद पहले तो उसने जॉइनिंग लेटर देने में देरी की। उसके बाद जॉइनिंग लेटर देने के साथ-साथ अस्पताल में भी उनसे तीन महीने तक बिना पैसे के काम करवाया। तीन महीने के बाद जब उन्हें पैसे नहीं मिले तो वह पैसे लेने के लिए प्रयास करने लगे तो पता चला कि ना तो उनकी कहीं जॉइनिंग हुई है और ना ही, उन्हें दिया गया जॉइनिंग लेटर असली है। तीन लाख से लेकर पांच-पांच लाख देने वाले परिजनों को जब यह बात पता चली कि उनके बच्चों के नियुक्ति पत्र फर्जी हैं तो उनके पांव तले की जमीन खिसक गई और उन्होंने आज परिजनों ने सिविल सर्जन डॉ मनदीप सिंह से मुलाकात कर उनसे नर्स इंदु के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने तथा नौकरी की आवाज में लिए गए लाखों रुपए वापस दिलाने की मांग की। वहीं सिविल सर्जन डॉक्टर मनजीत सिंह ने कहा कि यदि स्टाफ के सदस्य ने ऐसा किया है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई करना पुलिस और न्यायालय का काम है। हालांकि मैंने विभागीय तौर पर मौखिक तौर पर आई शिकायत के आधार पर नर्स से पूछा तो उसने पैसा लेने से इनकार किया है।
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