हरियाणा में हारे BJP उम्मीदवारों को मिलेगा एक और मौका, विधानसभा चुनाव की लिस्ट होने लगी तैयार !
punjabkesari.in Friday, Jun 14, 2024 - 06:26 PM (IST)
चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में लोकसभा चुनाव में हारने वाले बीजेपी उम्मीदवारों ने अभी तक उम्मीद नहीं छोड़ी है। लोकसभा चुनाव में हार चुके हरियाणा बीजेपी के नेता कुछ दिनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। हालांकि चुनाव हारने वाले नेताओं में एक मौजूदा विधायक और एक हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके और मौजूदा हरियाणा कैबिनेट में मंत्री हैं। ऐसे में इन नेताओं ने भी अपनी ओर से कार्यकर्ताओं से मुलाकात के नाम पर जनता की नब्ज टटोलने का काम शुरू कर दिया है।
इन प्रत्याशियों को मिली थी हार
हरियाणा में बीजेपी के 5 उम्मीदवार लोकसभा का चुनाव हार गए थे। इनमें रोहतक से डॉ. अरविंद शर्मा, जो बीजेपी के मौजूदा सांसद थे। इसके अलावा सोनीपत से मोहनलाल बड़ौली, जो राई से बीजेपी के विधायक है भी चुनाव हार गए थे। इसके साथ ही हिसार से हरियाणा सरकार के ऊर्जा और जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला को भी हार का मुंह देखना पड़ा। इनके अलावा आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए अशोक तंवर सिरसा और अंबाला से बंतो कटारिया भी कांग्रेस प्रत्याशियों के सामने जीत नहीं पाए।
चौटाला रानिया से थे विधायक
लोकसभा चुनाव हारने वालों में हरियाणा के ऊर्जा और जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला रानिया से विधायक थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में टिकट मिलने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। परंतु वह मंत्री पद पर बने हुए है। अब लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह फिर से सिरसा विधानसभा में एक्टिव हो चुके हैं। इसके लिए वह अपने कार्यकर्ताओं से भी लगातार मुलाकात कर रहे हैं। इतना ही नहीं वह विधानसभा चुनाव लड़ने का इशारा भी कर चुके हैं। ऐसे में देखना ये होगा कि बीजेपी की ओर से उन्हें उनकी मौजूदा विधानसभा सीट रानिया या फिर किसी और सीट से चुनावी मैदान में उतारा जाता है।
बड़ौली ने 52 साल बाद खिलाया था कमल
सोनीपत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े मोहन लाल बडौली राई से पार्टी की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े थे। मौजूदा समय में वह राई से बीजेपी के विधायक है। मोहन लाल बड़ौली ही 52 साल बाद राई में कमल खिला पाए थे। हालांकि लोकसभा चुनाव में मिली हार के पीछे बड़ौली पार्टी नेताओं की ओर से भीतरघात किए जाने का आरोप भी लगा चुके हैं। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद वह एक बार फिर से अपनी विधानसभा में सक्रिय हो चुके हैं।
लोस चुनाव की तैयारी का मिलेगा फायदा
राजनीति के जानकार मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में हार मिलने के बाद बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी इन लोगों को टिकट देने का इच्छुक है। इसके पीछे कईं कारण है, जिनमें सबसे बड़ा कारण ये है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सभी प्रत्याशी करीब एक महीने के समय तक जनता के संपर्क में रहे। इसलिए विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें प्रचार के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इसके साथ ही इन्हें जनता की दिक्कत और चुनावी मुद्दों की भी अच्छे से जानकारी है। इसलिए वह जनता के बीच अपनी बात को अच्छे से रख सकते हैं। इसके अलावा एक कारण ये भी है कि लोकसभा चुनाव की हार के बावजूद भी ये नेता राजनीति में सक्रिय रूप से बने रहेंगे। हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनने पर ये नेता जनता के बीच एक्टिव रहते हुए उनके काम करवा सकेंगे।
केंद्र की पार्टी की बनती है सरकार
राजनीति के जानकारों की माने तो हरियाणा में अभी तक उसी पार्टी की सरकार बनी है, जिसकी केंद्र में सरकार होती है। हरियाणा के लोग यह बेहतर जानते हैं कि केंद्र में सरकार होने पर ही प्रदेश में विकास कार्य हो सकेंगे। 2014 से लेकर अभी तक सूबे में भाजपा की ही सरकार है और केंद्र में भी बीजेपी समर्थित दलों की सरकार है। यही वजह है कि केंद्र की ओर से पिछले 10 सालों से हरियाणा को पर्याप्ट बजट मिलता रहा है।
शुरू हुई नामों की खोज
लोकसभा चुनाव में 5 सीट गंवाने के बाद बीजेपी ने विधानसभा में जीतने वाले चेहरों की तलाश शुरू कर दी है। पार्टी हाई कमान की ओर से लोकसभा स्तर पर ऐसे चेहरों की जानकारी मांगी जा रही है।