‘पराजय’ पर ‘विजय’ पाने के लिए भाजपा की ‘बाजीगिरी’

punjabkesari.in Sunday, Aug 05, 2018 - 11:05 AM (IST)

हिसार,(संजय अरोड़ा): वर्ष 2019 देश एवं प्रदेश की राजनीति के लिए काफी मायने रखता है और यही वो कारण है कि जहां भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अब गंभीरता से राज्य दर राज्य में जाकर फीडबैक जुटा रहा है तो वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी सत्ता पर पुन: वापसी के लिए एक विशेष फार्मूला अख्तियार कर उस दिशा में अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं जिससे पिछले चुनाव में हारी हुई अधिकांश सीटों को जीत में तबदील करने के साथ-साथ जीती हुई 47 विधानसभा सीटों पर भी फिर से विजय पताका फहराने की कवायद है। 

गौरतलब है कि भाजपा ने 2014 में पहली बार हरियाणा की 90 में से 47 विधानसभा सीटें अपने अकेले दम पर जीतकर सरकार बनाई थी और पार्टी को 43 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी नई रणनीति के तहत अगली पारी के लिए जीती सीटों के साथ-साथ हारी हुई सीटों पर भी पूरा फोकस कर दिया है। इसी के चलते वे स्वयं सभी विधानसभा सीटों पर दस्तक देते हुए वहां से फीडबैक ले रहे हैं तो वहीं हारी हुई 43 सीटों पर अपनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सहित सभी मंत्रियों, एक सांसद व 28 विधायकों की प्रभारी के तौर पर विशेष तैनाती कर दी है। 

मुख्यमंत्री व भाजपा नेतृत्व का सार्थक कदम : जैन
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन का कहना है कि पिछले चुनाव में भाजपा जिन सीटों पर जीत दर्ज करने से वंचित रह गई थी उन सीटों पर इस दफा पूरे दमखम से चुनाव लड़कर जीत दर्ज करने की दिशा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व भाजपा नेतृत्व का यह एक अच्छा व सार्थक प्रयास है। उनका कहना है कि इन क्षेत्रों के लोगों को चूंकि सरकार में भागीदारी नहीं मिल पाई थी और यहां के लोग अपने प्रतिनिधि से भी वंचित थे, इसलिए इन क्षेत्रों में मंत्रियों व विधायकों के रूप में लोगों को प्रतिनिधि मिल गए और उनके काम भी आसान हुए हैं। उनका कहना है कि इस प्रयास से निश्चित तौर पर पार्टी को फायदा होगा और भाजपा अगले चुनाव में इन हारी हुई अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज कर सकेगी।

आसन्न चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सत्ता वापसी के तहत पिछले विधानसभा चुनावों में हाथ से निकली 43 विधानसभा सीटों पर इस बार जीत दर्ज करने की कवायद के तहत नया प्रयोग करते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के साथ-साथ अपने सभी 13 मंत्रियों प्रो. रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओमप्रकाश धनखड़, अनिल विज, राव नरबीर सिंह, कविता जैन, कृष्ण लाल पंवार, विपुल गोयल, मनीष ग्रोवर, कृष्ण कुमार बेदी, कर्णदेव कंबोज, बनवारी लाल व नायब सिंह सैनी, सांसद रतनलाल कटारिया व 28 विधायकों की विशेष ड्यूटियां 43 विधानसभा क्षेत्रों में लगाई हैं ताकि इन क्षेत्रों के लोगों को मंत्री व विधायक के रूप में अपना प्रतिनिधि मिल सके और उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। इस फार्मूले के तहत यह मंत्री व विधायक अपने निर्धारित विधानसभा क्षेत्रों में जाकर कार्यकत्र्ताओं के साथ-साथ पार्टी पदाधिकारियों व आम जनता से मिल रहे हैं। 

वर्ष 2014 के चुनाव में जिन 43 सीटों पर भाजपा जीत दर्ज करने से वंचित रही उन सीटों में से भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को नरवाना आरक्षित सीट का प्रभारी नियुक्त किया गया है तो अम्बाला के सांसद रतनलाल कटारिया को गन्नौर तैनात किया गया है। इसी प्रकार मंत्री अनिल विज को कैथल, कृष्ण लाल पंवार को बड़ोदा, कैप्टन अभिमन्यु जींद, प्रो. रामबिलास शर्मा दादरी, ओमप्रकाश धनखड़ कलानौर, कविता जैन तिगांव, विपुल गोयल होडल, कृष्ण बेदी फतेहाबाद, कर्णदेव काम्बोज रानियां, नायब सिंह सैनी ऐलनाबाद, मनीष ग्रोवर हांसी, राव नरबीर सिंह लोहारु व डा. बनवारी लाल को पृथला का प्रभारी बनाया गया है। जिन 28 विधायकों को अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है उनमें ज्ञान चंद गुप्ता को पिहोवा, श्याम सिंह राणा कलायत, घनश्याम दास अरोड़ा पुंडरी, लतिका शर्मा समालखा, रोहिता रेवड़ी राई, नरेश कौशिक खरखौदा, बलवंत सिंह गोहाना, कुलवंत बाजीगर जुलाना, भगवान दास कबीर पंथी सफीदों, सुभाष सुधा रतिया, डा. कमल गुप्ता कालांवाली, लाडवा के विधायक डबवाली, असीम गोयल सिरसा, घनश्याम सर्राफ आदमपुर, हरविंद्र कल्याण उकलाना, बख्शीश सिंह विर्क बरवाला, सुखविंद्र श्योराण नलवा, ओमप्रकाश यादव तोशाम, अभय सिंह यादव महम, बिशम्बर वाल्मीकि गढ़ी सांपला किलोई, महिपाल ढांडा झज्जर, प्रेमलता बेरी, उमेश अग्रवाल नूंह, रणधीर कापड़ीवास फिरोजपुर झिरका, विक्रम सिंह यादव पुन्हाना, मूलचंद शर्मा हथीन, सीमा त्रिखा पलवल व तेजपाल तंवर फरीदाबाद एन.आई.टी. शामिल हैं।

इन प्रभारियों का यह है काम
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा सौंपी गई इस जिम्मेदारी के तहत सभी मंत्री व विधायक अपने-अपने अलॉटिड विधानसभा क्षेत्र में जाकर जहां जनता व कार्यकत्र्ताओं से सीधे रू-ब-रू होने के साथ-साथ पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारणों का भेद लगा रहे हंै तो वहीं इन हारी सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए कार्यकत्र्ताओं व नेताओं से फीडबैक भी ले रहे हैं। इन क्षेत्रों में पिछली बार चुनाव लड़े उम्मीदवारों या फिर नए चेहरों को लेकर भी जानकारी जुटाई जा रही है। इन क्षेत्रों में कार्यकत्र्ताओं की नाराजगी व आपसी गुटबाजी को दूर करने की जिम्मेदारी भी इन प्रभारियों को विशेष रूप से सौंपी गई है। इन क्षेत्रों के हर दौरे के बाद प्रभारी मंत्री व विधायक समूल रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत भी करते हैं। 


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Deepak Paul

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