सडक़ों पर सरेआम घूम रहे मवेशी, विधानसभा में भी उठा मामला लेकिन परिणाम सिफर

punjabkesari.in Sunday, Apr 18, 2021 - 09:42 AM (IST)

रेवाड़ी/नारनौल (योगेंद्र सिंह): दो दिन पूर्व नारनौल में सांड के हमले में एक वृद्धा की मौत हो गई। वहीं सलामपुरा में पांच महिलाओं को मवेशियों के झुंड ने जख्मी कर दिया। इस प्रकार की घटनाएं आए दिन अखबारों की सुर्खियां बन रही है लेकिन जिला प्रशासन को यह विकराल समस्या नजर ही नहीं आ रही है। रेवाड़ी से लेकर नारनौल-महेंद्रगढ़ तक के हालात करीब-करीब एक समान है। नगर परिषद व जिला प्रशासन अधिकारी कुंभकर्णीय नींद में हैं और यही कारण है कि सडक़ों पर मवेशी स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि मवेशियों के पकडऩे के लिए ठेका नहीं दिया गया। जयपुर की एक कंपनी को ठेका तो दिया और लाखों रुपए का भुगतान भी हो गया लेकिन स्थिति जस की तस है। इससे तो लगता है कि इसकी जांच हो, तो एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। जबकि यह विकराल समस्या विधानसभा में भी गूंजी लेकिन प्रशासन की नींद नहीं खुली।

रेवाड़ी में मवेशियों के कारण तीन की मौत के बाद विधानसभा में मामला पहुंचा। परिषद ने जयपुर की एक कंपनी को मवेशी पकडऩे का ठेका दिया और उसे करीब २१ लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया लेकिन समस्या आज भी मुंह बाएं खड़ी है। परिषद् अधिकारी बताते हैं कि मवेशी पकडऩे वाली एजेंसी ने 13 सौ से अधिक मवेशी पकड़े लेकिन समस्या दूर नहीं हुई। जबकि अधिकारियों को यह चैक करना चाहिए कि पकड़े गए मवेशी आखिरकार छोड़े कहां जाते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं एजेंसी मवेशी पकडक़र शहर से कुछ दूरी पर उन्हें छोड़ देती है और बाद में मवेशी वापिस शहर आ जाते हैं। एजेंसी को मवेशी पकडऩे की संख्या से मतलब है ताकि उसका बिल बनता रहे। रेवाड़ी विधायक चिरंजीव का कहना है कि इस विकराल समस्या को वह विधानसभा में उठा चुके हैं। साथ ही सीएम को ज्ञापन भी दिया लेकिन परिणाम जीरो। लगता है कि स्थानीय प्रशासन के सामने प्रदेश सरकार नतमस्तक है। यही कारण है कि अधिकारी चंडीगढ़ से आने वाले निर्देशों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। 

एक पखवाड़े में डेढ़ दर्जन से अधिक जख्मी, एक मृत
रेवाड़ी से लेकर नारनौल-महेंद्रगढ़ में मवेशियों के हमले में एक पखवाड़े में डेढ़ दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो चुके हैं। वहीं एक महिला की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा न बढ़े इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों को ठोस कदम उठाना होंगे।

स्थानीय लोगों का कहना, मवेशी और पशुपालक दोनों पर हो कार्रवाई
दीपक स्थानीय निवासी का कहना हैकि मवेशियों के सडक़ों पर विचरण करने से गंदगी के साथ ही जाम की समस्या निर्मित हो रही है। परिषद अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, जबकि उन्हें ठोस कदम उठाना चाहिए। महेंदर स्थानीय निवासी आवारा मवेशी नहीं हैं, पशुपालक हैं दूध निकालकर उन्हें छोड़ देते हैं। इसी के चलते आए दिन एक्सीडेंट होते हैं। मवेशी पकडऩे वाले एजेंसी के कर्मी ही पशुपालकों से पैसा लेकर उन्हें छोड़ देते हैं। राकेश स्थानीय निवासी का कहना है कि मवेशियों को चारा नहीं खिलाना पड़े इसके लिए पशुपालक उन्हें छोड़ देते हैं। पशुपालकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इनके कारण ही आए दिन लोग  जख्मी हो रहे हैं।

आखिरकार मवेशी कहां से आ रहे सडक़ों पर
कोई यह नहीं समझ पा रहा कि आखिरकार यह मवेशी आते कहां से हैं। जानकार बताते हैं कि जो मवेशी दूध नहीं देते उन्हें पशुपालक सडक़ों पर छोड़ देते हैं ताकि उसके खाने का खर्च उसे नहीं उठाना पड़े। कई पशुपालक ऐसे भी हैं, जो दूध निकालने के बाद मवेशी को सडक़ों पर विचरण के लिए छोड़ देते हैं। इसी के चलते सडक़ों पर मवेशियों की संख्या कम नहीं हो रही है।

कड़े कदम उठाने की जरूरत
परिषद को मवेशियों के रखने के लिए एक स्थान तय करना चाहिए, पशुपालक के मवेशी छुड़वाने के लिए आने पर उससे मोटा जुर्माना वसूलना चाहिए। मवेशी पकडऩे वाली एजेंसी को मवेशी छोडऩे का अधिकार नहीं देना चाहिए। इसके लिए एक नोडल ऑफिसर बनाया जाना चाहिए। इसी प्रकार जिन घरोंकी सीवर लाइन से गोबर, घास सीवर में जा रहा है उनके सीवर लाइन कनेक्शन विच्छेद करना चाहिए।

प्राथमिकता से दूर करेंगे समस्या
रेवाड़ी नगर परिषद के नवनियुक्त ईओ मनोज यादव ने बताया कि दो दिन पहले ही ज्वाइन किया है। यह समस्या मेरे संज्ञान में है और इसे प्राथमिकता के साथ दूर करेंगे। इसी प्रकार रेवाड़ी से नारनौल ईओ राव अभय सिंह का कहना है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। जल्द ज्वाइन करेंगे और शहर की समस्याओं का निदान करेंगे।


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Content Writer

Isha

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