किसानों के जत्थे को रोक न पाई पुलिस,चढूनी बोेले- देश का किसान जाग चुका है, चुप नहीं बैठेगा

punjabkesari.in Friday, Nov 27, 2020 - 10:38 AM (IST)

घरौंडा (विवेक राणा): एंकर-तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ हजारों किसानों का जत्था किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में बृहस्पतिवार सांय घरौंडा हाइवे से गुजरा। बसताडा के पास टोल प्लाजा पर पुलिस प्रशासन ने काफी देर तक ट्रकों को रोके रखा जैसे ही किसानों का जत्था टोल पर पहुंचा तो कुछ किसानों ने टोल बैरियर को हटा दिया। किसानों के जत्थे को प्रशासन नहीं रोक सका और मुखदर्शक बना रहा। इस दौरान किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे व किसानों में सरकार के खिलाफ विशेष आक्रोश ओर अपनी मांगे मनवाने का जोश था।

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पत्रकारों से घरौंडा हाइवे पर बातचीत करते हुए कहा कि उनका जीवन किसानों को समर्पित है। उनकी मांग है कि सरकार तीनों कृषि अध्यादेश खारिज करे या फिर एम.एस.पी.की गारंटी को लेकर कानून बनाए। ताकि किसान के साथ कोई कम्पनी व व्यापारी मनमानी न कर सके। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इन अध्यादेशों को सही मानती है तो एम.एस.पी.की गारंटी का कानून पास करने से क्यों डऱ रही है। जिसके चलते देश के किसान में आज डर व भय है। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि वे किसान भाईयों के हकों की लड़ाई के लिए उनके साथ अब निकल पड़े है, अब देश का किसान जाग चुका है। वह चुप न बैठेगा। उन्होंने कहा कि किसान भाई इस आक्रोश यात्रा को पूरा समर्थन दे रहे है व किसान भाईयों के पानी व भोजन की पूरी व्यव्स्था हो रही है। वे सभी किसानों के साथ दिल्ली पहुंचेगे। इस दौरान पूरा दिन हाइवे बंद रहा व हाइवे की ट्रैफिक पुलिस द्वारा आस-पास के गांवों से निकाली गई।

किसान नेता चढुनी ने पत्रकारों को कहा कि सरकार किसान के साथ कु्रुरता बरत रही है और उसका सरकार को मुंहतोड जवाब मिल रहा है, सरकार का वो काम है सौ गठे भी खाएगी व सौ जूते भी खाएगी। सरकार कार्पाेरेट के पास बिकी हुई है उनके द्वारा कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को संदेश देना है कि जनता के विरूद्ध चलना प्रमात्मा के विरूद्ध चलना है वो मान जाए अभी देश को भूखमरी की कगार पर पहुंचा कर स्वर्ग नहीं मिलेगा।

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सरकार की ओर से बातचीत की बात आई है, लेकिन सरकार का रवैया अच्छा नहीं है। यदि सरकार बातचीत करना ही चाहती है तो प्रधानमंत्री के साथ ही अब किसानों की बातचीत होगी। यह किसान परिवारों के भविष्य का सवाल है। इसके लिए हम आंदोलन जारी रखेंगे। जहां भी सरकार हमें रोकना चाहेगी, तो हम वहीं बैठ जाएंगे। लेकिन पीछे नहीं हटेंगे।


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Isha

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