अब ‘अपनों’ को मनाना खट्टर के लिए चुनौती

punjabkesari.in Tuesday, Feb 28, 2017 - 03:30 PM (IST)

चंडीगढ़ (बंसल/पांडेय):हरियाणा विधानसभा बजट सत्र में अब सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को विरोधियों से ज्यादा ‘अपनों’ को मनाना पड़ रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को सत्र शुरू होने से कुछ घंटे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और सुभाष बराला के साथ करीब 11 विधायकों के साथ गुप्त बैठक की। बताया गया कि इस बैठक में दक्षिण हरियाणा से सम्बंध रखने वाले ज्यादा विधायक थे जो पिछले कई दिनों से अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे हैं। 

सूत्रों की मानें तो विधायकों के विरोध को शांत करने के प्रयास सरकार तथा संगठन दोनों के स्तर पर शुरू हो गए थे। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास पर एक कमरे में हुई। करीब 2 घंटे की बैठक के बाद कुछ निकलकर सामने तो नहीं आया, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार इस बात से चिंतित है कि सदन में अपने ही विधायक विरोधी दलों के सुर में सुर न मिला दें और इसे इस विवाद को शांत करना जरूरी था। यहां बता दें कि इससे पूर्व भी उक्त विधायक सरकार की कार्यशैली के खिलाफ 3 बैठकें कर चुके हैं और पिछली बैठक के बाद तो मुख्यमंत्री से मिलकर सरकार की कार्यशैली बारे अवगत भी करवाया था, लेकिन कोई हल न निकलता देख इन विधायकों के तेवर दिन-प्रतिदिन उग्र होते जा रहे थे। कई विधायकों ने तो ऐसे प्रश्न लगा दिए थे कि जिनसे सरकार की कार्यशैली की किरकिरी हो सकती है। विधायकों ने अपनी ही सरकार में बेगानों जैसा व्यवहार किए जाने का मुद्दा मुख्यमंत्री के सामने उठाया। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री तथा प्रदेशाध्यक्ष ने विधायकों को आश्वस्त किया है कि उनकी सभी समस्याओं का गंभीरता से समाधान किया जाएगा, लेकिन एक विधायक ने बैठक के बाद यह कहा कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने ऐसा ही आश्वासन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा गलियारों की चर्चाओं को मानें तो इन विधायकों की संख्या बढ़ती जा रही थी और एक विधायक के पति का तो यह भी कहना था कि उनकी संख्या 24 तक जा पहुंची है। दक्षिण हरियाणा के विधायकों ने अपने साथ हाईवे बैल्ट यानी जी.टी. रोड के विधायकों को भी साथ जोड़ लिया था। 

इसलिए नहीं ले सकते हल्के में
इस बैठक को इसलिए भी हल्के में नहीं लिया जा सकता। क्योंकि कई दिनों से बैठक के दौर से गुजरने वालों में वे लोग हैं, जिन्हें अब तक या तो सत्ता में भागीदारी नहीं मिली या उन्हें सत्ता से हटाया गया है। इन लोगों में रणधीर सिंह कापड़ीवास, उमेश अग्रवाल, पवन सैनी, लतिका शर्मा, संतोष सारवान, विक्रम ठेकेदार, बिमला  चौधरी, घनशयाम सर्राफ , सुखविंद्र सिंह, ओ. पी. यादव, प्रेमलता के शामिल होने की चर्चा है। इनमें से विक्रम ठेकेदार को राज्य मंत्री से हटाकर बनवारी लाल को बनाया गया था तो घनश्याम सर्राफ भी हटाए गए थे। इसके अलावा गुरुग्राम से मौजूदा भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल ने कुछ दिन पहले ही गुरुग्राम व चंडीगढ़ में अपनी ही सरकार से जुड़े लोगो व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि सरकार ने मैट्रो का रूट बदला है। इस रूट के कारण जमीनों के दामों में अच्छा उछाल आया है। ये उछाल उस सैक्टर में आया है। जहां भाजपाइयों के निवास हैं।


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