Puran Kumar suicide case: CBI जांच की मांग पर चीफ जस्टिस बोले- हर जांच ट्रांसफर नहीं की जा सकती
punjabkesari.in Saturday, Oct 18, 2025 - 10:21 AM (IST)

चंडीगढ़: हरियाणा के सीनियर आईपीएस अफसर वाई. पूरन कुमार सुसाइड केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका लुधियाना के नवनीत कुमार ने दायर की है। शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस शील नागू ने याचिकाकर्ता नवनीत कुमार से पूछा कि किन परिस्थितियों में जांच को सीबीआई को सौंपा जा सकता है। इस मामले में ऐसा क्या असाधारण है कि जांच सीबीआई को दी जाए। इस मामले पर अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।
याचिकाकर्ता नवनीत कुमार के वकील वीके शर्मा ने दलील दी कि जांच कर रहे एक अधिकारी ने भी आत्महत्या कर ली है, जिससे मामला बेहद संवेदनशील हो गया है। जब वरिष्ठ अधिकारी आत्महत्या कर रहे हैं और कई आईएएस व आईपीएस अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप लगा रहे हैं, तो यह गंभीर मामला है। यह सिर्फ सुसाइड का मामला नहीं बल्कि पुलिस की कार्यशैली की भी पड़ताल होनी चाहिए।
चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने याचिका दायर करने के अधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि लुधियाना के रहने वाले याची का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। चंडीगढ़ पुलिस की विशेष टीम जांच कर रही है। एसआईटी को आईजी रैंक के एक आईपीएस अधिकारी लीड कर रहे हैं। इसमें 3 आईपीएस अधिकारी और 3 डीएसपी शामिल हैं। कुल मिलाकर 14 सदस्यीय टीम साइंटिफिक व तकनीकी आधार पर जांच कर रही है।
फिलहाल इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) कर रही है। बताया जा रहा है कि एसआईटी इस केस में दिवंगत आईपीएस की आईएएस अफसर पत्नी अमनीत पी. कुमार से पूछताछ करने की तैयारी में है। उनकी दोनों बेटियों, पंजाब की बठिंडा ग्रामीण सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक अमित रतन और परिवार के अन्य करीबी सदस्यों के भी बयान दर्ज करेगी। साथ ही सुसाइड नोट पर किए गए सिग्नेचर की हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई जाएगी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार की बेटी ने ही सबसे पहले अपने मामा विधायक अमित रतन को इस घटना की जानकारी दी थी। बताया जा रहा है कि रतन ही इस हादसे की जानकारी मिलने पर सबसे पहले मौके पर पहुंचे। अब तक एसआईटी इस मामले में 5 कर्मचारियों से पूछताछ कर चुकी है। हालांकि, पुलिस ने इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।