धरने पर बैठे किसानों की घटती संख्या पर चढूनी की सफाई, जरूरत पड़ी तो एक रात में...

punjabkesari.in Saturday, Mar 06, 2021 - 09:10 AM (IST)

रोहतक(दीपक): करीब सौ दिनों से भी ज्यादा समय से बोर्डरों पर धरने पर बैठे किसानों की घटती संख्या पर अब किसान नेता सफाई देते फिर रहे है।किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के अनुसार बॉर्डर पर किसानों की संख्या इसलिए कम हो रही है कि अभी आंदोलन का रूप बड़ा नही है।अगर जरूरत पड़ी तो रातों रात किसान इकठ्ठा हो सकते है।यही नही किसानों पर दर्ज मुकदमों के चलते अगर किसानों को गिरफ्तार किया गया तो किसान थानों के घेराव करेंगे।किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी आज रोहतक महम के फरमाना गांव में किसान पंचायत में पहुँचे थे।

बोर्डरों पर आंदोलकारी किसानों की लगातार घटती संख्या से किसान नेता चिंतित हो रहे है।इसको लेकर किसान नेता किसान पंचायतों में सफाई देते फिर रहे है।किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को लगता है कि बॉर्डर पर किसानों की जो संख्या घट रही है उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। गुरनाम सिंह चढूनी के अनुसार बॉर्डर पर फिलहाल आंदोलन का स्वरूप ज्यादा बड़ा और गंभीर नहीं है इसलिए वहां पर किसानों की संख्या घट रही है।उनका कहना है कि अभी किसान केवल बॉर्डर पर खाली बैठा है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब भी जरूरत पड़ेगी एक रात में किसान वापिस आंदोलन को खड़ा कर सकते हैं। गुरनाम  सिंह चढूनी आज रोहतक में महम के फरमाना गांव में किसान पंचायत में पहुंचे थे। गौरतलब है कि करीब 100 दिनों से भी ज्यादा समय से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों की संख्या फसल कटाई के चलते लगातार घटती जा रही है जिसको लेकर किसान नेता लगातार चिंतित हो रहे हैं।

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि बीजेपी जेजेपी वालों का विरोध करें।इन्हें गांवों में ना घुसने दे। किसानों पर दर्ज मुकदमों को लेकर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार किसानों से पंगा ना ले ओर सरकार की जेलें छोटी पड़ जाएंगी लेकिन किसान जेल जाने से नही डरेगा।उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज मुकदमों के चलते अगर पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो थानों के घेराव किया जाएगा।गौरतलब है कि महम में एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा के राज्यसभा सांसद का घेराव करने पर सरपंच रहित करीब 200 किसानों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है जिसको लेकर फरमाना गांव में किसान पंचायत का आयोजन किया गया।

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Content Writer

Isha

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