कैथल के गबन मामले में एक्शन में CM, कागजों में बिल्डिंग खड़ी कर पंचायत फंड से निकाले थे 14.32 लाख

punjabkesari.in Sunday, Feb 12, 2023 - 03:54 PM (IST)

कैथल(जयपाल) : करीब डेढ़ साल पहले कैथल की ग्राम पंचायत डेरा गदला में बीडीपीओ, एसडीओ, जेई और ग्राम सचिव द्वारा बिना कार्य किए ग्राम पंचायत के खाते से 14.32 लाख रुपए निकालकर अपने नाम करने का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए इसकी जांच रिटायर्ड आईएएस एमके मिड्डा को सौंपी है। दरअसल ग्रामीणों की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर से मामले में जांच रिपोर्ट मांगी थी।

 

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2021 का है मामला, जांच में दोषी पाए गए थे अधिकारी, नहीं हुई कार्रवाई

दरअसल 2021 में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद जब चुनाव नहीं हुए तो पंचायतों का चार्ज बीडीपीओ यानी प्रशासक के पास चला गया था। इसके बाद बीडीपीओ के जरिए ही गांव में विकास कार्य होने थे। ग्राम पंचायत डेरा गदला में सरकारी फंड से गांव में सामुदायिक भवन और एक व्यायामशाला का निर्माण किया जाना था। हैरानी की बात यह है कि कागजों में तो बिल्डिंग बनकर तैयार भी हो गई थी, लेकिन धरातल पर असल में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी हुई हैं। इस प्रकार भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा सामुदायिक भवन व व्यायामशाला बने होने का घोटाला करते हुए बिना कार्य के ही कैथल की फर्म गणेश ट्रेडिंग कंपनी को 14.32 लाख रुपए की अदायगी कर दी थी। यह मामला कैथल उपायुक्त व सरकार के संज्ञान में आने पर इस मामले की जांच करवाई गई थी। जांच में बीडीपीओ, एसडीओ, जेई व ग्राम सचिव को दोषी पाया गया था। उसके बाद यह पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया था और दोषी अधिकारी अपने राजनीतिक रसूख के कारण इस मामले में अब तक बचे हुए थे।

 

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सीएम मनोहर लाल ने रिटायर्ड आईएएस को सौंपी जांच

डेढ साल के बाद जब यह मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास पहुंचा तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया और कैथल भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक गुर्जर से इस पूरे मामले की रिपोर्ट ली। रिपोर्ट में दोषी अधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई न होने की बात सामने आई। इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने अब इस पूरे मामले की दोबारा से जांच करने के लिए एक रिटायर्ड आईएएस एमके मिड्ढा को नियुक्त किया है। एमके मिड्ढा इस पूरे मामले की बारीकी से जांच करेगें। जांच अधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाजपा अध्यक्ष से बात कर मामले को लेकर उनका पक्ष भी जाना। फिलहाल मामले की जांच जारी है। अब देखना होगा कि डेढ साल पहले दोषी करार दिए गए भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होती है या फिर यह मामला एक बार फिर सिर्फ फाइलों में दबकर रह जाएगा।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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