कांग्रेसी विधायक ने खट्टर पर लगाया 130 करोड़ के जमीन घोटाले का आरोप

punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2019 - 08:57 AM (IST)

रोहतक(अमरदीप): रोहतक से कांग्रेस के पूर्व विधायक भारत भूषण बत्तरा ने बुधवार को प्रैस वार्ता में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर समेत कई उच्चाधिकारियों पर मिलीभगत कर करोड़ों की जमीन कंपनियों को कौडिय़ों के भाव देने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि इनमें से कई कंपनियां तो जमीन लेने के नियमों की शर्तों को भी पूरा नहीं करतीं।

भारत भूषण ने सबूतों के होने का दावा करते हुए कहा कि एशिया की सबसे बड़ी शौरी कपड़ा मार्किट के नजदीक पुराने पुलिस स्टेशन की जगह पर पी.पी.पी. मोड (पब्लिक और प्राइवेट भागीदारी) से बनने वाली बहुस्तरीय पार्किंग-कम-कमर्शियल काम्पलैक्स में लगभग 130 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है।

उन्होंने दस्तावेज मीडिया के सामने दिखाते हुए कहा कि इस घोटाले को अंजाम देने के लिए 3 कम्पनियों का सहारा लिया गया- रिचा इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिचा कृष्णा कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड और इंड सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड।
 
कम्पनियों को लीज पर देने की ये हैं शर्तें 
पी.पी.पी. मोड पर बनने वाले इस बहुस्तरीय पार्किंग-कम-कमर्शियल काम्पलैक्स के जारी नियमों के तहत 3 शर्तें हैं। पहली शर्त के मुताबिक कंपनी 5 साल पुरानी हो। दूसरी, 31 मार्च 2018 तक कंपनी का पिछले 5 सालों का टर्नओवर 20 करोड़ सालाना होना जरूरी है। तीसरी शर्त है कि 31 मार्च 2018 तक कंपनी की नैट वर्थ 5 करोड़ होनी जरूरी जबकि रिचा कृष्णा कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड और इंड सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड दोनों कंपनियां किसी भी नियम पर खरा नहीं उतरती हैं।

तीसरी कंपनी रिचा इंडस्ट्रीज लिमिटेड तो खुद दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही है। कानून के अनुसार जब कोई कंपनी दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजरती है तो उस वक्त उसको किसी प्रकार का सरकारी काम नहीं दिया जा सकता है मगर यहां इस नियम की अनदेखी की गई। 

करोड़ों की जमीन एक रुपया प्रति स्क्वेयर मीटर के हिसाब से दी 99 साल के लिए लीज पर
बहुस्तरीय पार्किंग-कम-कमर्शियल काम्पलैक्स को 99 साल के लिए लीज पर दिया गया है। यह जमीन सरकार ने केवल अप फ्रंट प्रीमियम के साथ 2 करोड़ 70 लाख रुपए के भुगतान के साथ 2 लाख 24 हजार 112 रुपए सलाना किराए पर लीज पर दी। यह लीज एक रुपया प्रति स्क्वेयर मीटर के हिसाब से दी गई है। इस सारे प्रोजैक्ट जिसमें 997 स्क्वेयर मीटर (1300 गज) कमर्शियल बेसमैंट जमा 4 मंजिल और टॉप फ्लोर पर कैफेट एरिया सहित बनाने में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अनुमानित लागत 17 करोड़ के करीब आएगी।

कुल मिलाकर लगभग 19.70 करोड़ खर्च करके एक झटके में कमर्शियल बनने वाली दुकानों को बेचकर लगभग 130 करोड़ कमाने का प्लान है। अगर शौरी मार्कीट के आसपास जमीन के भाव को देखें तो तकरीबन 14 लाख प्रति गज की कीमत है। 

28 जनवरी को तकनीकी रिपोर्ट के साथ खोला गया था इस टैंडर को 
बता दें कि रोहतक नगर निगम ने 20 दिसम्बर 2018 को ई-टैंडर खोला था। सिंगल टैंडर होने के कारण 2 जनवरी 2019 को यह ई-टैंडर दोबारा से निगम ने अपनी वैबसाइट पर अपलोड किया। 28 जनवरी 2019 को तकनीकी रिपोर्ट के साथ इस टैंडर को खोल दिया गया। 20 दिसम्बर 2018 से लेकर 1 जनवरी 2019 तक के बीच नई कंपनी बनाने का खेल भी शुरू हो गया ताकि उसको यह काम दिया जा सके।

इसके लिए एक ऐसी कम्पनी का भी सहयोग लिया गया जो नियमों को पूरा करती हो लेकिन इस बीच 130 करोड़ कमाने की भूख में यह भी नहीं देखा जिस कम्पनी का वह सहारा ले रहे हैं वह खुद एन.सी.एल.टी. द्वारा दिवालिया होने की प्रक्रिया में है। दिवालियापन की इस प्रक्रिया को खुद टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा ब्लूज स्कोप लिमिटेड द्वारा शुरू किया गया है।

एक दिन पहले ही पंजीकृत करवाई गई कम्पनी
भारत भूषण ने आरोप लगाया कि यह सारी जमीन सुनियोजित तरीके से एक कंपनी रिचा कृष्णा कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट को बेच दी गई। इसको टैंडर बिड की प्रक्रिया शुरू होने से एक दिन पहले ही पंजीकृत करवाया गया था। 


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kamal

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