हरियाणा पुलिस में भ्रष्टाचार: करोड़ों रुपये के कमीशन के चक्कर में खरीदी 226 बोलेरो, जानिए पूरा मामला

punjabkesari.in Wednesday, Mar 18, 2020 - 04:48 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा पुलिस द्वारा खरीदी गई 226 बोलेरो की खरीद में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेले जाने की खबर मिलने लगी हैं। खरीदी गई सभी बोलेरो बीएस-4 हैं, जिनकी बिक्री 1 अप्रैल से देश में बंद होनी थी। चर्चा है कि गृह मंत्री अनिल विज इस मामले में जांच करवा सकते हैं। कंपनी ने ये गाडिय़ां हरियाणा पुलिस को काफी सस्ते दामों में दी हैं, लेकिन इनकी खरीद में शामिल रहे अधिकारियों ने इस डिस्काउंट/कमीशन का फायदा सरकार को पहुंचाने के बजाए खुद ही हजम कर लिया। माना जा रहा है कि एक गाड़ी की खरीद पर डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा का गोलमाल किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार देश में बीएस-4 वाहनों की बिक्री 1 अप्रैल से बंद हो रही है। ऐसे में तमाम वाहन निर्माता अपने बीएस-4 वाहनों का स्टॉक क्लीयर करने के लिए मोटे डिस्काउंट देने में लगे हैं। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, चंडीगढ़ स्थित कंपनी के किसी भी शोरूम पर अब बोलेरो बीएस-4 का स्टॉक जीरो हो गया है। 

महिंद्रा मराजो बीएस-4 के सिंगल खरीदार को एक गाड़ी की खरीद पर 17 मार्च को कंपनी की ओर से 1.71 लाख का शुरुआती डिस्काउंट दिया जा रहा है, जो बार्गेनिंग करने पर 2 लाख से अधिक पहुंच रहा है। लेेकिन, हरियाणा पुलिस ने 226 बोलेरो बीएस-4 (एलएक्स पॉवर), यानी बेस मॉडल की खरीद एक्स शोरूम प्राइस पर की है। जबकि, इतनी संख्या में गाडिय़ां खरीदने पर कंपनी की ओर से मोटे कमीशन के साथ ही प्रत्येक गाड़ी पर डेढ़ लाख रुपये अधिक डिस्काउंट देने की जानकारी मिली है। 

इन गाडिय़ों की डिलीवरी 9 मार्च के बाद से करनाल स्थित पीपी ऑटोमोबाइल से शुरू हुई। हैरान करने वाली बात है कि हरियाणा पुलिस को मिली गाडिय़ों के बिल भले ही करनाल की इस एजेंसी ने काटे हों, परन्तु इन्हें उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, राजस्थान की एजेंसियों से लाकर डिलीवर किया गया। इसका खुलासा इन गाडिय़ों पर लगे टेंपरेरी नंबर से होता है। यही नहीं, इन गाडिय़ों पर किसी तरह की असेस्सरी तक नहीं लगवाई गई है, वरना इतनी बड़ी खरीद पर मैट, मड फ्लेप, सीट कवर समेत बेसिक असेस्सरी तो कंपनी/डीलर की ओर से निशुल्क मुहैया करवा दी जाती है।

बोलेरो खरीद का खेल ऐसी मिलीभगत से खेला गया कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली प्रदेश सरकार तक को भनक नहीं लगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल व गृह मंत्री अनिल विज की नाक के नीचे अफसरों ने गाडिय़ों की खरीद में खुद की पौबारह कर ली। सरकार की ओर से बल्क खरीद करने पर मिलने वाले कमीशन के साथ ही आखिरी महीने में बीएस-4 की खरीद पर मिलने वाले डिस्काउंट को सोची-समझी प्लानिंग के तहत जेबों में भर लिया।

पूरे प्रकरण की जांच में पुलिस हैडक्वार्टर पंचकूला के खरीद अधिकारियों की भूमिका का तुरंत खुलासा हो सकता है। मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा पुलिस की इस खरीद से महिंद्रा कंपनी को बड़ा फायदा हुआ।


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Shivam

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