दलित महिलाओं पर होता है अत्याचार, न किया जाए एक्ट में संशोधन: दलित नेता

punjabkesari.in Monday, Apr 02, 2018 - 06:43 PM (IST)

पंचकूला(धरणी): एससी/एसटी कानून में संशोधन किए जाने के विरोध में ओर रोष स्वरूप आज सैकड़ों की संख्या में दलित समाज के लोग सड़कों पर उतरे। सुप्रीम कोर्ट फैसले को वापस लिए जाने की मांग को लेकर दलितों ने उपायुक्त पंचकूला के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी कानून में संशोधन किए जाने के फैसले से नाखुश दलित समाज के लोग जगह-जगह पर धरने प्रदर्शन कर रहे हैं।

दलित नेताओं ने कहा कि  20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट में बदलाव कर उसे निष्प्रभावी बना दिया है। उन्होंने कहा कि पहले ही दलितों पर अपराध बढ़ रहे हैं और सुनवाई नहीं होती और अब यह बदलाव कर दिया गया है, उन्होंने कहा कि इस फैसले को लेकर प्रधान मंत्री रिव्यू पिटीशन डालें और अच्छी तरह से इसकी पैरवी करें। उन्होंने कहा कि भारत में 35 करोड़ अनुसूचित और जनजाति की संख्या है, दलित महिलाओं पर अत्याचार होते हैं, इसलिए इस कानून की जरूरत है। लेकिन इस कानून में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए।

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दलित नेता व पूर्व विधायक लहरी सिंह ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट में किये गए बदलाव का फैसला वापिस लिया जाए। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों के खिलाफ गलत फैसला लिया गया है जिसे निरस्त किया जाना चाहिए।


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Shivam

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