Sonipat: 105 वर्षीय फूलपति को पुत्रवधुओं ने दिया कंधा, पूरी की अंतिम इच्छा

punjabkesari.in Friday, Dec 23, 2022 - 01:17 PM (IST)

सोनीपत (सन्नी) : हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार माता-पिता के मरणोपरांत अब तक बेटे-बेटियों को ही कंधा देते सुना था, लेकिन सोनीपत के बौद्ध विहार में 105 वर्षीय फूलपति को उसकी पुत्रवधुओं ने कंधा दिया है। जबकि फूलपति के पांच बेटे, तीन बेटियां, नौ पोते व नौ पाेतियां हैं। फूलपति पांच साल से चारपाई पर थी। पुत्रवधुएं ही फूलपति की सेवा कर रही थी। 

आपको बता दें कि मुरथल रोड स्थित बौद्ध बिहार कॉलोनी निवासी फूलपति के दो बेटे हरियाणा सरकार व दो बेटे केंद्र सरकार में अधिकारी रहे हैं। जबकि छोटा बेटा खेती संभालता है। फूलपत्ती पांच साल से चलने-फिरने में असमर्थ थी और चारपाई पर ही रहती थी। फूलपत्ती की बहुओं ने अपनी सास को कभी असहज महसूस नहीं होने दिया। हर पल साथ रह कर अपनी सास का दुख-सुख बांटते हुए उन्हें कभी अकेले नहीं छोड़ा। पुत्रवधुओं की सेवा से प्रभावित होकर अपने बेटे को इच्छा जाहिर की कि जब सेवा बहुओं ने की हैं तो मेरी अंतिम रस्में भी बहुओं को ही करनी चाहिए। जहां बुधवार देर रात फुलपती ने घर पर ही अंतिम सांस ली। 

वहीं हरियाणा रोडवेज में मुख्य निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त उनके मझले बेटे रोहतास कुमार ने अपनी माता की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए बहुओं के कंधों पर अर्थी रखते हुए समाज में एक नई पहल की शुरुआत की। सेक्टर-15 श्मशान घाट में फूलफती को मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार में हरियाणा रोडवेज के स्टाफ सदस्य, सेवानिवृत्त जिला आबकारी एवं कराधान अधिकारी आरके पावरिया, सेवानिवृत्त जिला राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

गौर रहे कि बौद्ध बिहार की रहने वाली फूलपति के पार्थिव शरीर को उनकी दो पुत्र वधुओं ने कंधा दिया। उनकी पुत्रवधू शकुंतला और बबीता ने सास की अंतिम इच्छा को पूरा किया। दोनों महिलाएं गृहिणी हैं। दोनों बहुओं का कहना है कि उन्होंने सदैव सेवा भाव से सास को अपने साथ रखा। भरे पूरे परिवार में फूलपति के पांच बेटे थे। जिनमें से एक का निधन उनसे पहले हो चुका है।

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Content Writer

Manisha rana

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