''यो रोहतक से मेरे भाई अड़े नीरे फरारी काटे से'' गाने पर बवाल, 2 नर्सिंग ऑफिसर पर जनलेवा हमला

punjabkesari.in Sunday, Mar 24, 2024 - 06:16 PM (IST)

फरीदाबाद(अनिल राठी): छायसा स्थित अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत दो नर्सिंग ऑफीसरों को अपनी गाड़ी में "यो रोहतक से मेरे भाई अड़े नीरे फरारी काटे से'' की बोल का गाना बजाना भारी पड़ गया। इस गाने को सुनकर छायसा इलाके में दोनों नर्सिंग ऑफीसरों पर न केवल मकान मालिक सहित उसके दो बेटे बल्कि अन्य बाहर से बुलाए बदमाशों ने लाठी डंडे सरिए और चाकू से हमला कर दिया। इस हमले में एक नर्सिंग ऑफिसर रामफल का हाथ टूट गया और शरीर पर चाकू लग गई। वहीं दूसरा नर्सिंग ऑफिसर मंजीत भी बदमाशों के मामले में गंभीर रूप से घायल हुआ है।

इस हमले में घायल नर्सिंग ऑफिसर रामफल ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते मंगलवार की शाम को वह अपने दोस्त मंजीत से मिलने के लिए गया था। वह दोनों गाड़ी में बैठकर बातचीत करते हुए एक गाना चला रहे थे, जिसके बोल थे "यो रोहतक से मेरे भाई अड़े नीरे फरारी काटे से'' इस गाने के बजाने के बाद उसके दोस्त मंजीत के मकान मालिक के साथ उसके दोनों बेटे और कुछ युवक आए उन्होंने इस गाने के बजाने का विरोध किया। रामफल ने बताया कि जैसा कि उसे जानकारी मिली कि यहां पर किसी रोहतक के युवक ने छायसा के रहने वाले एक युवक की हत्या कर दी थी। इसी से नाराज होकर उन्होंने उन पर यह हमला कर दिया। इस हमले में उन्होंने उन पर लाठी डंडे सरिए और चाकू से हमलावरों ने वार किया। जिसके चलते न केवल मंजीत बल्कि उसे भी काफी गंभीर चोटें आई हैं।

रामफल ने बताया की इस हमले में उसका एक हाथ टूट गया है और उसके शरीर पर कई चोट के निशान हैं। वहीं रामफल ने बताया कि बदमाशों के हाथों में चाकू थे जिन्होंने चाकू से भी उसपर हमला किया। जिसके चलते उसे एक चाकू लगा। अपने ऊपर हुए हमले में उन्होंने मकान की तीसरी मंजिल पर भाग कर अपनी जान बचाई। घायल रामफल के मुताबिक हमलावर मकान मालिक के साथ आए थे। इसलिए वह हमलावरों को देखकर जरूर पहचान लेगा। फिलहाल घायल दोनों नर्सिंग ऑफीसरों को बादशाह खान सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद निजी अस्पताल में इलाज लिए भर्ती कराया गया है।

वहीं इस मामले में घायल नर्सिंग ऑफिसर मंजीत ने बताया कि उनके ऊपर हुए हमले के बारे में उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी लेकिन पुलिस काफी लेट पहुंची जिसके चलते उन्हें अपने दोस्तों को फोन करके बुलाना पड़ा। उनके दोस्त जब आए तब उन्हें बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज के लिए वह लेकर पहुंचे। जहां पर उनके प्राथमिक उपचार देने के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। मामले में थाना छायसा एसएचओ ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल दोनों पक्षों की तरफ से पुलिस को शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जाएगी। इस घटना में जिसका भी दोष पाया जाएगा, उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

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Content Editor

Saurabh Pal

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